हजारीबागः जिला में इन दिनों कई साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं. जिनका अपराध करने का तरीका अलग है. हजारीबाग पुलिस का मानना है कि जिला के गोरहर और बरकट्ठा थाना क्षेत्र में सेक्सटॉर्शन की घटना को अंजाम साइबर अपराध दे रहे हैं. इसको लेकर पुलिस ने कार्रवाई कर 6 अपराधियों को शिकंजे में लिया है.
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पुलिस को सूचना मिली थी कि बरकट्ठा थाना क्षेत्र अंतर्गत बंडासिंगा स्थित किशोर साहू के घर के पास कुछ लड़के लड़कियों का फोटो दिखा कर ठगी का काम कर रहे हैं. सूचना पर छापेमारी किया गया और किशोर साव के घर पर पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया. उनकी निशानदेही पर मुख्य आरोपी किशोर साव को भी हिरासत में लिया गया. वहीं अन्य दो की गिरफ्तारी इनकी निशानदेही के दौरान किया गया. पूछताछ के दौरान सभी ने स्वीकार किया कि वो Skoka/oklut website पर फर्जी आईडी बनाकर सर्विस प्रोवाइड करने के नाम पर लोगों से ठगी का काम कर रहे थे.
पुलिस के पास कई अहम जानकारी मिली है, जिनमें मुख्य आरोपी किशोर साहू के पास करोड़ों रुपया का संपत्ति का पता चला है. जिसके घर से 50 लाख रुपये के जमीन के दस्तावेज और हजारीबाग के कोर्रा थाना अंतर्गत तीन मंजिला घर की होने की बात सामने आई है.
ऐसे में अब हजारीबाग पुलिस ईडी के संपर्क में है ताकि साइबर अपराधियों का प्रॉपर्टी अटैच किया जा सके. हजारीबाग पुलिस का कहना है कि इस बाबत स्थानीय अंचलाधिकारी से भी संपर्क किया जाएगा और अन्य प्रॉपर्टी के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. इनके पास से विभिन्न बैंकों के 11 चेक बुक, 11 एटीएम कार्ड 13, पासबुक, मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है. इस मामले में पुलिस ने 20 अकाउंट फ्रीज करने की बात भी कहा है.
जिनकी गिरफ्तारी हुई है, उनके नाम किशोर साव रमेश कुमार, विनोद कुमार साव, गौतम कुमार नायक, केदार साव, श्याम सुंदर यादव है. सभी गोरहर और बरकट्ठा थाना क्षेत्र के निवासी हैं. किशोर साव इस पूरे गिरोह का किंगपिन बताया जा रहा है. जो MA B.Ed की शिक्षा भी पा चुका है.
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सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो कॉल कर वीडियो बना लिया जाता है फिर उसे ब्लैकमेल कर पैसे वसूले जाते हैं. इस तरह के साइबर क्राइम को सेक्सटॉर्शन का नाम दिया गया है. सेक्सटॉर्शन यानी सेक्स संबंधी वीडियो चैट के जरिए पैसे वसूल करना. इस तरह के मामले की शिकार बच्चे सबसे ज्यादा होते हैं. क्योंकि वो घबराकर इन अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं. उन्हें डर होता है कि सच्चाई किसी के सामने ना आ जाए.
ऐसे मामलों पर पुलिस की मानी जाए तो गिरोह एस्कार्ट सर्विस देने के नाम पर पहले ग्राहकों से बात करते हैं. फिर उनके साथ अश्लील चैटिंग किया जाता है और फिर अश्लील वीडियो भी बनाया जाता है. अपराधी वीडियो के साथ-साथ चैटिंग का उपयोग ब्लैकमेल करने के लिए करते हैं और पैसा वसूलते हैं. अगर पैसा देने की में आनाकानी किया जाता है तो फिर ऑनलाइन में उसे वायरल करने की धमकी दी जाती है. जिससे व्यक्ति डर से पैसा दे देता है. एस्कार्ट सर्विस चलाने वाली कंपनियां आम तौर पर यौन सेवाएं देने का काम करती है. यह एजेंसी सोशल नेटवर्किंग के जरिए अपने ग्राहक को उनकी मनपसंद एस्कॉर्ट से मिलवाने का गोरखधंधा करती है.
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हजारीबाग पुलिस ने आम जनता से अपील भी किया है कि वह अगर कोई अनवांटेड लिंक आती है तो उसे शेयर ना करें और ना ही उसे ओपन करें. साथ ही साथ अपना मोबाइल नंबर, आधार नंबर, अकाउंट नंबर और सिक्रेट पिन की गोपनीयता भंग ना करें. साथ ही साथ सोशल मीडिया में अगर फ्रेंड रिक्वेस्ट आता है तो पहले उसकी जांच कर लें तभी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करें.