हजारीबागः कोरोना संक्रमण ने पूरे जिले को अपनी आगोश में ले लिया है. शायद ही ऐसा कोई अस्पताल हो जहां खाली बेड मिले. ऐसे में निजी और सरकारी अस्पतालों पर अतिरिक्त बोझ बन गया है. आलम यह है कि कई मरीज घर पर ही इलाज करवा रहे हैं. हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल ने सरकार से मांग किया है कि मेडिकल कॉलेज भवन को कोविड अस्पताल के रूप में तब्दील कर दिया जाए, ताकि मरीजों को उचित व्यवस्था मिल सके.
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बेड, आईसीयू, वेटिलेटर कुछ खाली नहीं
कोरोना संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए हजारीबाग मेडिकल कॉलेज भवन को 100 बेड कोविड अस्पताल में तब्दील करने की मांग हजारीबाग के सदर विधायक मनीष जायसवाल ने की है. उन्होंने इस बाबत स्वास्थ्य सचिव केके सोन को पत्र भी लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा कि संपूर्ण झारखंड के साथ हजारीबाग जिले में कोरोना संक्रमण का प्रभाव भयावह है. वर्तमान समय में हजारीबाग के सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए एक भी बेड, आईसीयू, वेंटीलेटर खाली नहीं है.
मेडिकल कॉलेज में कई खाली हिस्से हैं
ऐसे में लोगों को इलाज कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई लोगों को हॉस्पिटल में जगह नहीं मिलने के कारण ऑक्सीजन के अभाव में काल के गाल में समाते देखा जा रहा है. ऐसे में हजारीबाग मेडिकल कॉलेज भवन में 100 बेड तैयार किया जाना चाहिए जिसमें सारे चिकित्सक सुविधा उपलब्ध हों. उनका कहना है कि झील परिसर में अवस्थित विशाल हजारीबाग मेडिकल कॉलेज भवन का कई हिस्सा खाली है. ऐसे में उसका उपयोग इस महामारी में किया जा सकता है.
वहीं, उन्होंने खत लिखने के बाद सकारात्मक कदम नहीं मिलने पर भी दुख जाहिर किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार को जो रफ्तार दिखानी चाहिए वह रफ्तार नहीं दिख रही है. बल्कि आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. उनका कहना है कि राजनीति के लिए सारा जीवन बचा हुआ है. ऐसे में सभी केंद्र और राज्य सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर मानव सेवा पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है, तभी हम सच्चे जनसेवक कहलाएंगे.