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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: बरही की जनता का मेनिफेस्टो, इन मुद्दों को पूरी करें तभी भेजेंगे सदन

झारखंड लोकतंत्र के महापर्व की शरुआत होते ही राजनीतिक पार्टियों में हलचल मच गई है. ऐसे में बरही विधानसभा की जनता ने ईटीवी भारत के साथ अपना मेनिफेस्टो जारी किया है.

बरही की जनता का मेनिफेस्टो
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Published : Nov 13, 2019, 6:49 PM IST

बरही, हजारीबागः झारखंड लोकतंत्र का महापर्व मना रहा है. ऐसे में हर एक आमो खास कि जिम्मेवारी है कि वह मतदान कर स्वस्थ लोकतंत्र की नींव रखे. समय के बदलते चक्र में व्यक्ति की सोच भी बदली है. पहले चुनाव जात-पात धर्म विशेष के आसपास घूमती थी, तो अब मतदाता मुद्दों पर आधारित राजनीति की बात समझते हैं और इसके बाद मताधिकार का उपयोग कर उम्मीदवार को सदन तक भेजते हैं. ऐसे में बरही विधानसभा के वोटर्स क्या सोचते हैं इस बारे में ईटीवी भारत ने उनके मन को टटोलने की कोशिश की है.

बरही की जनता का मेनिफेस्टो

5 साल बाद फिर से झारखंड लोकतंत्र का महापर्व मना रही है. ऐसे में प्रशासनिक खेमा से लेकर राजनीतिक गलियारे तक सरगर्मी बढ़ गई है. इन बातों को आम जनता टकटकी निगाह से देख रही है. नेताओं के बोल वचन को भी सुन रही है. ऐसे में बरही विधानसभा के मतदाता कई मुद्दे को बता रही है. मतदाता का कहना है कि जो उम्मीदवार मेनिफेस्टो में इन मुद्दों को जगह देगा और यह वादा करेगा साथ ही उनकी समस्याओं को दूर जनता उसे ही वोट देकर सदन तक भेजेने का काम करेगी.

पानी की घोर किल्लत
बरही विधानसभा में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. पेयजल को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है. आम जनता का कहना है कि पेयजल की कमी के कारण कई किलोमीटर तक पानी ढोकर लाना पड़ता है. यहां तक कि खेत खलियान भी सूखे पड़े हैं. बरही विधानसभा के वोटरों का कहना है कि रोजगार की समस्या है. रोजगार की तलाश में यहां की जनता पलायन कर रही है. खासकर युवाओं की संख्या बरही विधानसभा में घटी है. यहां के युवक रोजगार की तलाश में महानगरों का चक्कर काट रहे हैं. सरकार को स्थानीय स्तर पर इस समस्या का निराकरण करने की आवश्यकता है.

शिक्षा के क्षेत्र में विकास हो
शिक्षा के क्षेत्र में यहां के वोटर चाहते हैं कि विश्वविद्यालय की स्थापना हो. इंटर कॉलेज ग्रेजुएशन के लिए कॉलेज और अच्छे स्कूल की व्यवस्था हो, ताकि छात्रों को बरही में ही शिक्षा मिल सके. यहां के वोटरों का कहना है कि वे शिक्षा के लिए दूसरे जिले जाने के लिए विवश रहते हैं. जिसके कारण उन्हें हजारीबाग जाकर शिक्षा लेना पड़ता है. जिससे पैसा तो खर्च होती ही है साथ ही साथ समय भी काफी बर्बाद होता है.

मेनिफेस्टो में कृषि को महत्वपूर्ण स्थान मिले
कृषि बहुल क्षेत्र होने के कारण यहां की जनता चाहती है कि मेनिफेस्टो में कृषि को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाए और हर खेतों में पानी पहुंचे इसकी जिम्मेवारी जनप्रतिनिधि को करना चाहिए. बरही में अब तक नगर निकाय का गठन नहीं हुआ है. ऐसे में लोग चाहते हैं कि यहां भी नगर निकाय का गठन हो ताकि साफ-सफाई की व्यवस्था हो सके.

