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हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नहीं बन रहा था प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान - झारखंड सरकार

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं. इस मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने सरकार इस मामले में जवाब-तलब किया है.

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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान
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Published : Aug 12, 2021, 10:42 AM IST

Updated : Aug 12, 2021, 11:55 AM IST

हजारीबागः जिले में जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनने को लेकर शिकायत दर्ज करने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. वहीं राज्य सरकार ने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से 15 अगस्त तक जांच रिपोर्ट की मांग की है.

ये भी पढ़ेंः हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नहीं बन रहा जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, लोग हो रहे परेशान

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने को लेकर समाजसेवी गणेश कुमार सीटू ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की थी. जिसमें कहा गया था कि जन्म लेने वाले बच्चे को जन्म प्रमाण पत्र लेने का संवैधानिक अधिकार है. लेकिन हजारीबाग मेडिकल अस्पताल की व्यवस्था के कारण लगभग 4000 से अधिक बच्चों को जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है. इस शिकायत पर आयोग ने संज्ञान लिया है और विभाग से जांच कर अविलंब रिपोर्ट की मांग की है.

देखें पूरी खबर
गणेश कुमार के इस पत्र पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली ने संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग झारखंड सरकार को एक पत्र लिखकर इसकी जांच रिपोर्ट मांगी है. इस पत्र के आलोक में संयुक्त सचिव ने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल को पत्र लिखकर 15 अगस्त 2021 तक जांच रिपोर्ट मांगी है. वही अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर सुभाष प्रसाद को पत्र लिखकर जांच कर रिपोर्ट जमा करने का आदेश निर्गत किया है. गणेश कुमार सीटू ने पहली शिकायत 19 अक्टूबर 2020 को उपायुक्त हजारीबाग को पत्र लिखकर की थी. जिसमें बताया था कि जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में कंप्यूटर, प्रिंटर और कर्मी की कमी के कारण नहीं बन रहा है. लेकिन कार्रवाई नहीं की गई तो सीटू ने 3 जुलाई 2021 को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली को पत्र लिखकर सारी जानकारी दी थी. बताते चलें कि शेख मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हजारीबाग के अलावा चतरा, गिरिडीह, कोडरमा, रामगढ़ से महिलाएं प्रसव के लिए आती हैं. प्रमाण पत्र नहीं बनने के बाद इन महिलाओं को काफी समस्याएं हो रही हैं. बार-बार उन्हें अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ रहा है. आज भी लंबी कतार कार्यालय में देखने को मिली. जहां अभिभावक ने बताया कि 10 महीने पहले बच्चे का जन्म हुआ है लेकिन आज तक जन्म प्रमाण पत्र हम लोगों को नहीं मिला.

हजारीबागः जिले में जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनने को लेकर शिकायत दर्ज करने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. वहीं राज्य सरकार ने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से 15 अगस्त तक जांच रिपोर्ट की मांग की है.

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शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने को लेकर समाजसेवी गणेश कुमार सीटू ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की थी. जिसमें कहा गया था कि जन्म लेने वाले बच्चे को जन्म प्रमाण पत्र लेने का संवैधानिक अधिकार है. लेकिन हजारीबाग मेडिकल अस्पताल की व्यवस्था के कारण लगभग 4000 से अधिक बच्चों को जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है. इस शिकायत पर आयोग ने संज्ञान लिया है और विभाग से जांच कर अविलंब रिपोर्ट की मांग की है.

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गणेश कुमार के इस पत्र पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली ने संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग झारखंड सरकार को एक पत्र लिखकर इसकी जांच रिपोर्ट मांगी है. इस पत्र के आलोक में संयुक्त सचिव ने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल को पत्र लिखकर 15 अगस्त 2021 तक जांच रिपोर्ट मांगी है. वही अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर सुभाष प्रसाद को पत्र लिखकर जांच कर रिपोर्ट जमा करने का आदेश निर्गत किया है. गणेश कुमार सीटू ने पहली शिकायत 19 अक्टूबर 2020 को उपायुक्त हजारीबाग को पत्र लिखकर की थी. जिसमें बताया था कि जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में कंप्यूटर, प्रिंटर और कर्मी की कमी के कारण नहीं बन रहा है. लेकिन कार्रवाई नहीं की गई तो सीटू ने 3 जुलाई 2021 को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली को पत्र लिखकर सारी जानकारी दी थी. बताते चलें कि शेख मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हजारीबाग के अलावा चतरा, गिरिडीह, कोडरमा, रामगढ़ से महिलाएं प्रसव के लिए आती हैं. प्रमाण पत्र नहीं बनने के बाद इन महिलाओं को काफी समस्याएं हो रही हैं. बार-बार उन्हें अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ रहा है. आज भी लंबी कतार कार्यालय में देखने को मिली. जहां अभिभावक ने बताया कि 10 महीने पहले बच्चे का जन्म हुआ है लेकिन आज तक जन्म प्रमाण पत्र हम लोगों को नहीं मिला.
Last Updated : Aug 12, 2021, 11:55 AM IST
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