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विजय दिवस: शहीद विद्यानंद सिंह को सलाम, पत्नी ने कहा- गर्व है उनपर - हजारीबाग

हजारीबाग में कारगिल विजय दिवस के मौके पर कारगिल युद्ध में शहीद विद्यानंद सिंह को दी गई श्रद्धांजलि. पत्नी ने कहा- गर्व है उनपर और अपने देश की फौज पर.

शहीद को सलाम
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Published : Jul 26, 2019, 11:24 PM IST

हजारीबाग: पूरे देश ने कारगिल विजय दिवस मनाया. इस युद्ध में हमारे देश के कई जवान शहीद हो गए थे. ऐसे ही एक कारगिल शहीद का पूरा परिवार हजारीबाग में रहता है. वो भी शहीद स्थल पहुंचकर शहीदों को पुष्प अर्पित कर नमन किया और अपने पति के साथ-साथ उन कारगिल युद्ध में मारे गए तमाम शहीदों को याद किया.

शहीद को सलाम

देश की फौज पर गर्व
आरा निवासी शहीद लांस नायक विद्यानंद सिंह का परिवार आज एक तरफ अपने देश पर गर्व कर रहा है. वे अपने परिवार के बच्चों को भी फौज में भेजने के लिए लालायित हैं. शहीद कारगिल शहीद वीर विद्यानंद सिंह की पत्नी अंदर से भले ही आज तड़प रही हैं, लेकिन अपने देश की फौज पर गर्व कर रही हैं.

'जवानों के लिए कारगार कदम उठाने चाहिए'
उनका कहना है कि सरकार और समाज में प्रतिष्ठा भी मिली और धन भी, लेकिन वह दर्द आज भी उनके सीने में है. उन्हें इस बात का दुख है कि उनके पति उनके साथ नहीं है. सरकार को भी इस बाबत सोचने की जरूरत है कि हमारा जवान सीमा पर शहीद न हो इसके लिए कारगर कदम उठाने चाहिए.

ये भी पढ़ें- बेरहम टीचर! मासूम बच्चे को दी ऐसी सजा, मुंह,नाक से निकलने लगा खून

1999 को देश की रक्षा करते हुए शहीद
बता दें कि कारगिल वीर शहीद विद्यानंद सिंह 1999 को पाकिस्तान से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे.

हजारीबाग: पूरे देश ने कारगिल विजय दिवस मनाया. इस युद्ध में हमारे देश के कई जवान शहीद हो गए थे. ऐसे ही एक कारगिल शहीद का पूरा परिवार हजारीबाग में रहता है. वो भी शहीद स्थल पहुंचकर शहीदों को पुष्प अर्पित कर नमन किया और अपने पति के साथ-साथ उन कारगिल युद्ध में मारे गए तमाम शहीदों को याद किया.

शहीद को सलाम

देश की फौज पर गर्व
आरा निवासी शहीद लांस नायक विद्यानंद सिंह का परिवार आज एक तरफ अपने देश पर गर्व कर रहा है. वे अपने परिवार के बच्चों को भी फौज में भेजने के लिए लालायित हैं. शहीद कारगिल शहीद वीर विद्यानंद सिंह की पत्नी अंदर से भले ही आज तड़प रही हैं, लेकिन अपने देश की फौज पर गर्व कर रही हैं.

'जवानों के लिए कारगार कदम उठाने चाहिए'
उनका कहना है कि सरकार और समाज में प्रतिष्ठा भी मिली और धन भी, लेकिन वह दर्द आज भी उनके सीने में है. उन्हें इस बात का दुख है कि उनके पति उनके साथ नहीं है. सरकार को भी इस बाबत सोचने की जरूरत है कि हमारा जवान सीमा पर शहीद न हो इसके लिए कारगर कदम उठाने चाहिए.

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1999 को देश की रक्षा करते हुए शहीद
बता दें कि कारगिल वीर शहीद विद्यानंद सिंह 1999 को पाकिस्तान से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे.

Intro:शहीदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मरने वालों का बाकी यही निशा होगा.....


Body:आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है ।कारगिल युद्ध आज के दिन ही भारत ने जीता था। इस युद्ध में हमारे देश के कई जवान शहीद हो गए।

ऐसे ही एक कारगिल शहीद का पूरा परिवार हजारीबाग में रहता है। उसने भी आज शहीद स्थल पहुंचकर शहीदों को पुष्प अर्पित कर नमन किया और अपने पति के साथ साथ उन कारगिल युद्ध में मारे गए तमाम शहीदों को याद किया।

आरा निवासी शहीद लांस नायक विद्यानंद सिंह का परिवार आज एक तरफ अपने देश पर गर्व कर रहा है तो दूसरी तरफ मन ही मन आज भी पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश का आग उगल रहा है। भारत की सीमा की रक्षा करने वाले जवानों पर पूरा परिवार आज गर्व कर रहा है और अपने और अपने भी परिवार के बच्चों को फौज में भेजने के लिए लालायित है।

शहीद कारगिल शहीद वीर विद्यानंद सिंह की पत्नी अंदर से भले ही आज तड़प रही है, लेकिन अपने देश की फौज पर गर्व कर रही है। उसका कहना है कि सरकार और समाज में प्रतिष्ठा भी दिया और धन भी। लेकिन वह दर्द आज भी उनके सीने में दफन है। आज भी उन्हें इस बात का दुख है कि उनका पति उनके साथ नहीं है ।सरकार को भी इस बाबत सोचने की जरूरत है कि हमारा जवान सीमा पर शहीद ना हो। इसके लिए कारगर कदम उठाना चाहिए। उनकी पत्नी का कहना है कि जब टीवी या समाचार पत्रों में देखती है कि हमारे जवान शहीद हो रहे हैं तो आंख में आंसू भर जाता है, और वह दिन याद आ जाता है जब क्षत-विक्षत शव उनके घर पर पहुंचा था। उनका यह भी कहना है कि समाज का हर एक युवा को फौज में जाना चाहिए ताकि हमारा देश का फौज संगठित हो और मजबूत हो।

कारगिल वीर शहीद विद्यानंद सिंह 7 जून 1999 को पाकिस्तान से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे।

byte.. . पार्वती देवी कारगिल वीर शहीद विद्यानंद सिंह की पत्नी


Conclusion:साल 1999 में कारगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। उसके बाद पाकिस्तान से युद्ध कर भारत ने कारगिल जंग जीत ली थी और भारतीय सेना ने पाकिस्तान को खदेड़ कर कारगिल की चोटियों पर जीतकर तिरंगा फहराया था। 27 जुलाई तक कारगिल दिवस समारोह पूरे देश में मनाया जाएगा।

ईटीवी भारत भी अपने देश के वीर शहीदों को नमन करता है।
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