जमशेदपुर: भले ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले सरकार के किए गए कार्यों को बंद करने की घोषणा नहीं की है, लेकिन इसके मामले पर बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है. एक ओर जहां वर्तमान सरकार पुरानी योजनाओं की समीक्षा करने की बात कर रही है. वहीं, दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी इसे बदले की राजनीति बता रही है.
झारखंड सरकार के गठन का एक महीना बीत चुका है. मंत्रीमंडल का गठन हो चुका है. सरकारी कामकाज सुचारू रूप से काम करने लगा है. एक दो दिन के अंदर कैबिनेट की बैठक होने वाली है. इस बैठक में रघुवर सरकार के द्वारा किए गए कार्यो की भी समीक्षा होगी. समीक्षा के बाद पुराने सरकार के कुछ योजनाओं को बंद करने का फैसला भी लिया जा सकता है.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी इसे बदले की राजनीति बता रही है. बकायदा रघुवर दास ने एक मंच पर अपने भाषण के दौरान भी कहा था कि झारखंड की वर्तमान सरकार बदले की राजनीति के तहत उनके द्वारा जनता के हित में शुरू किए गए योजनाओ को बंद करने विचार कर रही है. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरीय नेता राकेश प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की रघुवर सरकार ने पिछले पांच सालों में विकासात्मक कार्य काफी किए हैं. वर्तमान सरकार को चाहिए कि वैसे कार्यो को आगे बढाए न की जांच के बहाने बंद करने की बात कहे.
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वर्त्तमान सरकार ने अभी तक पिछले सरकार की किसी योजना को बंद करने की घोषणा नहीं की है, लेकिन इसी बहाने सत्ता और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है. अगर वर्त्तमान सरकार इस मामले में कोई फैसला लेती है तो झारखंड मे एक बार फिर राजनितिक माहौल गरम हो जाएगा.