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हजारीबाग में अंधेरा कायम है! गंभीर हाल में आए मरीज का टॉर्च की रोशनी में इलाज, खुली पोल तो उड़ गए प्रशासन के होश

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Published : Aug 6, 2022, 11:00 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 11:52 AM IST

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Hazaribagh Medical College Hospital) में लापरवाही की पोल खोलती तस्वीरें सामने आईं हैं. एक व्यक्ति ने डीसी को टैग करते हुए एक वीडियो शेयर किया है जिसमें ट्रॉमा सेंटर में एक मरीज का इलाज टॉर्च से किया जा रहा है.

patient treatment under mobile torch light
patient treatment under mobile torch light

रांची/हजारीबाग: हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Hazaribagh Medical College Hospital) यानी एचएमसीएच कहे जाने वाले ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी वार्ड (Emergency Ward) में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीज के इलाज (Patient Treatment Under Mobile Torch Light) की तस्वीरें यहां के स्वास्थ्य अवस्था की पोल खोल दी है. रंजन चौधरी नाम के एक संवेदनशील शख्स ने वीडियो जारी कर हजारीबाग के डीसी को टैग करते हुए संज्ञान लेने का आग्रह किया है.

ये भी पढ़ें: जनता के पैसे का हुआ दुरुपयोग! कई सरकारी भवनों का हुआ निर्माण, लेकिन इनका नहीं होता इस्तेमाल

गुरुवार की देर शाम को कटकमसांडी प्रखंड के आराभुसाई पंचायत के ग्राम महुंगाई निवासी 22 वर्षीय सागर कुमार यादव वज्रपात का झटका लगा था. उन्हें आनन-फानन में ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी (Emergency Ward) वार्ड में लाया गया, लेकिन अचानक बिजली गुल हो गई. डॉक्टर ने फौरन ईसीजी करने की सलाह दी. लेकिन अंधेरा होने की वजह से मरीज के परिजनों ने मोबाइल टॉर्च लाइट जलाया तब जाकर ईसीजी हो पाया (Patient Treatment Under Mobile Torch Light).

देखें वीडियो

यहां कई अन्य मरीज भी उपस्थित थे, जिनका इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी के सहारे ही हुआ. मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में दो बड़े डीजी जनरेटर लगे हुए हैं. करीब 50 लाख रुपए की लागत से यहां सोलर प्लांट लगाया गया है और हर दिन मरीज के बेहतर इलाज और रोशनी उपलब्ध कराने के लिए 150- 200 लीटर डीजल की व्यवस्था रहती है. बावजूद इसके अस्पताल के अति संवेदनशील और महत्वपूर्ण ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी वार्ड का यह हाल है. यहां गंभीर मरीजों का ट्रीटमेंट होता है. उनका इलाज मोबाइल टॉर्च लाइट के जरिए किया जाना उनके जिंदगी से खिलवाड़ किया जाना जैसा है.

patient treatment under mobile torch light
डीसी का ट्वीट

हालांकि, इसकी जानकारी मिलते ही हजारीबाग की डीसी ने गंभीरता दिखाते हुए कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब सवाल है कि हजारीबाग जैसे शहर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर कि ऐसी स्थिति है तो आप समझ सकते हैं कि ग्रामीण इलाकों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का क्या हाल होगा.

रांची/हजारीबाग: हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Hazaribagh Medical College Hospital) यानी एचएमसीएच कहे जाने वाले ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी वार्ड (Emergency Ward) में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीज के इलाज (Patient Treatment Under Mobile Torch Light) की तस्वीरें यहां के स्वास्थ्य अवस्था की पोल खोल दी है. रंजन चौधरी नाम के एक संवेदनशील शख्स ने वीडियो जारी कर हजारीबाग के डीसी को टैग करते हुए संज्ञान लेने का आग्रह किया है.

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गुरुवार की देर शाम को कटकमसांडी प्रखंड के आराभुसाई पंचायत के ग्राम महुंगाई निवासी 22 वर्षीय सागर कुमार यादव वज्रपात का झटका लगा था. उन्हें आनन-फानन में ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी (Emergency Ward) वार्ड में लाया गया, लेकिन अचानक बिजली गुल हो गई. डॉक्टर ने फौरन ईसीजी करने की सलाह दी. लेकिन अंधेरा होने की वजह से मरीज के परिजनों ने मोबाइल टॉर्च लाइट जलाया तब जाकर ईसीजी हो पाया (Patient Treatment Under Mobile Torch Light).

देखें वीडियो

यहां कई अन्य मरीज भी उपस्थित थे, जिनका इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी के सहारे ही हुआ. मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में दो बड़े डीजी जनरेटर लगे हुए हैं. करीब 50 लाख रुपए की लागत से यहां सोलर प्लांट लगाया गया है और हर दिन मरीज के बेहतर इलाज और रोशनी उपलब्ध कराने के लिए 150- 200 लीटर डीजल की व्यवस्था रहती है. बावजूद इसके अस्पताल के अति संवेदनशील और महत्वपूर्ण ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी वार्ड का यह हाल है. यहां गंभीर मरीजों का ट्रीटमेंट होता है. उनका इलाज मोबाइल टॉर्च लाइट के जरिए किया जाना उनके जिंदगी से खिलवाड़ किया जाना जैसा है.

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डीसी का ट्वीट

हालांकि, इसकी जानकारी मिलते ही हजारीबाग की डीसी ने गंभीरता दिखाते हुए कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब सवाल है कि हजारीबाग जैसे शहर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर कि ऐसी स्थिति है तो आप समझ सकते हैं कि ग्रामीण इलाकों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का क्या हाल होगा.

Last Updated : Aug 7, 2022, 11:52 AM IST
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