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छठ पूजा करने अमेरिका से हजारीबाग पहुंची वीणा सिंह, देश की मिट्टी में देती हैं सूर्य को अर्ध्य - Veena Singh reached Hazaribagh from America

महापर्व छठ की पूजा करने के लिए अमेरिका में भारतीय मूल की निवासी वीणा हजारीबाग पहुंची हैं. वीणा सिंह पिछले 21 सालों से छठ करती आ रही हैं. हर साल छठ महापर्व के अवसर पर उन्हें अपने देश कि मिट्टी खींच लाती है. 4 दिनों तक वो आस्था के महापर्व में हिस्सा लेती हैं.

छठ पूजा करती वीणा सिंह
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Published : Oct 31, 2019, 6:45 PM IST

हजारीबाग: लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय खाय के साथ शुरू हो गया. हजारीबाग में छठ की धूम देखने को मिल रही है. सात समंदर पार अमेरिका से भी वीणा सिंह छठ करने हजारीबाग पहुंची हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

महापर्व छठ आस्था का प्रतीक माना जाता है, जहां समाज का हर एक तबका हिस्सा लेता है. ऐसे में हजारीबाग में सात समुंदर पार अमेरिका से छठव्रती वीणा सिंह व्रत करने अपने परिवार के बीच पहुंची, जो पिछले 21 सालों से छठ करती आ रही हैं. हर साल छठ महापर्व के अवसर पर उन्हें अपने देश कि मिट्टी खींच लाती है. 4 दिनों तक वो आस्था के महापर्व में हिस्सा लेती हैं. वीणा सिंह अमेरिका से आकर सारे नियम पूरे करती हैं, जो सभी छठव्रती करती हैं. ऐसे में उनका कहना भी है कि पूजा के दौरान काफी उत्साह रहता है और साल भर इंतजार रहता है कि कब छठ आए और अपने देश जाकर वहां सूर्य भगवान को अर्घ्य दें.

ये भी पढ़ें- साहिबगंज: नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ का महापर्व, गंगातट पर लगी व्रतियों की भीड़

इतना ही नहीं जब छठ करके यहां से लौटती हैं तो अमेरिका में रहने वाले लोग भी प्रसाद का इंतजार करते हैं. वीणा सिंह कहती हैं कि भारतीय मूल के साथ-साथ दूसरे मूल के लोग भी प्रसाद का इंतजार करते हैं. फल ले जाना तो मुश्किल होता है, लेकिन ठेकुआ और सूखा प्रसाद लेकर जाती हैं. सूर्य भगवान के महाप्रसाद का वितरण करती हैं. उनका यह भी कहना है कि अब अमेरिका में भी भारतीय मूल के लोग नियम के साथ छठ पूजा करते हैं. वहां इंडियन स्टोर में सारा सामान उन्हें मिल जाता है. स्विमिंग पूल को तालाब या फिर नदी का स्वरूप देखकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं.

हजारीबाग: लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय खाय के साथ शुरू हो गया. हजारीबाग में छठ की धूम देखने को मिल रही है. सात समंदर पार अमेरिका से भी वीणा सिंह छठ करने हजारीबाग पहुंची हैं.

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महापर्व छठ आस्था का प्रतीक माना जाता है, जहां समाज का हर एक तबका हिस्सा लेता है. ऐसे में हजारीबाग में सात समुंदर पार अमेरिका से छठव्रती वीणा सिंह व्रत करने अपने परिवार के बीच पहुंची, जो पिछले 21 सालों से छठ करती आ रही हैं. हर साल छठ महापर्व के अवसर पर उन्हें अपने देश कि मिट्टी खींच लाती है. 4 दिनों तक वो आस्था के महापर्व में हिस्सा लेती हैं. वीणा सिंह अमेरिका से आकर सारे नियम पूरे करती हैं, जो सभी छठव्रती करती हैं. ऐसे में उनका कहना भी है कि पूजा के दौरान काफी उत्साह रहता है और साल भर इंतजार रहता है कि कब छठ आए और अपने देश जाकर वहां सूर्य भगवान को अर्घ्य दें.

