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जनता कर्फ्यू के दौरान संगीत के माध्यम से कोरोना से बचने का संदेश, लोगों को किया जागरूक - हजारीबाग में जनता कर्फ्यू का व्यापक असर

जनता कर्फ्यू के कारण लोग घरों में बंद हैं. ऐसे में कैसे लोगों का मन लगे इसको लेकर हजारीबाग के एक परिवार ने संगीत के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया और अपने परिवार का मनोरंजन भी पेश की.

Youth gave message through music during public curfew in hazaribag
गाना गाते हुए युवक
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Published : Mar 22, 2020, 5:39 PM IST

हजारीबाग: पूरे देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहृवान के बाद जनता कर्फ्यू का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. हर एक चौक चौराहा में सन्नाटा पसरा हुआ है. हर एक व्यक्ति घरों में बंद है ताकि अपने समाज और देश को कोरोना वायरस से मुक्ति दिलायी जा सके. ऐसे में सबसे बड़ी बात यह है कि आखिर कैसे लोग घरों में मन लगा रहे हैं. हजारीबाग का एक परिवार संगीत के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी कर रहा है और अपने परिवार का मनोरंजन भी.

देखें पूरी खबर

जनता कर्फ्यू के दौरान लोग हैं घरों में बंद

पूरे देश भर में जनता कर्फ्यू लगा है तो लोग घरों में बंद हैं. ऐसे में कैसे मन लगे यह सबसे बड़ी बात है. समाज का हर एक तक तबका अपने अपने तरीके से घरों में समय व्यतीत कर रहा है. कोई ईश्वर की आराधना कर रहा है तो कोई संगीत की दुनिया में लीन है. ऐसे में हजारीबाग के रामनगर मोहल्ले में एक परिवार संगीत के माध्यम से अपना समय व्यतीत कर रहा है. इसके साथ ही लोगों को संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि कैसे करोना वायरस को भगाना है और खुद को सुरक्षित रखना है.

देखें गाते हुए सुवेंदु सौरव

संगीत के माध्यम से दिया संदेश

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र खुद से गाना कंपोज भी किया है और बच्चों को सुना भी रहे हैं. सुवेंदु सौरव का कहना है कि बच्चों के मन में यह बात डालने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें अब अधिक से अधिक समय तक घरों में रहना है, बाहर खेलने भी कम जाना है ताकि संक्रमण से दूर रहा जा सके. उनका कहना है कि इस महामारी को रोकने का एकमात्र उपाय भीड़-भाड़ से दूर रहना. ऐसे में इस गाना के जरिए मैं लोगों को मैसेज देना चाहता हूं कि वह अपने घरों में रहें. उनका यह भी कहना है कि आज के समय में समाज का हर एक तबका अपने अपने ढंग से लोगों को जागरूक कर रहा है.

वहीं, बच्चे के पिता भी कहते हैं कि सबसे बड़ी जिम्मेवारी बच्चों के प्रति होती है. बच्चे बात को समझते कम हैं और खेल में अधिक समय बिताते हैं. दोस्तों के पास जाते भी हैं. ऐसे में हम लोग बच्चे को घर में सिनेमा दिखा रहे हैं, इंडोर गेम खेला रहे हैं, गाना सुना रहे हैं ताकि उनका मन लगा रहे. उनका यह भी कहना है कि अब माता-पिता का रोल दोस्त वाला घरों में हो गया है.

ये भी देखें- रांची की सड़कों पर दिख रहा जनता कर्फ्यू का असर, चौक-चौराहे सुनसान, दुकानें तक बंद

वहीं, घरों में बंद बच्चे भी कहते हैं कि करोना से लड़ना है इसलिए घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. दिन भर अपने माता- पिता के साथ खेल रहे हैं, पढ़ाई कर रहे हैं और म्यूजिक का आनंद ले रहे हैं.

हजारीबाग: पूरे देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहृवान के बाद जनता कर्फ्यू का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. हर एक चौक चौराहा में सन्नाटा पसरा हुआ है. हर एक व्यक्ति घरों में बंद है ताकि अपने समाज और देश को कोरोना वायरस से मुक्ति दिलायी जा सके. ऐसे में सबसे बड़ी बात यह है कि आखिर कैसे लोग घरों में मन लगा रहे हैं. हजारीबाग का एक परिवार संगीत के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी कर रहा है और अपने परिवार का मनोरंजन भी.

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जनता कर्फ्यू के दौरान लोग हैं घरों में बंद

पूरे देश भर में जनता कर्फ्यू लगा है तो लोग घरों में बंद हैं. ऐसे में कैसे मन लगे यह सबसे बड़ी बात है. समाज का हर एक तक तबका अपने अपने तरीके से घरों में समय व्यतीत कर रहा है. कोई ईश्वर की आराधना कर रहा है तो कोई संगीत की दुनिया में लीन है. ऐसे में हजारीबाग के रामनगर मोहल्ले में एक परिवार संगीत के माध्यम से अपना समय व्यतीत कर रहा है. इसके साथ ही लोगों को संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि कैसे करोना वायरस को भगाना है और खुद को सुरक्षित रखना है.

देखें गाते हुए सुवेंदु सौरव

संगीत के माध्यम से दिया संदेश

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र खुद से गाना कंपोज भी किया है और बच्चों को सुना भी रहे हैं. सुवेंदु सौरव का कहना है कि बच्चों के मन में यह बात डालने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें अब अधिक से अधिक समय तक घरों में रहना है, बाहर खेलने भी कम जाना है ताकि संक्रमण से दूर रहा जा सके. उनका कहना है कि इस महामारी को रोकने का एकमात्र उपाय भीड़-भाड़ से दूर रहना. ऐसे में इस गाना के जरिए मैं लोगों को मैसेज देना चाहता हूं कि वह अपने घरों में रहें. उनका यह भी कहना है कि आज के समय में समाज का हर एक तबका अपने अपने ढंग से लोगों को जागरूक कर रहा है.

वहीं, बच्चे के पिता भी कहते हैं कि सबसे बड़ी जिम्मेवारी बच्चों के प्रति होती है. बच्चे बात को समझते कम हैं और खेल में अधिक समय बिताते हैं. दोस्तों के पास जाते भी हैं. ऐसे में हम लोग बच्चे को घर में सिनेमा दिखा रहे हैं, इंडोर गेम खेला रहे हैं, गाना सुना रहे हैं ताकि उनका मन लगा रहे. उनका यह भी कहना है कि अब माता-पिता का रोल दोस्त वाला घरों में हो गया है.

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वहीं, घरों में बंद बच्चे भी कहते हैं कि करोना से लड़ना है इसलिए घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. दिन भर अपने माता- पिता के साथ खेल रहे हैं, पढ़ाई कर रहे हैं और म्यूजिक का आनंद ले रहे हैं.

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