जमशेदपुर: जिले के बोड़ाम प्रखंड के लायलम पंचायत का तालाब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. सरकारी बाबुओं की अनदेखी के कारण तालाब बदहाल होता जा रहा है. सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी तालाब की स्थिति बदतर है. ऐसे में इलाके के ग्रामीण भी काफी चिंतित हैं.
पहाड़ों और जंगलों की तलहटियों पर बसा प्राकृतिक संसाधनों और खूबसूरती से भरपूर लायलम पंचायत से सटे राहरगोड़ा,पुंसा गांव में तालाब और डोभा दोनों सूख चुके हैं. कृषि कार्यालय के मुताबिक जिले में वर्ष 2018 तक 540 तालाब थे. बोड़ाम प्रखंड में 21 तालाब और 34 डोभा थे. जिसमें से कई तालाब समतल हो चुके हैं. सही तरीके से गहरी नहीं होने के कारण भी तालाब में पानी जमा नहीं हो पाता है. तालाब के खत्म होने से क्षेत्र का जलस्तर काफी नीचे चला गया है.
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यहां के ग्रामीण तालाब पर निर्भर हैं. फसलों और पशुओं के लिए भी तालाब का पानी उपयोग में लाया जाता है. तालाब में खुदाई भी आधी की गई है. वर्षा होने के बाद इसमें थोड़ा पानी भरता है, सरकारी बाबू तालाब की स्थिति भी नहीं देखने आते हैं. तालाब हमेशा से सूखा ही रहता है, जिससे ग्रामीणों को पानी की समस्या होती है.सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे डोभा मिले जो अब तक सूख गए हैं. पहाड़ों से बहने वाले पानी के लिए पानी को संचय करने के लिए डोभा में कोई व्यस्था नहीं की गई है. वर्षों से डोभा की स्थिति ऐसी ही है.