हजारीबाग: राष्ट्रीय सहकारिता विभाग निगम क्षेत्रीय निदेशालय रांची की ओर से हजारीबाग नगर भवन में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PM Matsya Sampada Yojana) को लेकर एक दिवसीय जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मत्स्य मित्रों को आत्मनिर्भर होने को लेकर जानकारी दी गई, साथ ही साथ इस योजना का लाभ कैसे लेना है, डीपीआर कैसे तैयार करना है, इन तमाम बिंदुओं पर चर्चा की गई.
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मत्स्य पालन आज के समय में उभरता व्यवसाय के रूप में देखा जा रहा है. इसे देखते हुए राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम क्षेत्रीय निदेशालय रांची की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को लेकर एक दिवसीय जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें रांची से आए पदाधिकारियों ने मत्स्य मित्रों को कई अहम जानकारी दी. साथ ही साथ एसपीओ की भूमिका मत्स्य पालन में क्या है, इसे लेकर भी विस्तृत जानकारी दी गई.
2024 -25 तक कुल 220 लाख मेट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य
केंद्र सरकार मछली उत्पादन 2024 -25 तक कुल 220 लाख मेट्रिक टन तक पहुंचाना चाहती है. साथ ही साथ प्रति हेक्टेयर 3 टन मछली उत्पादन को बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. भारत में किसान खेती के अलावा पशु पालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन जैसे छोटे मोटे व्यवसाय की तरफ तेजी से रुख कर रहे हैं. बड़ी संख्या में किसान इस व्यवसाय की ओर आए इसके लिए सरकार कई स्तर से मदद कर रही है, ताकि किसानों का आय बढ़ सके. मछली पालन में किसानों को बेहतर मुनाफा मिले इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की है.
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हजारीबाग जिले में 17 जलाशय
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में भारत सरकार का अंशदान, राज्य सरकार का अंशदान और लाभुक का अंशदान निहित है. जिसमें अनुसूचित जाति जनजाति एवं सभी वर्गों की महिलाओं के लिए सरकारी सहायता इकाई लागत का कुल 60% और अन्य कोटि के लागू के लिए इकाई लागत का 40% है. वर्ष 2020-21 में हजारीबाग जिले में कुल 16 योजनाओं के अंतर्गत 55 लाभुकों का चयन किया गया है. हजारीबाग जिले के अंतर्गत कुल 17 जलाशय आते हैं.