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रंगमंच को बढ़ावा देने के लिए कला संस्कृति विभाग का कार्यक्रम, स्थानीय कलाकारों का दिखा जलवा

हजारीबाग में पर्यटन कला संस्कृति और खेलकूद विभाग झारखंड सरकार के सौजन्य से रंगमंच को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें स्थानीय कलाकारों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.

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नाट्य मंच के कलाकार
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Published : Feb 10, 2020, 5:28 AM IST

हजारीबाग: जिले में पिछले 15 दिनों से पर्यटन कला संस्कृति और खेलकूद विभाग झारखंड सरकार के सौजन्य से नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया गया. जहां हजारीबाग के स्थानीय कलाकारों को हर दिन प्रशिक्षण दिया गया. जिसका समापन हो गया.

देखें पूरी खबर

हास्य व्यंग्य नाटक का मंचन
नाटक रूप में प्रख्यात रंगकर्मियों के कलाकारों को अभिनय की बारीकी से अवगत कराया गया. इस कार्यशाला में प्रसिद्ध कथाकार रतन वर्मा के रचित हरिश्चंद्र का पूर्णजन्म हास्य व्यंग्य नाटक का मंचन किया गया.

ये भी पढ़ें- शादी से घर लौटने पर बीजेपी नेता के उड़े होश, कैश समेत लाखों के गहने गायब

रंगमंच को प्रोत्साहित
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय कलाकार और विभिन्न संस्थान को प्रोत्साहित करना था. ताकि रंगमंच के कलाकारों को उचित मंच मिल सके और वह अपनी प्रतिभा दिखा सकें. राजधानी रांची से आए पदाधिकारी ने बताया कि सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के अंतर्गत कई कार्य किए जाते हैं, जो सांस्कृतिक संस्थाओं को प्रोत्साहित करने का काम भी करती है. इसी उद्देश्य से सरकार सांस्कृतिक अनुदान योजना चला रही है. इस योजना के अंतर्गत निबंधित संस्था को अनुदान राशि दिया जाता है, ताकि वह रंगमंच को प्रोत्साहित कर सकें. इसी उद्देश्य से हजारीबाग में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

हजारीबाग: जिले में पिछले 15 दिनों से पर्यटन कला संस्कृति और खेलकूद विभाग झारखंड सरकार के सौजन्य से नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया गया. जहां हजारीबाग के स्थानीय कलाकारों को हर दिन प्रशिक्षण दिया गया. जिसका समापन हो गया.

देखें पूरी खबर

हास्य व्यंग्य नाटक का मंचन
नाटक रूप में प्रख्यात रंगकर्मियों के कलाकारों को अभिनय की बारीकी से अवगत कराया गया. इस कार्यशाला में प्रसिद्ध कथाकार रतन वर्मा के रचित हरिश्चंद्र का पूर्णजन्म हास्य व्यंग्य नाटक का मंचन किया गया.

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रंगमंच को प्रोत्साहित
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय कलाकार और विभिन्न संस्थान को प्रोत्साहित करना था. ताकि रंगमंच के कलाकारों को उचित मंच मिल सके और वह अपनी प्रतिभा दिखा सकें. राजधानी रांची से आए पदाधिकारी ने बताया कि सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के अंतर्गत कई कार्य किए जाते हैं, जो सांस्कृतिक संस्थाओं को प्रोत्साहित करने का काम भी करती है. इसी उद्देश्य से सरकार सांस्कृतिक अनुदान योजना चला रही है. इस योजना के अंतर्गत निबंधित संस्था को अनुदान राशि दिया जाता है, ताकि वह रंगमंच को प्रोत्साहित कर सकें. इसी उद्देश्य से हजारीबाग में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

Intro:हजारीबाग में पर्यटन कला संस्कृति और खेलकूद विभाग झारखंड सरकार के सौजन्य से रंगमंच को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय कलाकारों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।


Body:हजारीबाग में विगत 15 दिनों से पर्यटन कला संस्कृति और खेलकूद विभाग झारखंड सरकार के सौजन्य से नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया गया ।जहां हजारीबाग के स्थानीय कलाकारों को प्रत्येक दिन प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।जिसका आज समापन हो गया ।नाटक रूप में प्रख्यात रंगकर्मीयों के द्वारा कलाकारों को अभिनय की बारीकी से अवगत कराया गया ।इस कार्यशाला में प्रसिद्ध कथाकार रतन वर्मा द्वारा रचित हरिश्चंद्र का पूर्णजन्म हास्य व्यंग्य नाटक का मंचन किया गया ।15 दिनों से इस नाटक को कलाकारों ने नाट्य मंच उतारने की कोशिश की।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय कलाकार और विभिन्न संस्थान को प्रोत्साहित करना है। ताकि रंगमंच के कलाकारों को उचित मंच मिल सके और वह अपनी प्रतिभा दिखा सकें। राजधानी रांची से आए पदाधिकारी ने बताया कि सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के अंतर्गत कई कार्य किए जाते हैं। जो सांस्कृतिक संस्थाओं को प्रोत्साहित करने का काम भी करती है। इसी उद्देश्य से सरकार ने सांस्कृतिक अनुदान योजना चला रही है। इस योजना के अंतर्गत निबंधित संस्था को अनुदान राशि दिया जाता है। ताकि वह रंगमंच को प्रोत्साहित कर सके। इसी उद्देश्य से हजारीबाग में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।जिसमें यहां के स्थानीय कलाकारों को मौका दिया गया। जहां उन लोगों ने 15 दिनों तक नाटक की बारीकियों को सीखा और पूरा नाटक तैयार किया है।

byte.... विजय पासवान ,सहायक निदेशक ,कला एवं संस्कृति विभाग झारखंड सरकार
byte.... राकेश कुमार स्थानीय कलाकार ....मफलर ओढ़े हुए और दाढ़ी


Conclusion:हजारीबाग जैसे छोटे शहर में भी इस तरह के कार्यक्रम होने से जहां एक ओर कलाकारों को उचित मंच मिला है तो दूसरी ओर इसे लेकर स्थानीय लोगों में भी उत्साह है। जरूरत है इस तरह के कार्यक्रम का निश्चित समय दौरान में आयोजन करने का।
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