हजारीबाग: जिले में दीपावली के ठीक पहले एक दीया शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन पिछले 5 सालों से किया जा रहा है. रविवार को हजारीबाग के स्थानीय युवकों ने शहीद स्मारक पर 2001 दीप जलाकर शहीदों को नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान समाज के हर तबके के लोग मौके पर मौजूद रहे.
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दीपावली दीपों का त्योहार है. हिंदू धर्म में दीपावली में अपने घर पर दीये जलाते हैं. लेकिन हजारीबाग में अपने घर में दीया जलाने से पहले शहीद स्मारक पर दीया जलाने की परंपरा पिछले 5 सालों से चलते आ रही है. इस मौके पर समाज के हर एक तबका चाहे वह राजनेता हों व्यवसायी हों या फिर छात्र सभी शहीद स्मारक पर एक दीया जलाते हैं. इस कार्यक्रम की शुरुआत हजारीबाग के कुछ युवाओं ने शुरू किया था. धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता चला गया और लोग जुटते चले गए. आज के दिनों में सैकड़ों लोग यहां पहुंचते हैं और शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं.
शहीद स्मारक पर आर्मबैंड की विशेष प्रस्तुति
शहीद स्मारक पर दीया जलाने के दौरान युवाओं की ओर से आर्मबैंड की विशेष प्रस्तुति होती है. इस मौके पर देशभक्ति गीत गाया जाता है. उनके गानों को सुनकर लोग भावुक भी हो जाते हैं. इस दौरान फूलों की लरियों, आकर्षक रंगोलियों और देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति के बीच दीपों से शहीद स्थल जगमगा उठता है. रविवार को भी शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के करीब सभी जाति, धर्म, समाज और राजनितिक दलों, सामाजिक और धार्मिक संगठन के लोगों ने एकजुटता का परिचय देते हुए इस कार्यक्रम के माध्यम से शहीदों को याद किया.
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5 सालों से हो रहा कार्यक्रम का आयोजन
हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा की आयोजक रंजन चौधरी, विजय कुमार, किशोरी राणा और शंकर चंद्र पाठक के अथक प्रयास और परिश्रम से पिछले 5 वर्षों से निरंतर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम की भव्यता और दिव्यता निरंतर बढ़ती जा रही है. दीपावली की खुशियों के साथ शहीदों के शहादत को याद किया जाना हिंदुस्तान की पौराणिक संस्कृति और सभ्यता का द्योतक है.