बड़कागांव/ हजारीबाग: लॉकडाउन में अपनी मां के लिए बेटे ने श्रवण कुमार के तर्ज पर 200 किलोमीटर साइकिल चलाकर दवा लाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को भार-सिक्का के माध्यम से कंधे में बिठाकर सभी तीर्थों का तीर्थाटन करवाया था. कलयुग में कई लोग बुड्ढे माता-पिता को वृद्धाश्रम में ले जा कर छोड़ देते हैं. इसी बीच आज भी कई लोग ऐसे हैं जो अपने माता पिता के लिए किसी तरह की कष्ट उठाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं.
200 किलोमीटर साइकिल चलाकर लाया दवा
इसी कड़ी में जहां पूरे देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन है. सड़कों पर आवाजाही न के बराबर है. ऐसी स्थिति में बड़कागांव रविदास मोहल्ला निवासी 50 वर्षीय बालेश्वर राम ने अपनी 75 वर्षीय वृद्ध मां मोसोमत सुगिया देवी के लिए लगभग 200 किलोमीटर साइकिल चलाकर रांची से दवा लाते हुए समाज में एक उदाहरण कायम किया है. बालेश्वर राम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लॉकडाउन के अपील का वो पालन कर रहे हैं.
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दवा लाना जरुरी था
बालेश्वर ने कहा कि मां का दवा समाप्त हो जाने के कारण उसे साइकिल से इस लिए रांची के लिए निकलना पड़ा क्योंकि सड़कों पर वाहनों का आना जाना बंद है और दवा लाना भी जरूरी था. उसने बताया कि वह घर से 5 अप्रैल को सुबह 4 बजे निकला था और रात 9 बजे तक घर पहुंचा.