जमशेदपुर: लॉकडाउन में जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध हो इसके लिए सरकार के अलावे कई संस्थाएं काम कर रही हैं. सभी अपने-अपने स्तर से भोजन तैयार कर रहे हैं. उसी में एक जमशेदपुर के शास्त्रीनगर स्थित अन्ना अमृत फाउंडेशन में एक हजार नहीं बल्कि करीब सत्तर हजार लोगों का भोजन तैयार किया जाता है.
भोजन बनाने वालों का दावा है कि खाना बनाते समय कहीं भी हाथ का इस्तेमाल नहीं होता है. यह भोजन पूरी तरह हाईजिनिक फूड रहता है. यहां से करीब प्रतिदिन टाटा स्टील के द्वारा पचास हजार पैकेट खाना बनाया जाता है. इसके अलावे मुख्यमंत्री कैंटीन योजना का भी खाना यहीं बनता है.
खाना बनाने किए आठ बजे प्रेशर कुकर का इस्तेमाल किया जाता हैं. एक प्रेशर कुकर में एक बार में ढाई हजार लोगों का खाना बन सकता हैं. एक बार में बीस हजार लोगों का खाना बनता है. करीब डेढ़ सौ लोग यहां पर खाना बनाने से लेकर वितरण करने तक काम करते हैं. हालांकि, अभी कुछ लोग सिर्फ सेवा भाव से काम कर रहे हैं. 70 हजार लोगों का खाना बनाने के लिए एक दिन पहले तैयारियां कर ली जाती हैं और सुबह चार बजे से प्रतिदिन खाना बनाना शुरू कर दिया जाता है ताकि ग्यारह बजे के बाद खाना का वितरण शुरू कर दिया जाए.
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अन्ना अमृता फाउंडेशन के प्रतिनिधियो का दावा है कि सरकार अगर मदद करें तो राज्य के अन्य जगहों पर भी इस प्रकार की योजना चालू की जा सकती है. इस वैश्विक महामारी में अन्ना अमृत योजना के द्वारा एक साथ इतने लोगों का हाईजिनिक तरीके से खाना बनाना निश्चय ही काबिले तारीफ है.