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हजारीबाग में सशक्त हो रही बेटियां, दी जा रही सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

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Published : Nov 11, 2020, 1:54 PM IST

हजारीबाग की छात्राएं खुद को सशक्त बना रही हैं. इसके लिए वो कराटे और मार्शल आर्ट की प्रैक्टिस कर रही हैं ताकि खुद और आसपास की छात्राओं को सुरक्षित किया जा सके.

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ट्रेनिंग लेती छात्राएं

हजारीबाग: भारतीय समाज में महिलाओं को शक्ति स्वरूप समझा जाता है. घर पर बेटियों को लक्ष्मी के रूप में पूजा भी जाता है, लेकिन हाल के दिनों में बढ़ते महिला अपराध के कारण समाज काफी परेशान है. ऐसे में खुद को सशक्त करना और सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है. हजारीबाग में राज्य भर से 100 से अधिक छात्र-छात्राएं कराटे और मार्शल आर्ट की प्रैक्टिस कर रही हैं ताकि खुद और आसपास की छात्राओं को सुरक्षित किया जा सके.

देखिए पूरी खबर

महिला अपराध का ग्राफ बढ़ा

लॉकडाउन के समय महिला अपराध का ग्राफ बढ़ा है. ऐसे में लोग काफी चिंतित भी हैं. महिला खुद को सुरक्षित कैसे रखें यह चुनौती से भी कम नहीं है. इसे देखते हुए हजारीबाग में राज्य भर से छात्राएं जुटी हैं और सेल्फ डिफेंस की बारीकियों को सीख रही हैं. छात्राएं कहती हैं कि आज के समय खुद को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है. ऐसे में हम यहां कराटे सीखने आए हैं. हम लोगों को हमारे ट्रेनर कई स्टेप भी सिखा रहे हैं, ताकि हम खुद और आसपास की छात्राओं को भी सुरक्षित रख सके.

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ट्रेनिंग लेती छात्राएं

राष्ट्रीय स्तर पर कराटे में अपनी पहचान बनाने वाली छात्रा कहती हैं कि 'पहले जब मैं स्कूल में पढ़ा करती थी तो मुझे किसी ने एक बार छेड़ा था. इसके बाद मैंने यह सोच लिया कि खुद को सशक्त करना है. मैने खुद को सशक्त किया और अन्य छात्राओं को ट्रेनिंग दे रही हुं.' वे कहती हैं कि आप घर से बाहर निकले आसपास में वैसे जगह जहां कराटे सिखाया जा रहा है वहां आ जाए और सीखे, ताकि खुद को और अपने आसपास की लड़कियों को सुरक्षित रख सके.

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ट्रेनिंग लेती छात्राएं

बच्चियों को मिल रही कराटे की ट्रेनिंग

ट्रेनिंग पा रही छात्राएं कहती हैं कि 'मैं तो यहां सीख ही रही हूं. जब अपने घर जाउंगी और हमारा स्कूल खुलेगा तो मैं अपनी दोस्त को भी ट्रेनिंग दूंगी, जिससे वे खुद को सुरक्षित रख पाएंगी. हजारीबाग में ट्रेनिंग देने वाले ट्रेनर कहते हैं कि लॉकडाउन के समय छात्राओं के माता-पिता ने हम लोगों से फोन के जरिए कांटेक्ट किया था. हमें फिर से बच्चियों को ट्रेनिंग देने की बात कही थी. ऐसे में हम लोगों ने यह पहल की है. पूरे राज्य भर से छात्राएं पहुंची हैं और उन्हें हम लोग ट्रेनिंग दे रहे हैं. भविष्य में भी कोशिश करेंगे कि छात्राओं को लगातार ट्रेंड किया जा सके, ताकि वह खुद को सुरक्षित रख सके.

ये भी पढे़ं: जीत का जश्न, कांग्रेस विधायकों ने सीएम को मिठाई खिलाकर बांटी खुशियां

पुलिस हर एक व्यक्ति को सुरक्षा नहीं दे सकती है. ऐसे में खुद को सुरक्षित रखना सबसे अच्छा विकल्प है. शारीरिक रूप से दुरुस्त रखना और आत्म सुरक्षा के बारीकियों को सीखना आज की मांग भी है. छात्राओं का बढ़-चढ़कर सिर्फ डिफेंस के बारीकियों को सीखना उनके मनोबल को भी बढायेगा.