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इतना ही नहीं जब छठ करके यहां से लौटती हैं तो अमेरिका में रहने वाले लोग भी प्रसाद का इंतजार करते हैं. वीणा सिंह कहती हैं कि भारतीय मूल के साथ-साथ दूसरे मूल के लोग भी प्रसाद का इंतजार करते हैं. फल ले जाना तो मुश्किल होता है, लेकिन ठेकुआ और सूखा प्रसाद लेकर जाती हैं. सूर्य भगवान के महाप्रसाद का वितरण करती हैं. उनका यह भी कहना है कि अब अमेरिका में भी भारतीय मूल के लोग नियम के साथ छठ पूजा करते हैं. वहां इंडियन स्टोर में सारा सामान उन्हें मिल जाता है. स्विमिंग पूल को तालाब या फिर नदी का स्वरूप देखकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं.

Intro:लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय खाय के के साथ शुरू हो गया। हजारीबाग में भी छठ की धूम देखने को मिल रही है ।सात समंदर पार अमेरिका से भी छात्रवृत्ति छठ करने हजारीबाग पहुंची है।


Body:लोक आस्था का महापर्व छठ आस्था का प्रतीक माना जाता है। जहां समाज का हर एक तक का हिस्सा लेता है। ऐसे में हजारीबाग में सात समुंदर पार अमेरिका से छठ व्रती व्रत करने अपने परिवार के बीच पहुंची हैं। जो पिछले 21 सालों से छट करती आ रही है ।हर साल छठ महापर्व के अवसर पर उन्हें अपनी देश कि मिट्टी खींच ले आती है। 4 दिनों तक आस्था का महापर्व मे हिस्सा लेती है । छठ व्रती अमेरिका से आ कर सारे नियम पूरा करती हैं जो समस्त छठ व्रती करती हैं। ऐसे में उनका कहना भी है कि काफी उत्साह पूजा के दौरान रहता है और साल भर इंतजार रहता है कि कब छट आए और अपना देश जाकर वहां सूर्य भगवान को अर्घ दे।

इतना ही नहीं जब छठ करके यहां से लौटती हैं तो अमेरिका में रहने वाले लोग भी प्रसाद का इंतजार करते हैं। छठ व्रती कहती है कि भारतीय मूल के साथ-साथ दूसरे मूल के लोग भी प्रसाद का इंतजार करते हैं। फल ले जाना तो मुश्किल होता है लेकिन ठेकुआ और सूखा प्रसाद लेकर जाती हैं और सूर्य भगवान के महाप्रसाद का वितरण करती हैं। उनका यह भी कहना है कि अब अमेरिका में भी भारतीय मूल के लोग नियम के साथ छट करते हैं। वहां इंडियन स्टोर में सारा सामान उन्हें मिल जाता है। स्विमिंग पूल को तालाब या फिर नदी का स्वरूप देखकर सूर्य भगवान को अर्घ देते हैं।

जिनके परिवार में अमेरिका से छठ करने पहुंची है वह भी काफी उत्साहित हैं। उनका भी कहना है कि वे साल भर इस दिन का इंतजार करती हैं कि उनके परिवार वाले सात समंदर दूर से हमारे बीच में आए और छठ करें।

byte.... वीणा सिंह, अमेरिका से आकर छठ करने वाली, साड़ी में जो छठ की है
byte.... मीनू सिंह, वीणा सिंह की परिजन, सलवार सूट पहने हुए

note.... वीणा सिंह जो अमेरिका से आई है वह छठ का गीत भी गा रही है


Conclusion:कहा जाए तो आस्था का महापर्व छठ में वह शक्ति है जो लोगों को त्यौहार करने की ताकत देती है ।यही शक्ति और विश्वास सात समुंदर पार से भी लोगों को खींच कर अपने परिवार तक पहुंचाती हैं।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग।
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