हजारीबाग: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था कोमा में चली गई है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल दलालों की गिरफ्त में है. ये कहना है हजारीबाग के सदर विधायक मनीष जायसवाल का. दरअसल एक महिला जिसका पैर टूट गया वह इलाज के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची थी. लेकिन यहां 42 दिन बीत जाने के बावजूद उसका ऑपरेशन नहीं हुआ, क्योंकि डॉक्टर ने ₹20 हजार की मांग की है. विधायक मनीष जायसवाल को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने HNCH के अधीक्षक डॉ विनोद को खूब खरी-खोटी सुनाई और कार्रवाई करने तक की बात कही है.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता राष्ट्रीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर में हिस्सा लेने के लिए गुजरात गए हैं. लेकिन राज्य के सरकारी अस्पताल कैसे दुरुस्त हों यह आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती है. आलम यह है कि डॉक्टर कमीशन की लालच में 42 दिनों से महिला का ऑपरेशन तक नहीं कर रहे हैं. यह मामला हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का है. जहां सीता देवी जिनकी उम्र लगभग 60 साल है पैर टूट जाने के कारण ऑपरेशन का इंतजार कर रही हैं. महिला का इलाज 23 मार्च से ही चल रहा है.
विभागाध्यक्ष डॉक्टर शंकर श्रीनिवास अपने अंदर में इलाज कर रहे हैं. लेकिन आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलने के बावजूद उसका ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. महिला के परिजनों ने आरोप लगाया है कि सर्जरी के इनप्लांट के लिए ₹20 हजार की डिमांड डॉक्टर ने की है. इस बाबत मरीज के परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के सुपरिटेंडेंट डॉ विनोद कुमार को भी जानकारी दिया. स्थिति यहां तक आ पहुंची उपायुक्त से लेकर जनप्रतिनिधि को इसकी जानकारी दी गई इसके बाद भी डॉक्टर ने ऑपरेशन नहीं किया. ऐसे में सदर विधायक मनीष जायसवाल ने मेडिकल कॉलेज परिसर में पहुंचकर सुपरिटेंडेंट डॉ विनोद कुमार को खरी-खोटी सुनाई.
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार के चेंबर में आज जमकर अस्पताल प्रबंधन की लचर व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया गया. 1 महीने 9 दिन बीत जाने के बावजूद सर्जरी क्यों नहीं हुई इसका जवाब मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन के पास भी नहीं था. ऐसे में अब डॉक्टर विनोद ने इस बाबत आरोपी डॉक्टर को शॉ-कॉज भी किया है. प्रबंधन ने आश्वस्त किया है कि सरकार को इसकी जानकारी दी जाएगी.