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मानसून से मनरेगा का काम प्रभावितः कर्मियों में आई कमी, बारिश में खेतों में काम करने चले जाते हैं मजदूर - हजारीबाग में मनरेगा योजना प्रभावित

हजारीबाग में मानसून की वजह से मनरेगा योजना का काम प्रभावित रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश के वक्त मजदूर या ग्रामीण खेतों में काम करने चले जाते हैं. लेकिन अधिकारियों का दावा है कि मानसून खत्म होने के बाद जिला में मनरेगा की स्थिति दोबारा सामान्य हो जाएगी.

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Published : Sep 9, 2021, 4:11 PM IST

हजारीबागः मानसून का सीधा असर मनरेगा योजना पर दिख रहा है. मानसून के कारण अधिकतर मजदूर अपने खेतों में फसल उगाने में लग जाते हैं तो दूसरी ओर डोभा बनाना, ट्रेंच काटना या मिट्टी कोड़ने का काम का काम बाधित हो जाता है. इस कारण मानसून के वक्त अब मनरेगा मजदूरों को शेड निर्माण कार्य के अलावा दीदी-बाड़ी योजना में लगाया जा रहा है ताकि वो रोजगार से जुड़े रहे.

इसे भई पढ़ें- मनरेगा की नई रणनीति, काम भी और निगरानी भी, वित्तीय गड़बड़ी रोकने में मिलेगी मदद



कोरोना और लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण मजदूरों के लिए रोजगार का सबसे बड़ा जरिया मनरेगा योजना बना. जहां प्रवासी मजदूरों से लेकर स्थानीय मजदूरों को रोजगार दी गई, जिससे उनका घर परिवार का पेट पल सका. अब मॉनसून के कारण इनकी संख्या में गिरावट भी दर्ज की जा रही है. मॉनसून की वजह से अधिकतर मजदूर गांव में ही खेती-बाड़ी के काम में लग जाते हैं, इस कारण फिलहाल इनकी संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है.

देखें पूरी खबर


हजारीबाग उप विकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा भी बताते हैं कि मनरेगा के तहत मजदूरों की संख्या घटी जरूर है. लेकिन हम लोग इन्हें अब अलग तरह के काम में लगा रहे हैं. क्योंकि बरसात के वक्त डोभा निर्माण नहीं हो सकता, साथ ही साथ ट्रेंच भी नहीं काटा जा सकता है या फिर मिट्टी कोड़ाई का काम भी नहीं हो सकता है. इससे देखते हुए अब उन्हें बकरी पालन के लिए, शेड निर्माण, दीदी-बाड़ी समेत अन्य योजना में लगाया जा रहा है, जिससे उन्हें रोजगार मिलता रहे.

MNREGA workers shortage due to monsoon in Hazaribag
खेतों में काम करती महिलाएं
सरकार की कई योजनाएं मानसून के कारण प्रभावित होती है. इसमें मनरेगा भी शामिल है. मानसून खत्म होने के बाद फिर से मनरेगा योजना में गति भी देखने को मिलेगी. फिलहाल हजारीबाग जिला में मनरेगा के तहत चलने वाली कई योजनाओं में मजदूरों की संख्या में कमी जरूर आई है.
MNREGA workers shortage due to monsoon in Hazaribag
MNREGA के तहत हो रहा काम

हजारीबागः मानसून का सीधा असर मनरेगा योजना पर दिख रहा है. मानसून के कारण अधिकतर मजदूर अपने खेतों में फसल उगाने में लग जाते हैं तो दूसरी ओर डोभा बनाना, ट्रेंच काटना या मिट्टी कोड़ने का काम का काम बाधित हो जाता है. इस कारण मानसून के वक्त अब मनरेगा मजदूरों को शेड निर्माण कार्य के अलावा दीदी-बाड़ी योजना में लगाया जा रहा है ताकि वो रोजगार से जुड़े रहे.

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कोरोना और लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण मजदूरों के लिए रोजगार का सबसे बड़ा जरिया मनरेगा योजना बना. जहां प्रवासी मजदूरों से लेकर स्थानीय मजदूरों को रोजगार दी गई, जिससे उनका घर परिवार का पेट पल सका. अब मॉनसून के कारण इनकी संख्या में गिरावट भी दर्ज की जा रही है. मॉनसून की वजह से अधिकतर मजदूर गांव में ही खेती-बाड़ी के काम में लग जाते हैं, इस कारण फिलहाल इनकी संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है.

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हजारीबाग उप विकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा भी बताते हैं कि मनरेगा के तहत मजदूरों की संख्या घटी जरूर है. लेकिन हम लोग इन्हें अब अलग तरह के काम में लगा रहे हैं. क्योंकि बरसात के वक्त डोभा निर्माण नहीं हो सकता, साथ ही साथ ट्रेंच भी नहीं काटा जा सकता है या फिर मिट्टी कोड़ाई का काम भी नहीं हो सकता है. इससे देखते हुए अब उन्हें बकरी पालन के लिए, शेड निर्माण, दीदी-बाड़ी समेत अन्य योजना में लगाया जा रहा है, जिससे उन्हें रोजगार मिलता रहे.

MNREGA workers shortage due to monsoon in Hazaribag
खेतों में काम करती महिलाएं
सरकार की कई योजनाएं मानसून के कारण प्रभावित होती है. इसमें मनरेगा भी शामिल है. मानसून खत्म होने के बाद फिर से मनरेगा योजना में गति भी देखने को मिलेगी. फिलहाल हजारीबाग जिला में मनरेगा के तहत चलने वाली कई योजनाओं में मजदूरों की संख्या में कमी जरूर आई है.
MNREGA workers shortage due to monsoon in Hazaribag
MNREGA के तहत हो रहा काम
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