हजारीबागः बच्चों की पाठशाला तो हम लोगों ने कई बार देखा है. लेकिन आज आपको हम किसानों का पाठशाला दिखाने जा रहे हैं. जहां महिला पुरुष किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे की जाए इसकी जानकारी ले रहे हैं.
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हजारीबाग में स्ट्रॉबेरी की खेती क्यों किसानों को अपनी और आकर्षित कर रहा है. स्ट्रॉबेरी को आज के समय में आकर्षक और अधिक कमाऊ फसल के रुप में देखा जा रहा है. जहां किसान इसकी खेती की और आकर्षित हो रहे हैं कि अधिक से अधिक धनोपार्जन करें. इसको देखते हुए स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे की जाए. इसकी जानकारी सुदूरवर्ती गांव में विभिन्न कार्यक्रमों के तहत किसानों को दी जा रही है.
अगर कहा जाए तो स्ट्रॉबेरी की पाठशाला हजारीबाग के सुदूर भर्ती गांव में देखने को मिल रही है. जहां एक निजी संस्था किसानों को इस खेती से जोड़ने की कोशिश कर रही है. हजारीबाग की KGVK की संस्था की ओर से पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती कराई जा रही है. किसान की मेहनत और नई तकनीक ने स्ट्रॉबेरी से अपने खेतों को भी भर दिया है. इससे उत्साहित किसान इस खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
इसको देखते हुए संस्था की ओर से स्ट्रॉबेरी की पाठशाला का आयोजन किया गया. जहां सुदूरवर्ती गांव के किसानों को खेत पर बुलाकर इस खेती के बारे में जानकारी दी जा रही है. महिला किसान कहती हैं कि पहले हम लोगों ने इस फसल को देखा भी नहीं था. अब हम लोगों ने जानकारी ली है. अगले मौसम में अपने खेतों में स्ट्रॉबेरी लगाएंगे ताकि हम भी आर्थिक रूप से मजबूत हो सके. किसान विनय भोक्ता कहते हैं कि हमारे गांव में टमाटर, आलू और अन्य फसल लगाया जाता था. जिसमें हम लोगों को कमाई भी नहीं होती थी. लेकिन संस्था के द्वारा हम लोगों को स्ट्रॉबेरी की खेती की जानकारी दी गयी है. अब हम लोग अपने खेतों में स्ट्रॉबेरी भी लगाएंगे ताकि अधिक से अधिक कमाई हो सके और हमारा जीवन स्तर भी ऊंचा हो सके.
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KGVK संस्था से जुड़े कर्मी भी बताते हैं कि हम लोग पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ लोगों को इस वर्ष स्ट्रॉबेरी की खेती से जोड़े हैं. यह फसल हम लोगों को अच्छा मुनाफा भी दे रहा है. ऐसे में हमारी कोशिश है कि अधिक से अधिक किसानों को इस खेती से जोड़ा जा सके ताकि वो आर्थिक रूप से संपन्न हो सकें. इसके लिए HDFC Bank बैंक की ओर से चलाए जा रहे परिवर्तन कार्यक्रम उनको मदद देने पर विचार कर रहा है.