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ईटीवी भारत की खबर पर विधायक ने लिया संज्ञान, ट्विटर के जरिए सरकार से की मांग तो जिला प्रशासन ने दी सफाई

हजारीबाग में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने संज्ञान लिया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से सरकार से मांग किया है कि जल्द से जल्द हजारीबाग में समुचित किट उपलब्ध कराई जाए. हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों रेनकोट की माफिक बॉडी कवर चिकित्साकर्मियों को दिया गया है.

MLA took cognizance of ETV Bharat news in hazaribag
हजारीबाग मेडिकल कॉलेज
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Published : Apr 3, 2020, 6:50 PM IST

हजारीबाग: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी रेनकोट पहनकर सेवा देने वाले ईटीवी भारत की खबर पर हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने संज्ञान लिया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से सरकार से मांग किया है कि जल्द से जल्द हजारीबाग में समुचित किट उपलब्ध कराई जाए. वहीं, हजारीबाग जिला प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा है जो कवर दिया गया है वह ठीक है, लेकिन इसके पीछे भी उन्होंने कई दलील दिए हैं.

देखिए पूरी खबर

हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों रेनकोट की माफिक बॉडी कवर चिकित्सा कर्मियों को दिया गया है. जिसे पहन कर संदिग्ध मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इस रेनकोट पर आईएमए हजारीबाग यूनिट ने भी सवाल खड़ा किया था कि यह सुरक्षित नहीं है. इस खबर को ईटीवी भारत ने बड़ी प्रमुखता के साथ दिखाया था और बताया था कि किस तरह स्वास्थ्यकर्मियों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

MLA took cognizance of ETV Bharat news in hazaribag
साभार ट्विटर

खबर के जरिए यह सवाल खड़ा किया गया था कि अगर संदिग्ध मरीज पॉजिटिव पाया गया तो न जाने कितने स्वास्थ्यकर्मी का जीवन खतरे में पड़ सकता है. जो अंदेशा लगाया गया था वह सही निकला. जिस वार्ड में स्वास्थ्यकर्मी रेनकोट पहनकर संदिग्ध मरीजों का सेवा कर रही थी, उन्हीं में से एक मरीज कोरोना पॉजिटिव निकल गया. ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि स्वास्थ्यकर्मियों के जीवन के साथ खेलने का अधिकार किसने दिया है.

ये भी पढे़ं: जमशेदपुर: घर-घर जाकर खोजें जाएंगे कोरोना संक्रमित, DC ने लिया निर्णय

अब इस मामले को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने लिपा पोती का खेल शुरू कर दिया है. मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन एचओडी डॉक्टर संजय सिंह का कहना है कि यह रेनकोट सुरक्षित है और स्वास्थ्यकर्मी पहन सकते हैं. उनका कहना है कि आइसोलेशन वार्ड में जहां पॉजिटिव मरीज नहीं है वहां पहन कर सेवा दिया जा सकता है तो दूसरी ओर हजारीबाग सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण कुमार का कहना है कि हमारे पास 20 पीपीटी किट है. हमने हर सीएसई को किट भेजा है. अभी विष्णुगढ़ में भी पॉजिटिव के आने के बाद 2 किट भेजा गया है. हजारीबाग के उपायुक्त का कहना है कि जैसा प्रोटोकॉल होता है वैसा किट उपलब्ध कराया जाता है. यह किट लोकल स्तर पर विभिन्न महिला स्वयंसेवी संगठन के द्वारा बनाया गया है.

हजारीबाग: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी रेनकोट पहनकर सेवा देने वाले ईटीवी भारत की खबर पर हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने संज्ञान लिया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से सरकार से मांग किया है कि जल्द से जल्द हजारीबाग में समुचित किट उपलब्ध कराई जाए. वहीं, हजारीबाग जिला प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा है जो कवर दिया गया है वह ठीक है, लेकिन इसके पीछे भी उन्होंने कई दलील दिए हैं.

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हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों रेनकोट की माफिक बॉडी कवर चिकित्सा कर्मियों को दिया गया है. जिसे पहन कर संदिग्ध मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इस रेनकोट पर आईएमए हजारीबाग यूनिट ने भी सवाल खड़ा किया था कि यह सुरक्षित नहीं है. इस खबर को ईटीवी भारत ने बड़ी प्रमुखता के साथ दिखाया था और बताया था कि किस तरह स्वास्थ्यकर्मियों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

MLA took cognizance of ETV Bharat news in hazaribag
साभार ट्विटर

खबर के जरिए यह सवाल खड़ा किया गया था कि अगर संदिग्ध मरीज पॉजिटिव पाया गया तो न जाने कितने स्वास्थ्यकर्मी का जीवन खतरे में पड़ सकता है. जो अंदेशा लगाया गया था वह सही निकला. जिस वार्ड में स्वास्थ्यकर्मी रेनकोट पहनकर संदिग्ध मरीजों का सेवा कर रही थी, उन्हीं में से एक मरीज कोरोना पॉजिटिव निकल गया. ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि स्वास्थ्यकर्मियों के जीवन के साथ खेलने का अधिकार किसने दिया है.

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अब इस मामले को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने लिपा पोती का खेल शुरू कर दिया है. मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन एचओडी डॉक्टर संजय सिंह का कहना है कि यह रेनकोट सुरक्षित है और स्वास्थ्यकर्मी पहन सकते हैं. उनका कहना है कि आइसोलेशन वार्ड में जहां पॉजिटिव मरीज नहीं है वहां पहन कर सेवा दिया जा सकता है तो दूसरी ओर हजारीबाग सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण कुमार का कहना है कि हमारे पास 20 पीपीटी किट है. हमने हर सीएसई को किट भेजा है. अभी विष्णुगढ़ में भी पॉजिटिव के आने के बाद 2 किट भेजा गया है. हजारीबाग के उपायुक्त का कहना है कि जैसा प्रोटोकॉल होता है वैसा किट उपलब्ध कराया जाता है. यह किट लोकल स्तर पर विभिन्न महिला स्वयंसेवी संगठन के द्वारा बनाया गया है.

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