बरही, हजारीबागः झारखंड लोकतंत्र का महापर्व मना रहा है. ऐसे में हर एक आमो खास कि जिम्मेवारी है कि वह मतदान कर स्वस्थ लोकतंत्र की नींव रखे. समय के बदलते चक्र में व्यक्ति की सोच भी बदली है. पहले चुनाव जात-पात धर्म विशेष के आसपास घूमती थी, तो अब मतदाता मुद्दों पर आधारित राजनीति की बात समझते हैं और इसके बाद मताधिकार का उपयोग कर उम्मीदवार को सदन तक भेजते हैं. ऐसे में बरही विधानसभा के वोटर्स क्या सोचते हैं इस बारे में ईटीवी भारत ने उनके मन को टटोलने की कोशिश की है.

बरही की जनता का मेनिफेस्टो

5 साल बाद फिर से झारखंड लोकतंत्र का महापर्व मना रही है. ऐसे में प्रशासनिक खेमा से लेकर राजनीतिक गलियारे तक सरगर्मी बढ़ गई है. इन बातों को आम जनता टकटकी निगाह से देख रही है. नेताओं के बोल वचन को भी सुन रही है. ऐसे में बरही विधानसभा के मतदाता कई मुद्दे को बता रही है. मतदाता का कहना है कि जो उम्मीदवार मेनिफेस्टो में इन मुद्दों को जगह देगा और यह वादा करेगा साथ ही उनकी समस्याओं को दूर जनता उसे ही वोट देकर सदन तक भेजेने का काम करेगी.

पानी की घोर किल्लत
बरही विधानसभा में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. पेयजल को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है. आम जनता का कहना है कि पेयजल की कमी के कारण कई किलोमीटर तक पानी ढोकर लाना पड़ता है. यहां तक कि खेत खलियान भी सूखे पड़े हैं. बरही विधानसभा के वोटरों का कहना है कि रोजगार की समस्या है. रोजगार की तलाश में यहां की जनता पलायन कर रही है. खासकर युवाओं की संख्या बरही विधानसभा में घटी है. यहां के युवक रोजगार की तलाश में महानगरों का चक्कर काट रहे हैं. सरकार को स्थानीय स्तर पर इस समस्या का निराकरण करने की आवश्यकता है.

शिक्षा के क्षेत्र में विकास हो
शिक्षा के क्षेत्र में यहां के वोटर चाहते हैं कि विश्वविद्यालय की स्थापना हो. इंटर कॉलेज ग्रेजुएशन के लिए कॉलेज और अच्छे स्कूल की व्यवस्था हो, ताकि छात्रों को बरही में ही शिक्षा मिल सके. यहां के वोटरों का कहना है कि वे शिक्षा के लिए दूसरे जिले जाने के लिए विवश रहते हैं. जिसके कारण उन्हें हजारीबाग जाकर शिक्षा लेना पड़ता है. जिससे पैसा तो खर्च होती ही है साथ ही साथ समय भी काफी बर्बाद होता है.

मेनिफेस्टो में कृषि को महत्वपूर्ण स्थान मिले
कृषि बहुल क्षेत्र होने के कारण यहां की जनता चाहती है कि मेनिफेस्टो में कृषि को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाए और हर खेतों में पानी पहुंचे इसकी जिम्मेवारी जनप्रतिनिधि को करना चाहिए. बरही में अब तक नगर निकाय का गठन नहीं हुआ है. ऐसे में लोग चाहते हैं कि यहां भी नगर निकाय का गठन हो ताकि साफ-सफाई की व्यवस्था हो सके.

Intro:झारखंड लोकतंत्र का महापर्व मना रहा है। ऐसे में हर एक आमो खास कि जिम्मेवारी है कि वह मतदान कर स्वस्थ लोकतंत्र की नींव रखे। समय के बदलते चक्र में व्यक्ति की सोच भी बदली है। पहले चुनाव जात पात धर्म विशेष के आसपास घूमती थी। तो अब मतदाता मुद्दों पर आधारित राजनीति की बात समझते हैं और इसके बाद मताधिकार का उपयोग कर उम्मीदवार को सदन तक भेजते हैं। ऐसे में बरही विधानसभा के वोटर्स क्या सोचते हैं उनके मन को टटोलने की कोशिश की ईटीवी भारत की टीम ने...