हजारीबाग: भारतीय समाज में महिलाओं को शक्ति स्वरूप समझा जाता है. घर पर बेटियों को लक्ष्मी के रूप में पूजा भी जाता है, लेकिन हाल के दिनों में बढ़ते महिला अपराध के कारण समाज काफी परेशान है. ऐसे में खुद को सशक्त करना और सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है. हजारीबाग में राज्य भर से 100 से अधिक छात्र-छात्राएं कराटे और मार्शल आर्ट की प्रैक्टिस कर रही हैं ताकि खुद और आसपास की छात्राओं को सुरक्षित किया जा सके.

देखिए पूरी खबर

महिला अपराध का ग्राफ बढ़ा

लॉकडाउन के समय महिला अपराध का ग्राफ बढ़ा है. ऐसे में लोग काफी चिंतित भी हैं. महिला खुद को सुरक्षित कैसे रखें यह चुनौती से भी कम नहीं है. इसे देखते हुए हजारीबाग में राज्य भर से छात्राएं जुटी हैं और सेल्फ डिफेंस की बारीकियों को सीख रही हैं. छात्राएं कहती हैं कि आज के समय खुद को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है. ऐसे में हम यहां कराटे सीखने आए हैं. हम लोगों को हमारे ट्रेनर कई स्टेप भी सिखा रहे हैं, ताकि हम खुद और आसपास की छात्राओं को भी सुरक्षित रख सके.

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ट्रेनिंग लेती छात्राएं

राष्ट्रीय स्तर पर कराटे में अपनी पहचान बनाने वाली छात्रा कहती हैं कि 'पहले जब मैं स्कूल में पढ़ा करती थी तो मुझे किसी ने एक बार छेड़ा था. इसके बाद मैंने यह सोच लिया कि खुद को सशक्त करना है. मैने खुद को सशक्त किया और अन्य छात्राओं को ट्रेनिंग दे रही हुं.' वे कहती हैं कि आप घर से बाहर निकले आसपास में वैसे जगह जहां कराटे सिखाया जा रहा है वहां आ जाए और सीखे, ताकि खुद को और अपने आसपास की लड़कियों को सुरक्षित रख सके.

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ट्रेनिंग लेती छात्राएं

बच्चियों को मिल रही कराटे की ट्रेनिंग

ट्रेनिंग पा रही छात्राएं कहती हैं कि 'मैं तो यहां सीख ही रही हूं. जब अपने घर जाउंगी और हमारा स्कूल खुलेगा तो मैं अपनी दोस्त को भी ट्रेनिंग दूंगी, जिससे वे खुद को सुरक्षित रख पाएंगी. हजारीबाग में ट्रेनिंग देने वाले ट्रेनर कहते हैं कि लॉकडाउन के समय छात्राओं के माता-पिता ने हम लोगों से फोन के जरिए कांटेक्ट किया था. हमें फिर से बच्चियों को ट्रेनिंग देने की बात कही थी. ऐसे में हम लोगों ने यह पहल की है. पूरे राज्य भर से छात्राएं पहुंची हैं और उन्हें हम लोग ट्रेनिंग दे रहे हैं. भविष्य में भी कोशिश करेंगे कि छात्राओं को लगातार ट्रेंड किया जा सके, ताकि वह खुद को सुरक्षित रख सके.

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पुलिस हर एक व्यक्ति को सुरक्षा नहीं दे सकती है. ऐसे में खुद को सुरक्षित रखना सबसे अच्छा विकल्प है. शारीरिक रूप से दुरुस्त रखना और आत्म सुरक्षा के बारीकियों को सीखना आज की मांग भी है. छात्राओं का बढ़-चढ़कर सिर्फ डिफेंस के बारीकियों को सीखना उनके मनोबल को भी बढायेगा.

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