बरही, हजारीबागः झारखंड लोकतंत्र का महापर्व मना रहा है. ऐसे में हर एक आमो खास कि जिम्मेवारी है कि वह मतदान कर स्वस्थ लोकतंत्र की नींव रखे. समय के बदलते चक्र में व्यक्ति की सोच भी बदली है. पहले चुनाव जात-पात धर्म विशेष के आसपास घूमती थी, तो अब मतदाता मुद्दों पर आधारित राजनीति की बात समझते हैं और इसके बाद मताधिकार का उपयोग कर उम्मीदवार को सदन तक भेजते हैं. ऐसे में बरही विधानसभा के वोटर्स क्या सोचते हैं इस बारे में ईटीवी भारत ने उनके मन को टटोलने की कोशिश की है.
5 साल बाद फिर से झारखंड लोकतंत्र का महापर्व मना रही है. ऐसे में प्रशासनिक खेमा से लेकर राजनीतिक गलियारे तक सरगर्मी बढ़ गई है. इन बातों को आम जनता टकटकी निगाह से देख रही है. नेताओं के बोल वचन को भी सुन रही है. ऐसे में बरही विधानसभा के मतदाता कई मुद्दे को बता रही है. मतदाता का कहना है कि जो उम्मीदवार मेनिफेस्टो में इन मुद्दों को जगह देगा और यह वादा करेगा साथ ही उनकी समस्याओं को दूर जनता उसे ही वोट देकर सदन तक भेजेने का काम करेगी.
पानी की घोर किल्लत
बरही विधानसभा में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. पेयजल को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है. आम जनता का कहना है कि पेयजल की कमी के कारण कई किलोमीटर तक पानी ढोकर लाना पड़ता है. यहां तक कि खेत खलियान भी सूखे पड़े हैं. बरही विधानसभा के वोटरों का कहना है कि रोजगार की समस्या है. रोजगार की तलाश में यहां की जनता पलायन कर रही है. खासकर युवाओं की संख्या बरही विधानसभा में घटी है. यहां के युवक रोजगार की तलाश में महानगरों का चक्कर काट रहे हैं. सरकार को स्थानीय स्तर पर इस समस्या का निराकरण करने की आवश्यकता है.
शिक्षा के क्षेत्र में विकास हो
शिक्षा के क्षेत्र में यहां के वोटर चाहते हैं कि विश्वविद्यालय की स्थापना हो. इंटर कॉलेज ग्रेजुएशन के लिए कॉलेज और अच्छे स्कूल की व्यवस्था हो, ताकि छात्रों को बरही में ही शिक्षा मिल सके. यहां के वोटरों का कहना है कि वे शिक्षा के लिए दूसरे जिले जाने के लिए विवश रहते हैं. जिसके कारण उन्हें हजारीबाग जाकर शिक्षा लेना पड़ता है. जिससे पैसा तो खर्च होती ही है साथ ही साथ समय भी काफी बर्बाद होता है.
मेनिफेस्टो में कृषि को महत्वपूर्ण स्थान मिले
कृषि बहुल क्षेत्र होने के कारण यहां की जनता चाहती है कि मेनिफेस्टो में कृषि को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाए और हर खेतों में पानी पहुंचे इसकी जिम्मेवारी जनप्रतिनिधि को करना चाहिए. बरही में अब तक नगर निकाय का गठन नहीं हुआ है. ऐसे में लोग चाहते हैं कि यहां भी नगर निकाय का गठन हो ताकि साफ-सफाई की व्यवस्था हो सके.