Body:5 साल के बाद फिर से झारखंड लोकतंत्र का महापर्व मना रहा है। ऐसे में प्रशासनिक खेमा से लेकर राजनीतिक गलियारे तक सरगर्मी बढ़ गई है। इन बातों को आम जनता टकटकी निगाह से देख रही है। नेताओं के बोल वचन को भी सुन रही है। यह वही जनता है जो एक आम इंसान को खास बना देती है और वह जनप्रतिनिधि के रूप में देखा जाता है। सदन से पूरे राज्य को चलाता है। ऐसे में बरही विधानसभा की वोटर ने कई मुद्दे को बताया है।यह भी तय किया है जो उम्मीदवार मेनिफेस्टो में इन मुद्दों को जगह देगा और यह वादा करेगा कि उनकी समस्याओं को दूर करेगा उसे ही वोट देकर सदन तक भेजेंगे।

बरही विधानसभा में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। पेयजल को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है ।आम जनता का कहना है कि पेयजल की कमी के कारण कई किलोमीटर तक माथे पर या फिर गाड़ी पर पानी ढोना पड़ता है। यहां तक कि खेत खलियान भी सूखे पड़े हैं। पहले पानी की व्यवस्था ठीक थी लेकिन अब सिर्फ और सिर्फ बरही में जल मीनार दिखते हैं और उस जल मिनार में पानी नहीं रहता।


बरही विधानसभा में वोटरों का कहना है कि रोजगार की समस्या है ।रोजगार की तलाश में यहां की जनता पलायन कर रही है। खासकर युवाओं की संख्या बरही विधानसभा में घटी है। यहां की युवक रोजगार की तलाश में महानगरों का चक्कर काट रहे हैं। सरकार को स्थानीय स्तर पर इस समस्या का निराकरण करने की आवश्यकता है।

शिक्षा के क्षेत्र में यहां के वोटर चाहते हैं कि विश्वविद्यालय की स्थापना हो। इंटर कॉलेज ग्रेजुएशन के लिए कॉलेज और अच्छे स्कूल की व्यवस्था हो ।ताकि छात्रों को बरही में ही शिक्षा मिल सके। यहां के वोटरों का कहना है कि वे शिक्षा के लिए दूसरे जिले जाने के लिए विवश रहते हैं। या फिर हजारीबाग जाकर शिक्षा पाना पड़ता है ।जिससे पैसा तो खर्च होती ही है साथ ही साथ समय भी काफी बर्बाद होता है।

कृषि बहुल क्षेत्र होने के कारण यहां की जनता चाहती है कि मेनिफेस्टो में कृषि को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाए और हर खेतों में पानी पहुंचे इसकी जिम्मेवारी जनप्रतिनिधि को करना चाहिए।

बरही में अब तक नगर निकाय के गठन नहीं हुआ है। लोग चाहते हैं कि यहां भी नगर निकाय का गठन होता। ताकि साफ-सफाई की व्यवस्था हो सके। वह भी चाहते हैं कि उनके घर के दरवाजे पर कुडे वाला पहुंचे और कूडा उठाएं।

इसके अलावे सुरक्षा ,बस स्टैंड की व्यवस्था, व्यवसायियों की सुरक्षा की भी मांग यहां के लोगों ने उम्मीदवारों से किया है।

बरही के वोटर से बात किया हमारे हजारीबाग संवाददाता गौरव प्रकाश ने



Conclusion:कहां जाए तो लोकतंत्र के महापर्व के दौरान वोटर्स अपने पुराने जनप्रतिनिधि से हिसाब भी मांगती है और उन्हें सीख भी सिखाती है। अब यह देखने वाली बात होगी बरही के कौन से उम्मीदवार अपने मेनिफेस्टो में किन मुद्दों को जगह देती है और यहां की जनता किसे अपना आशीर्वाद देकर सदन तक भेजती है।
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