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विधायक मनीष जायसवाल का आरोप, कहा- सरकार की हठधर्मिता के कारण बर्बाद हुआ मानसून सत्र - mla manish jaisawal

विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद अपने क्षेत्र पहुंचे विधायक मनीष जायसवाल ने राज्य सरकार पर मानसून सत्र को बर्बाद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार की जिद की वजह से पूरा सत्र बेकार चला गया.

spoil monsoon session
बर्बाद हुआ मानसून सत्र
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Published : Sep 13, 2021, 9:22 AM IST

हजारीबाग: विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद अपने क्षेत्र पहुंचे विधायक मनीष जायसवाल ने झारखंड सरकार पर पूरे मानसूत्र को बर्बाद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा सरकार की हठधर्मिता के कारण पूरा सत्र बेकार चला गया और जनता के कई मुद्दों को सदन में नहीं रखा जा सका.

ये भी पढ़ें- विधानसभा में नमाज कक्षः भाजपा सचेतक ने सरना उपासना के लिए भी मांगा स्थान, स्पीकर को लिखी चिट्ठी

13 मुद्दों पर सरकार का ध्यान कराया आकृष्ट

विधायक मनीष जायसवाल ने हंगामे और सरकार के हठधर्मिता के बावजूद उन्होंने हजारीबाग समेत पूरे राज्य से जुड़े हुए 13 मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है. जिसमें मुख्य रूप से साथ 7वां पुनरीक्षित वेतनमान, 2016 से पूर्व रिटायर हुए शिक्षकों को वेतनमान उपलब्ध कराने, राज्य में संचालित लोक उपक्रम के वर्षों से लंबित ऑडिट रिपोर्ट उपलब्ध कराने, संपूर्ण झारखंड राज्य समेत हजारीबाग जिले में धड़ल्ले से धर्मांतरण के मुद्दे, रिनपास के रिक्त पदों को भरने, प्लस टू विद्यालय में प्राचार्य पदों की नियुक्ति, खास महल भूमि की बंदोबस्ती जैसा मुद्दा मुख्य रूप से शामिल रहा.

देखें वीडियो

स्थानीय मुद्दों को भी सदन में उठाया

मनीष जायसवाल ने बताया कि सत्र के दौरान उन्होंने हजारीबाग जिले से संबंधित कई मांगों से भी सरकार को अवगत कराया है. नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत थाना संख्या 40 का दाखिल खारिज एवं लगान रसीद पुरानी व्यवस्था से शुरू करने की मांग की गई. हजारीबाग जिले के बरही अनुमंडल में अनुमंडल न्यायिक न्यायालय का गठन करने का आग्रह किया गया. साथ ही साथ अतिरिक्त पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देने का निर्णय लेने का आग्रह भी झारखंड सरकार से किया गया.

रोजगार और सुरक्षा देने सरकार नाकाम

मनीष जायसवाल ने राज्य सरकार पर रोजगार और सुरक्षा देने में नाकाम रहने का आरोप लगाया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी देश में जातीय जनगणना करा कर देश को विभाजित करना चाहती है जो सही नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा में इस बार तुष्टिकरण की नीति के तहत एक धर्म विशेष को लोगों को इबादत करने की जगह दी गई. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि तुष्टिकरण और सत्र को भटकाने के उद्देश्य से इस बार मानसून सत्र में बाधा उत्पन्न किया गया. सरकार के पास लॉ एंड ऑर्डर ,धर्मांतरण और विकास संबंधी बातों के लिए जवाब नहीं था. उन्होंने नियोजन नीति पर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि सरकार झारखंड के लोगों को रोजगार देना नहीं चाहती है. इस कारण गलत नीति प्रस्तुत करने की चेष्टा की जा रही है.

हजारीबाग: विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद अपने क्षेत्र पहुंचे विधायक मनीष जायसवाल ने झारखंड सरकार पर पूरे मानसूत्र को बर्बाद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा सरकार की हठधर्मिता के कारण पूरा सत्र बेकार चला गया और जनता के कई मुद्दों को सदन में नहीं रखा जा सका.

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13 मुद्दों पर सरकार का ध्यान कराया आकृष्ट

विधायक मनीष जायसवाल ने हंगामे और सरकार के हठधर्मिता के बावजूद उन्होंने हजारीबाग समेत पूरे राज्य से जुड़े हुए 13 मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है. जिसमें मुख्य रूप से साथ 7वां पुनरीक्षित वेतनमान, 2016 से पूर्व रिटायर हुए शिक्षकों को वेतनमान उपलब्ध कराने, राज्य में संचालित लोक उपक्रम के वर्षों से लंबित ऑडिट रिपोर्ट उपलब्ध कराने, संपूर्ण झारखंड राज्य समेत हजारीबाग जिले में धड़ल्ले से धर्मांतरण के मुद्दे, रिनपास के रिक्त पदों को भरने, प्लस टू विद्यालय में प्राचार्य पदों की नियुक्ति, खास महल भूमि की बंदोबस्ती जैसा मुद्दा मुख्य रूप से शामिल रहा.

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स्थानीय मुद्दों को भी सदन में उठाया

मनीष जायसवाल ने बताया कि सत्र के दौरान उन्होंने हजारीबाग जिले से संबंधित कई मांगों से भी सरकार को अवगत कराया है. नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत थाना संख्या 40 का दाखिल खारिज एवं लगान रसीद पुरानी व्यवस्था से शुरू करने की मांग की गई. हजारीबाग जिले के बरही अनुमंडल में अनुमंडल न्यायिक न्यायालय का गठन करने का आग्रह किया गया. साथ ही साथ अतिरिक्त पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देने का निर्णय लेने का आग्रह भी झारखंड सरकार से किया गया.

रोजगार और सुरक्षा देने सरकार नाकाम

मनीष जायसवाल ने राज्य सरकार पर रोजगार और सुरक्षा देने में नाकाम रहने का आरोप लगाया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी देश में जातीय जनगणना करा कर देश को विभाजित करना चाहती है जो सही नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा में इस बार तुष्टिकरण की नीति के तहत एक धर्म विशेष को लोगों को इबादत करने की जगह दी गई. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि तुष्टिकरण और सत्र को भटकाने के उद्देश्य से इस बार मानसून सत्र में बाधा उत्पन्न किया गया. सरकार के पास लॉ एंड ऑर्डर ,धर्मांतरण और विकास संबंधी बातों के लिए जवाब नहीं था. उन्होंने नियोजन नीति पर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि सरकार झारखंड के लोगों को रोजगार देना नहीं चाहती है. इस कारण गलत नीति प्रस्तुत करने की चेष्टा की जा रही है.

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