हजारीबागः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को खेती में नई तकनीक अपनाने और आत्मनिर्भर बनाने का जिक्र अपने भाषणों में लगातार करते हैं. इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में उद्यमिता को भी बढ़ावा देने के लिए सरकार विभिन्न तरह की योजनाओं पर काम कर रही है. कई राज्य सरकारें किसानों और बेरोजगारों को इसके लिए अनुदान भी प्रदान कर रही हैं. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि स्कूल की बच्चियां अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने, कोचिंग जाने और प्रतियोगिता परीक्षा की फीस भरने के लिए मशरूम की खेती कर रही हैं.
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हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं, जो इस इंतजार में रहते हैं कि सरकार उनकी मदद के लिए पहल करेगी और उस मदद से वो अपना जीवन संवारेंगे. लेकिन उन लोगों को हजारीबाग के सुदूरवर्ती मरहंद गांव की छात्राएं सीख दे रही हैं कि आप अपने सपनों को साकार करने के लिए खुद से भी मेहनत करें. मरहंद हजारीबाग के पिछड़े गांव में से एक है. इस गांव की 8 स्कूल की छात्राओं ने किशोरी समूह बनाया जो मशरूम की खेती करती हैं.
मशरूम की खेती के लिए इन्हें HDFC Bank के द्वारा चलाया जा रहा परिवर्तन कार्यक्रम से जोड़ा गया है. इस कार्यक्रम के तहत इन्हें ट्रेनिंग दी गयी. प्रशिक्षण पाने के बाद छात्राओं ने मशरूम की खेती करना शुरू किया. आज वो उन्नत किस्म की ऑर्गेनिक मशरूम की खेती कर रही हैं और इससे आमदनी भी प्राप्त कर रही हैं.
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अपने पढ़ने की ललक की वजह से इन छात्राओं ने कोचिंग का पैसा निकालने के लिए मशरूम की खेती में जुट गयीं. छात्राएं कहती हैं कि इस व्यवसाय में समय कम लगता है और सालभर इसकी मांग रहती है. पिछले साल उन्होंने लगभग 100 किलो मशरूम बेचा था, उन पैसों को छात्राओं ने अपनी पढ़ाई में खर्च किया. कुछ पैसा जमा करके रखा, उससे उनकी पूंजी बनी और इस साल भी वो मशरूम की खेती कर रही हैं.
इनमें से कई ऐसी छात्राएं हैं, जो शिक्षक बनना चाहती हैं तो कोई पुलिस ऑफिसर. परिवर्तन कार्यक्रम इनके जीवन में परिवर्तन लाने की कोशिश कर रहा है. इस कार्यक्रम के संयोजक कहते हैं कि लगभग सुदूरवर्ती गांव की 200 छात्राओं को इस योजना से जोड़ा गया है. उद्देश्य यही रहता है कि वैसे छात्राओं को जोड़ा जाए जो भविष्य में पढ़ाई करना चाहती हैं. ताकि मशरूम बेचकर कमाया हुआ पैसा वो अपनी पढ़ाई में खर्च कर सके. ऐसे में यह किशोरी ग्रुप बेहद अच्छा काम कर रही हैं. सबसे अच्छी बात है कि इससे इनका शैक्षणिक स्तर भी बढ़ा है.