रांची: कोरोना काल में शिक्षा जगत पर भी खासा असर पड़ा है. झारखंड जैसा राज्य ड्रॉपआउट की समस्या से जुझ रहा है. जहां बच्चे सातवीं, आठवीं क्लास तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल छोड़ खेती, मजदूरी या किसी अन्य काम में लग जाते हैं. ऐसे में बच्चों को मुख्यधारा में लाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. हाल के दिनों में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुई केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी (Union Minister Annapurna Devi) ने नई शिक्षा नीति लागू होने पर जो समस्याएं आ रही है उसका समाधान करने की बात कही है.
कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी को मोदी मंत्रिमंडल में एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है. उन्हें केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री बनाया गया है. मंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान वो हजारीबाग पहुंची. जहां विभिन्न संगठन और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. हजारीबाग सदर के विधायक मनीष जयसवाल के कार्यालय में उन्होंने नई शिक्षा नीति पर अपनी राय रखी. उनका मानना है कि झारखंड जैसे राज्य में ड्रॉपआउट एक बड़ी समस्या है. इसका जिम्मेवार बच्चों की पढ़ाई में मन नहीं लगना है.
नई शिक्षा नीति झारखंड में लागू करने के लिए प्रयास जारी
अन्नपूर्णा देवी का मानना है कि अगर छात्र का मन शिक्षा में लगेगा तो ड्रॉपआउट की समस्या खत्म हो जाएगी. नई शिक्षा नीति में छठी क्लास से ही व्यवसायिक शिक्षा देने की शुरुआत कर दी गई है, ताकि बच्चे शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी रूप से भी तैयार हो सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह दायित्व है कि वह इस समस्या का समाधान करें. केंद्र सरकार राज्य सरकार का हमेशा मदद करती है. इंजीनियरिंग के पढ़ाई में अब 11 क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई शुरू की गई है. जिससे हिंदी मीडियम से आए छात्रों को परेशानी नहीं होगी. नई शिक्षा नीति झारखंड राज्य में लागू हो इसके लिए वार्ता चल रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा का स्वरूप बदलने से छात्रों का पढ़ाई के प्रति झुकाव भी होगा.
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सदन में विपक्ष का दिखा अमानवीय आचरण: अन्नपूर्णा देवी
वहीं उन्होंने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष का अमानवीय आचरण संसद में दिखा. उनके कारण मानसून सत्र में बाधा उत्पन्न हुई. फिर भी मोदी सरकार ने 20 महत्वपूर्ण बिल सदन में पास किया. जिसका दूरगामी परिणाम दिखेगा.
स्वागत समारोह में कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन
मंत्री अन्नपूर्णा देवी के स्वागत समारोह में कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी देखने को मिला. हजारीबाग में शायद ही ऐसा कोई कार्यक्रम हुआ हो जहां कार्यकर्ताओं ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन किया हो. एक ओर राज्य और केंद्र सरकार लोगों से कोविड प्रोटोकॉल के नियमों पालन करने की अपील कर रही है. वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि नियम का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन कर रहे हैं.