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ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी मामले की जांच में नया मोड़, FIR करने में हुई है जल्दबाजी

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी मामले को लेकर जांच बढ़ती जा रही है. हर एक दिन जांच में नया मोड़ आ रहा है. अब एसआईटी की टीम को ऐसा प्रतीत हो रहा है प्रथम दृष्टया से एफआईआर करने में लापरवाही बरती गई. सही मिलान सिलेंडरों का नहीं किया गया. इस कारण गलत एफआईआर दर्ज की गयी है. वहीं, इस पूरे मामले में अभी भी जांच चल रही है. कई पदाधिकारी, वार्ड बॉय और समाजसेवियों से पूछताछ भी की जा रही है.

oxygen cylinder theft case in hazaribag
ऑक्सीजन सिलेंडर
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Published : May 23, 2021, 1:39 PM IST

हजारीबागः जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 17 मई को प्रबंधन ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी और बताया था कि B type 101 सिलेंडर, D type 82 और 60 पीस रेगुलेटर की चोरी हुई है. इस मामले में अब एक नया मोड़ सामने आ रहा है. एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है. महेश प्रजापति एसडीपीओ सदर इस पूरे प्रकरण पर पैनी नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया से ऐसा प्रतीत होता है कि हड़बड़ी में एफआईआर किया गया था और सही नंबर का मिलान नहीं किया गया था. इस कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई. वहीं, उन्होंने कहा कि सभी बड़े सिलेंडर मिल चुके हैं और छोटा 62 सिलेंडर अभी भी मिसिंग बताया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-हजारीबाग: ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी मामले में जांच करने पहुंचे एसपी और एसडीओ, स्वास्थ्य कर्मियों से की पूछताछ

हर एक बिंदु पर जांच जारी

एसडीपीओ का कहना है कि जब एसआईटी की टीम ने पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया, उस वक्त कई सिलेंडर दूसरे वार्ड में मिले, कुछ सिलेंडर ऐसे भी पाए गए जो उपयोग के लायक नहीं थे उन्हें दूसरी जगह रखा गया था. इस कारण उसकी गिनती नहीं हुई थी. वहीं, कुछ सिलेंडर जहां रिफिल किया जाता है वहां से भी उन लोगों को मिला है. ऐसे में कहा जाए तो एफआईआर करने के समय ऑक्सीजन सिलेंडर का सही मिलान नहीं किया गया. इस कारण विरोधाभास कि स्थिति उत्पन्न हुई है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी छोटे 62 ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहा है. तलाश जारी है, हर एक बिंदु पर जांच किया जा रहा है और बहुत जल्द ही ठोस निष्कर्ष पर पहुंचेंगे. वहीं, रेगुलेटर भी अभी तक मिसिंग बताया जा रहा है. उसकी भी तलाश की जा रही है.

ये भी पढ़ें- हजारीबागः ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी के खिलाफ सीपीआई कार्यकर्ता का आंदोलन, सिविज सर्जन और एडीएम पर कार्रवाई की मांग

विभिन्न सूत्रों के अनुसार इस पूरे प्रकरण में भाजपा नेता समेत कई पदाधिकारी वार्ड बॉय चिकित्सकों से एसआईटी की टीम ने घंटों पूछताछ की है. कई दस्तावेज भी जब्त कर सील किया गया है, ताकि उसके साथ छेड़छाड़ नहीं हो सके. हजारीबाग पुलिस की एक अलग टीम सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाल रही है.

60 मीटर भी गायब

अगर आंकड़ों की बात की जाए तो अभी 62 ऑक्सीजन सिलेंडर मिसिंग बताए जा रहे हैं. वहीं, 60 मीटर भी गायब है. ऐसे में यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि जिसे भी ऑक्सीजन सिलेंडर दिया गया उसे पूरा सेट बना कर दिया गया, ताकि उसका उपयोग किया जा सके क्योंकि जिस वक्त ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी होने की बात सामने आई, उस दौरान हजारीबाग समेत पूरे झारखंड में ऑक्सीजन मीटर की भी किल्लत थी. यह भी जांच के दायरे में सामने आने की बात है.

हजारीबागः जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 17 मई को प्रबंधन ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी और बताया था कि B type 101 सिलेंडर, D type 82 और 60 पीस रेगुलेटर की चोरी हुई है. इस मामले में अब एक नया मोड़ सामने आ रहा है. एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है. महेश प्रजापति एसडीपीओ सदर इस पूरे प्रकरण पर पैनी नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया से ऐसा प्रतीत होता है कि हड़बड़ी में एफआईआर किया गया था और सही नंबर का मिलान नहीं किया गया था. इस कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई. वहीं, उन्होंने कहा कि सभी बड़े सिलेंडर मिल चुके हैं और छोटा 62 सिलेंडर अभी भी मिसिंग बताया जा रहा है.

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हर एक बिंदु पर जांच जारी

एसडीपीओ का कहना है कि जब एसआईटी की टीम ने पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया, उस वक्त कई सिलेंडर दूसरे वार्ड में मिले, कुछ सिलेंडर ऐसे भी पाए गए जो उपयोग के लायक नहीं थे उन्हें दूसरी जगह रखा गया था. इस कारण उसकी गिनती नहीं हुई थी. वहीं, कुछ सिलेंडर जहां रिफिल किया जाता है वहां से भी उन लोगों को मिला है. ऐसे में कहा जाए तो एफआईआर करने के समय ऑक्सीजन सिलेंडर का सही मिलान नहीं किया गया. इस कारण विरोधाभास कि स्थिति उत्पन्न हुई है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी छोटे 62 ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहा है. तलाश जारी है, हर एक बिंदु पर जांच किया जा रहा है और बहुत जल्द ही ठोस निष्कर्ष पर पहुंचेंगे. वहीं, रेगुलेटर भी अभी तक मिसिंग बताया जा रहा है. उसकी भी तलाश की जा रही है.

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विभिन्न सूत्रों के अनुसार इस पूरे प्रकरण में भाजपा नेता समेत कई पदाधिकारी वार्ड बॉय चिकित्सकों से एसआईटी की टीम ने घंटों पूछताछ की है. कई दस्तावेज भी जब्त कर सील किया गया है, ताकि उसके साथ छेड़छाड़ नहीं हो सके. हजारीबाग पुलिस की एक अलग टीम सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाल रही है.

60 मीटर भी गायब

अगर आंकड़ों की बात की जाए तो अभी 62 ऑक्सीजन सिलेंडर मिसिंग बताए जा रहे हैं. वहीं, 60 मीटर भी गायब है. ऐसे में यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि जिसे भी ऑक्सीजन सिलेंडर दिया गया उसे पूरा सेट बना कर दिया गया, ताकि उसका उपयोग किया जा सके क्योंकि जिस वक्त ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी होने की बात सामने आई, उस दौरान हजारीबाग समेत पूरे झारखंड में ऑक्सीजन मीटर की भी किल्लत थी. यह भी जांच के दायरे में सामने आने की बात है.

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