हजारीबाग: 3 मई को संदिग्ध अवस्था में प्रवासी मजदूर का शव जिला प्रशासन के प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच केंद्र में पाया गया था. इस मामले को लेकर हजारीबाग उपायुक्त ने जांच के आदेश दिए थे. जांच दो अलग-अलग स्तर पर की जा रही थी. हजारीबाग एसडीओ मेघा भारद्वाज भी इस मामले की जांच कर रही हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने भी जांच की है.
स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने एक समिति बनाई थी. जिसमें तीन वरीय डॉक्टर की टीम शामिल थी. जिसमें हेड ऑफ डिपार्टमेंट आई, हेड ऑफ डिपार्टमेंट सर्जरी और डिप्टी सुपरिटेंडेंट शामिल थे. इन लोगों ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. जिसमें बताया गया है कि जब घटना हुई थी तो वहां 3 डॉक्टर उपस्थित थे. रात अधिक होने के कारण और मच्छर के प्रकोप को लेकर अपने अल्टो गाड़ी में ही सो गए. रात 1:30 बजे के आसपास हंगामा होने की आवाज सुनी तो जाकर देखा. तब तक प्रवासी मजदूर की मौत हो चुकी थी. अब जिला प्रशासन डॉक्टरों की रिपोर्ट और एसडीओ मेघा भारद्वाज की रिपोर्ट को कंपाइल्ड करके सरकार को देगी और सरकार के आदेश के बाद कार्रवाई की जाएगी.
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क्या है मामला
3 मई को एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गई थी और उस मौत को लेकर पूरे जिला प्रशासन में खलबली मच गई थी. मरीज की मौत खुले आकाश के नीचे हुई थी. जब घटना घटी तो कई वरीय पदाधिकारी और डॉक्टर वहां उपस्थित थे, लेकिन मौत कैसे हुई और उसे प्रारंभिक स्वास्थ्य लाभ क्यों नहीं मिला, इसे लेकर सवाल खड़ा किया गया था. मजदूर ईचाक का रहने वाला था. उसकी मौत होने के बाद स्वाब टेस्ट के लिए भेजा गया था. रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसके परिजनों को शव सौंप दिया गया. अब देखने वाली बात होगी कि इस प्रकरण में किन अधिकारी और डॉक्टरों पर गाज गिरती है.