ETV Bharat / city

हजारीबाग में बिना जांच के घर में छिपकर एंट्री कर रहे प्रवासी मजदूर, गांव वालों की बढ़ी परेशानियां - Migrant workers returned to Jharkhand from other states

लॉकडाउन में विभिन्न राज्यों से मिली छूट से सात हजार से अधिक प्रवासी मजदूर अपने अपने गांव लौट आए हैं. कुछ प्रवासी बिना जांच के ही घर में प्रवेश कर जाते हैं. इससे गांव वालों की परेशानियां बढ़ गई हैं.

problem increased of villagers due to migrant workers in hazaribag
प्रवासी मजदूर के कारण गांव वालों की बढ़ी परेशानियां
author img

By

Published : May 17, 2020, 5:51 PM IST

हजारीबाग: पूरे देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लागू किया गया है. ऐसे में सरकार दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस ला रही है. चौपारण प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार श्रीवास्तव ने प्रखंड मुख्यालय में अंकित आंकड़ों की जानकारी दी है. अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 26 पंचायत के पंचायत भवन के अलावा 32 केंद्र बनाए गए हैं.

सामुदायिक अस्पताल, शहीद भगत सिंह हाई स्कूल झापा, मवि झापा, प्रावि रामचक, मध्य विद्यालय परसातरी और प्रावि कुतुलु शामिल हैं. 26 पंचायतों में चार सौ से अधिक प्रावासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन केंद्र में रखा गया है. अन्य क्वॉरेंटाइन केंद्रों में एक सौ से अधिक प्रावासी मजदूरों को रखा गया है. बीडीओ ने बताया कि विभिन्न राज्यों से लौट रहे प्रावासी मजदूरों को होम क्वॉरेंटाइन संबंधित पंचायत के मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी पर होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. पंचायत भवनों में रहने वाले प्रावासी मजदूरों के अलावा शहीद भगत सिंह हाई स्कूल में तीन, मवि झापा में दो, प्रावि रामचक में 40, मवि परसातरी में 27 और प्रावि कुतुलु में 29 प्रवासी मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी प्रावासी मजदूरों को रखा गया है. प्रावासी मजदूरों के गांव में पहुंचने से गांव के लोगों की कई परेशनियां बढ़ गई हैं, क्योंकि जांच किए बिना ही छिपकर घर में प्रवेश कर जाते हैं. जब पता चलता कि कोई व्यक्ति अन्य राज्य से आ गया है और छिपकर कर घर में रह रहा है तो सहिया या सेविका को जानकारी देने के बाद जांच करवाने जाते हैं. पंचायतों द्वारा संचालित पंचायत भवनों और अन्य क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रह रहे प्रावासी मजदूरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

हजारीबाग: पूरे देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लागू किया गया है. ऐसे में सरकार दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस ला रही है. चौपारण प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार श्रीवास्तव ने प्रखंड मुख्यालय में अंकित आंकड़ों की जानकारी दी है. अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 26 पंचायत के पंचायत भवन के अलावा 32 केंद्र बनाए गए हैं.

सामुदायिक अस्पताल, शहीद भगत सिंह हाई स्कूल झापा, मवि झापा, प्रावि रामचक, मध्य विद्यालय परसातरी और प्रावि कुतुलु शामिल हैं. 26 पंचायतों में चार सौ से अधिक प्रावासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन केंद्र में रखा गया है. अन्य क्वॉरेंटाइन केंद्रों में एक सौ से अधिक प्रावासी मजदूरों को रखा गया है. बीडीओ ने बताया कि विभिन्न राज्यों से लौट रहे प्रावासी मजदूरों को होम क्वॉरेंटाइन संबंधित पंचायत के मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी पर होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. पंचायत भवनों में रहने वाले प्रावासी मजदूरों के अलावा शहीद भगत सिंह हाई स्कूल में तीन, मवि झापा में दो, प्रावि रामचक में 40, मवि परसातरी में 27 और प्रावि कुतुलु में 29 प्रवासी मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी प्रावासी मजदूरों को रखा गया है. प्रावासी मजदूरों के गांव में पहुंचने से गांव के लोगों की कई परेशनियां बढ़ गई हैं, क्योंकि जांच किए बिना ही छिपकर घर में प्रवेश कर जाते हैं. जब पता चलता कि कोई व्यक्ति अन्य राज्य से आ गया है और छिपकर कर घर में रह रहा है तो सहिया या सेविका को जानकारी देने के बाद जांच करवाने जाते हैं. पंचायतों द्वारा संचालित पंचायत भवनों और अन्य क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रह रहे प्रावासी मजदूरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.