हजारीबाग: झारखंड में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर वैट कम नहीं करने का राज्य सरकार का फैसला पेट्रोल व्यवसायियों को महंगा पड़ रहा है. झारखंड में डीजल की कीमत पड़ोसी राज्यों से अधिक होने की वजह से वाहन मालिक अब दूसरे राज्यों से पेट्रोल भरवाकर ही राज्य में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्र के पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर है. लगातार हो रहे नुकसान से परेशान पेट्रोल डीलर एसोसिएशन ने 21 दिसंबर को पूरे राज्य में पेट्रोल पंप बंद रखने का फैसला किया है.
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21 दिसंबर को बंद रहेगा पेट्रोल पंप
झारखंड में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर वैट कम करने की मांग को लेकर झारखंड पेट्रोल डीजल एसोसिएशन ने 21 दिसंबर को पेट्रोल पंप बंद रखने का ऐलान किया है. फैसले के तहत सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पेट्रोल पंप पूरी तरह बंद रहेंगे. पेट्रोल डीजल एसोसिएशन का कहना है कि अगर 22% से 17% वैट कर दिया जाए तो हम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. संघ के मुताबिक झारखंड के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा में डीजल की कीमत झारखंड से कम है. ऐसे में झारखंड से चलने वाले वाहन डीजल पड़ोसी राज्यों में भराना पसंद करते हैं. इस कारण हम लोगों को नुकसान हो रहा है.
पड़ोसी राज्यों में डीजल भरा हैं ट्रक चालक
संघ का यह भी कहना है कि अगर 5% वेट कम कर दिया जाए तो सरकार को 1000 करोड़ रुपया का राजस्व तब भी मिलेगा.लेकिन सरकार इस ओर नहीं सोच रही है. संघ का कहना है कि झारखंड एक खनिज प्रधान राज्य है. यहां से खनिज निकटवर्ती राज्यों को जाता है. इसके अलावा बस परिचालन भी निकटवर्ती राज्यों में होता है. वाहन मालिक डीजल निकटवर्ती राज्य में ही भरा लेते हैं जिससे यहां के पेट्रोल पंपों को नुकसान हो रहा है.
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वैट घटाना होगा फायदेमंद
संघ का कहना है कि मोटे तौर पर देखा जाए तो इस तरह का आयात अपने प्रदेश में 30,000 किलोलीटर प्रति माह हो रहा है. जिससे मिलने वाले राजस्व का शुद्ध रूप से अपने प्रदेश को नुकसान उठाना पड़ रहा है. जब वैट की दर 18% थी तब वर्ष 2015-16 में झारखंड प्रदेश में प्रतिमाह डीजल की बिक्री 1 लाख 28 हजार किलोलीटर थी जो घटकर 1 लाख 16 हजार प्रतिमाह पर पहुंच चुकी है. जबकि पूरे देश में प्रति वर्ष 8% की दर से पेट्रोलियम पदार्थों का बिक्री में इजाफा हुआ है. इस कारण वेट का दर 5% घटाना सरकार के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.