हजारीबाग: आम तौर पर आपने स्ट्रॉबेरी को बड़े फल के दुकान या मॉल में देखा होगा. लेकिन सबसे महंगे फलों में से एक कहे जाने वाला स्ट्रॉबेरी हजारीबाग में फुटपाथ पर बिकता दिख जाएगा. हजारीबाग में इन दिनों स्ट्रॉबेरी की खेती बड़े पैमाने में हो रही है. अत्यधिक खेती के कारण भारी उत्पादन हो रहा है, लेकिन उस हिसाब से फलों को बाजार नहीं मिल पा रहा है. यही वजह है कि अब स्ट्रॉबेरी फुटपाथ पर आलू और टमाटर के साथ बिक रहा है.
झारखंड का हजारीबाग जिला कृषि प्रधान है यहां किसान बड़े पैमाने पर खेती करते हैं और इनकी आजीविका का प्रमुख साधन खेती ही है. हाल के दिनों में हजारीबाग में खेती का तरीका भी बदला है. यहां किसान पारंपरिक खेती से हट कर अब अधिक मूल्य देने वाले फसल की खेती कर रहे हैं. इनमे स्ट्रॉबेरी प्रमुख है. स्ट्रॉबेरी आमतौर पर बड़े बड़े मॉल या फिर फल दुकान में बिकता है. लेकिन हजारीबाग में इन दिनों स्ट्रॉबेरी सड़क के किनारे आलू और टमाटर के साथ बिक रहा है.
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आमतौर पर स्ट्रॉबेरी 400 से 500 रुपए प्रति किलो बिकता है. लेकिन जैसे-जैसे इसकी फसल बाजार में आती है वैसे-वैसे इसकी कीमत में भी गिरावट दर्ज की जाती है. लेकिन फिर भी इसका न्यूनतम मूल्य 200 रुपए प्रति किलो से नीचे नहीं जाता है. हजारीबाग के सड़क किनारे स्ट्रॉबेरी 50 रुपए प्रति डब्बा के दर से बिक रहा है. सड़क किनारे बिकने पर गांव क्षेत्र के ग्राहक भी इनके पास पहुंचते हैं. इनके पास ऐसे कई ग्राहक भी पहुंचते हैं जिन्होंने पहली बार स्ट्रॉबेरी का स्वाद चखा हो. खरीदार भी कहते हैं कि यह बड़ी बात है कि स्ट्रॉबेरी अब सड़क किनारे बिक रहा है.
वहीं, दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि हजारीबाग में अच्छा बाजार नहीं होने के कारण भी किसान अपना उत्पाद सड़क के किनारे बेच रहे हैं. अगर इन्हें अच्छा बाजार मिल जाता तो शायद ये सड़क के किनारे नहीं बेचते. किसान भी कहते हैं कि अगर उन लोगों को बाजार मिल जाता तो वह बेहतर कमाई कर सकते थे.