हजारीबाग: इन दिनों बिहार के मोकामा विधायक अनंत सिंह काफी सुर्खियों में हैं. छोटे सरकार के नाम से मशहूर बाहुबली विधायक अनंत सिंह के घर से एके-47 जैसा घातक हथियार बरामद हुआ है. उन्होंने काफी नाटकीय ढंग से दिल्ली के साकेत कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है. ऐसे में हजारीबाग से भी बाहुबली विधायक अनंत सिंह की कहानी जुड़ी हुई है.
मूर्तिकार पास्कल प्रभुदास हजारीबाग के जुलू पार्क स्थित चर्च के सामने फुटपाथ पर ही मूर्ति बनाते हैं. उनके मूर्ति की मांग देश विदेशों में भी है, ऐसे में विधायक अनंत सिंह के चाहने वालों ने उन्हें एक फोटो दिया था और कहा था कि विधायक अनंत सिंह की मूर्ति बना दो. ऐसे में मूर्तिकार पास्कल ने उनकी मूर्ति बनाना शुरु कर दिया था लेकिन महज कुछ दिन के बाद उन्हें फोन आया कि मूर्ति बनाना बंद कर दो. क्योंकि मरे हुए व्यक्ति की ही मूर्ति बनती है और अनंत सिंह बाहुबली हैं और जीवित हैं. ऐसे में उनकी मूर्ति नहीं बननी चाहिए.
ये भी पढ़ें- रांची में बीआईटी ओपी के मुंशी ने की आत्महत्या
मूर्ति बनाने के लिए 12000 रूपये तय किया गया, जिसके बदले 2000 एडवांस के रूप में दिया गया था. ऐसे में मूर्तिकार के घर में ही विधायक अनंत सिंह की अधूरी मूर्ति रखी हुई है. मूर्तिकार पास्कल प्रभुदास कहते हैं कि एक गरीब मूर्तिकार को ऑर्डर दिया गया और दो हजार एडवांस भी दिए. जिस रकम को लकड़ी खरीदने में ही खर्च करना पड़ा और बाद में ऑर्डर कैंसल भी कर दिया गया. एक सप्ताह से अधिक समय भी लग गया, ऐसे में अनंत सिंह के चाहने वालों ने ठीक नहीं किया. एक गरीब मूर्तिकार के हक का पैसा भी नहीं दिया और मूर्ति का ऑर्डर भी कैंसल कर दिया.
जब मूर्तिकार को जब पता चला कि अनंत सिंह को पुलिस तलाश कर रही है और उन्होंने चोरी-छिपे दिल्ली के साकेत कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है तो, उसने उस अधूरी मूर्ति को अपने कमरे से निकालकर जहां मूर्ति बनाता है वहां लेकर बैठ गया और कहा शायद अब यह मूर्ति पूरी नहीं होगी.