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हजारीबाग में प्याऊ की कमी, सूखे रह जा रहे हैं राहगीरों के हलक

हजारीबाग को दिलवालों का शहर कहा जाता है, लेकिन इस गर्मी में दिलवालों का शहर में दिलदारी नहीं दिख रही है. भीषण गर्मी पड़ने पर आमतौर पर हजारीबाग के हर एक चौक चौराहे पर प्याऊ की व्यवस्था की जाती थी लेकिन इस बार इक्का-दुक्का जगह पर ही प्याऊ दिख रहे हैं.

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Published : May 1, 2022, 8:46 AM IST

Updated : May 1, 2022, 9:24 AM IST

shortage of pot in hazaribag
shortage of pot in hazaribag

हजारीबागः गर्मी के दिन में अगर दो घूंट पानी मिल जाए तो जान में जान लौट आती है. हजारीबाग में गर्मी के वक्त प्याऊ की व्यवस्था हर एक चौक चौराहे पर होती थी. समाजसेवी अपनी ओर से व्यवस्था करते थे. लेकिन इस वर्ष समाजसेवी हजारीबाग के राहगीरों के लिए अपना सेवा नहीं दे पा रहे हैं. हजारीबाग के इक्का-दुक्का चौक चौराहे पर ही व्यवस्था की गई है.

आमतौर पर वैसे लोग जो मजदूरी करते हैं या फिर रिक्शा चलाते हैं वह सड़क किनारे बने प्याऊ पर निर्भर रहते हैं. लेकिन इस गर्मी में आमो खास या फिर गरीब तबके के लोग भी प्यास बुझाने के लिए बोतलबंद पानी पर ही निर्भर हो रहे हैं. हजारीबाग जैन समाज के द्वारा प्याऊ की व्यवस्था की गई है. उनका कहना है कि अन्य लोगों के बारे में तो हम लोग नहीं जानते हैं लेकिन हम लोगों ने राहगीरों के लिए व्यवस्था की है.

देखें पूरी खबर
कांग्रेस ऑफिस रोड पर डॉक्टर असीम के द्वारा प्याऊ की व्यवस्था की गई है. जो राहगीरों को सत्तू और शरबत भी उपलब्ध करा रहे हैं. उनका कहना है कि दिन भर में लगभग 10 किलो सत्तू का शरबत मैं बनाने का लक्ष्य रखा हूं. 200 से 300 व्यक्ति प्रत्येक दिन आकर मेरे प्याऊ में पानी पीते हैं. यह मैं आत्मसंतुष्टि के लिए किया हूं. क्योंकि इस वर्ष हजारीबाग में नहीं के बराबर प्याऊ दिख रहा है. इस कारण मैंने पहली बार यह व्यवस्था की है.राहगीर भी बताते हैं कि नगर निगम को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था चौक चौराहों पर करनी चाहिए थी. लेकिन नगर निगम ने भी व्यवस्था नहीं की तो दूसरी ओर इस वर्ष समाजसेवी भी पेयजल का इंतजाम नहीं किए हैं. जिस कारण राहगीरों को समस्या हो रही है. हजारीबाग का तापमान 40 डिग्री पार कर गया है. शुद्ध पेयजल राहगीरों को मिल जाए तो बड़ी ही संतुष्टि मिलती है.

हजारीबागः गर्मी के दिन में अगर दो घूंट पानी मिल जाए तो जान में जान लौट आती है. हजारीबाग में गर्मी के वक्त प्याऊ की व्यवस्था हर एक चौक चौराहे पर होती थी. समाजसेवी अपनी ओर से व्यवस्था करते थे. लेकिन इस वर्ष समाजसेवी हजारीबाग के राहगीरों के लिए अपना सेवा नहीं दे पा रहे हैं. हजारीबाग के इक्का-दुक्का चौक चौराहे पर ही व्यवस्था की गई है.

आमतौर पर वैसे लोग जो मजदूरी करते हैं या फिर रिक्शा चलाते हैं वह सड़क किनारे बने प्याऊ पर निर्भर रहते हैं. लेकिन इस गर्मी में आमो खास या फिर गरीब तबके के लोग भी प्यास बुझाने के लिए बोतलबंद पानी पर ही निर्भर हो रहे हैं. हजारीबाग जैन समाज के द्वारा प्याऊ की व्यवस्था की गई है. उनका कहना है कि अन्य लोगों के बारे में तो हम लोग नहीं जानते हैं लेकिन हम लोगों ने राहगीरों के लिए व्यवस्था की है.

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कांग्रेस ऑफिस रोड पर डॉक्टर असीम के द्वारा प्याऊ की व्यवस्था की गई है. जो राहगीरों को सत्तू और शरबत भी उपलब्ध करा रहे हैं. उनका कहना है कि दिन भर में लगभग 10 किलो सत्तू का शरबत मैं बनाने का लक्ष्य रखा हूं. 200 से 300 व्यक्ति प्रत्येक दिन आकर मेरे प्याऊ में पानी पीते हैं. यह मैं आत्मसंतुष्टि के लिए किया हूं. क्योंकि इस वर्ष हजारीबाग में नहीं के बराबर प्याऊ दिख रहा है. इस कारण मैंने पहली बार यह व्यवस्था की है.राहगीर भी बताते हैं कि नगर निगम को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था चौक चौराहों पर करनी चाहिए थी. लेकिन नगर निगम ने भी व्यवस्था नहीं की तो दूसरी ओर इस वर्ष समाजसेवी भी पेयजल का इंतजाम नहीं किए हैं. जिस कारण राहगीरों को समस्या हो रही है. हजारीबाग का तापमान 40 डिग्री पार कर गया है. शुद्ध पेयजल राहगीरों को मिल जाए तो बड़ी ही संतुष्टि मिलती है.
Last Updated : May 1, 2022, 9:24 AM IST
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