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अवैध कब्जा को लेकर जांच टीम गठित, अब लोग परेशान - हजारीबाग नगर निगम की खबरें

हजारीबाग नगर निगम में बवाल मचा हुआ है. बता दें कि नगर निगम ने सफाईकर्मियों को बसाने के लिए कन्हरी पहाड़ के निकट ब्रांबे हाउस बनाया था. इस कॉलोनी में 941 क्वार्टर बनाए गए जिसमें 41 क्वार्टर आवंटित किए गए. बाकी क्वॉर्टरों पर विभिन्न स्रोत से लोग बस गए. ऐसे में अब नगर निगम वैसे लोगों को चिन्हित करने के लिए कमेटी बनाई है.

Illegal occupation in Hazaribag Municipal Corporation house, news of Hazaribag Municipal Corporation, dispute in Hazaribagh Municipal Corporation, हजारीबाग नगर निगम के मकान में अवैध कब्जा, हजारीबाग नगर निगम की खबरें, हजारीबाग नगर निगम में विवाद
परेशान लोग
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Published : Jun 21, 2020, 4:15 PM IST

हजारीबाग: नगर निगम एक बार फिर विवादों में है. लाखों रुपए की लागत से ब्रांबे हाउस का निर्माण किया गया. जिसमें सफाईकर्मियों को बसाया जाना था. लेकिन नगर निगम ने 941 फ्लैट में मात्र 41 लोगों को ही आवंटित किया. शेष फ्लैट में विभिन्न वार्ड पार्षदों ने लोगों को फ्लैट रहने को दे दिया. ऐसे में अब बरसों बीत जाने के बाद नगर निगम की नींद खुली है और वह जानना चाहती है कि फ्लैट में कौन-कौन से लोग रह रहे हैं और उन्हें आवंटित किसने किया. निगम यह भी जानना चाहती है कि कौन-कौन से पार्षदों ने उन्हें रहने की इजाजत दी.

देखें पूरी खबर

होगी जांच

इस बाबत नगर निगम की मेयर रोशनी तिर्की ने नगर आयुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. लेकिन रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण उन्होंने अब जांच कमेटी बना दिया है, जो यह बताएगी कि नगर निगम को कॉलोनी कब हैंड ओवर किया गया, किन लोगों को फ्लैट आवंटित किया गया और जो लोग आए हुए हैं वह कहां से आए हैं.

ये भी पढ़ें- झारखंड में सूर्य ग्रहण का नहीं कर सकेंगे दीदार, अगले 3 दिनों तक आसमान में छाए रहेंगे बादल

नगर निगम से मांग
ऐसे में अब ब्रांबे हाउस मैं रहने वाले लोगों की रात की नींद उड़ गई है. उनका कहना है कि वे लोग बहुत ही विकट परिस्थिति में यहां रह रहे हैं. जब भवन बनकर तैयार हुआ और किसी को आवंटित नहीं हुआ तो उनके पार्षदों ने उन्हें यहां रहने के लिए इजाजत दी. इस कारण वे रह रहे हैं. जब रहने आए थे तो यहां दरवाजे और खिड़की की भी चोरी हो गई थी. बाद में लोगों ने किसी तरह व्यवस्था की. उनका यह भी कहना है कि वे लोग काफी गरीब हैं और ऐसे में लोगों को यह कहा जा रहा है कि उन्होंने अतिक्रमण किया है, यह सरासर गलत है. क्योंकि रहने की इजाजत वार्ड पार्षदों ने दिया है. अब वे चाहते हैं कि उन्हें नगर निगम की ओर से घर आवंटित कर दिया जाए.

ये भी पढ़ें- जामताड़ा में कोरोना संक्रमित मरीज से कराया गया योग, डॉक्टरों ने कहा- बढ़ेगा मनोबल

अवैध काम होने की बात सामने आई थी
दरअसल, विगत दिनों ब्रांबे हाउस मैं गैर कानूनी काम होने की बात सामने आई थी. प्रतिबंधित मांस भी जब्त किया गया था. वहीं एक घर में देसी शराब बेचने का मामला भी प्रकाश में आया था. अवैध रूप से दुकान और पार्लर चलाने की बात भी सामने आई थी. इसके बाद नगर निगम सक्रिय हुआ है.

हजारीबाग: नगर निगम एक बार फिर विवादों में है. लाखों रुपए की लागत से ब्रांबे हाउस का निर्माण किया गया. जिसमें सफाईकर्मियों को बसाया जाना था. लेकिन नगर निगम ने 941 फ्लैट में मात्र 41 लोगों को ही आवंटित किया. शेष फ्लैट में विभिन्न वार्ड पार्षदों ने लोगों को फ्लैट रहने को दे दिया. ऐसे में अब बरसों बीत जाने के बाद नगर निगम की नींद खुली है और वह जानना चाहती है कि फ्लैट में कौन-कौन से लोग रह रहे हैं और उन्हें आवंटित किसने किया. निगम यह भी जानना चाहती है कि कौन-कौन से पार्षदों ने उन्हें रहने की इजाजत दी.

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होगी जांच

इस बाबत नगर निगम की मेयर रोशनी तिर्की ने नगर आयुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. लेकिन रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण उन्होंने अब जांच कमेटी बना दिया है, जो यह बताएगी कि नगर निगम को कॉलोनी कब हैंड ओवर किया गया, किन लोगों को फ्लैट आवंटित किया गया और जो लोग आए हुए हैं वह कहां से आए हैं.

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नगर निगम से मांग
ऐसे में अब ब्रांबे हाउस मैं रहने वाले लोगों की रात की नींद उड़ गई है. उनका कहना है कि वे लोग बहुत ही विकट परिस्थिति में यहां रह रहे हैं. जब भवन बनकर तैयार हुआ और किसी को आवंटित नहीं हुआ तो उनके पार्षदों ने उन्हें यहां रहने के लिए इजाजत दी. इस कारण वे रह रहे हैं. जब रहने आए थे तो यहां दरवाजे और खिड़की की भी चोरी हो गई थी. बाद में लोगों ने किसी तरह व्यवस्था की. उनका यह भी कहना है कि वे लोग काफी गरीब हैं और ऐसे में लोगों को यह कहा जा रहा है कि उन्होंने अतिक्रमण किया है, यह सरासर गलत है. क्योंकि रहने की इजाजत वार्ड पार्षदों ने दिया है. अब वे चाहते हैं कि उन्हें नगर निगम की ओर से घर आवंटित कर दिया जाए.

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अवैध काम होने की बात सामने आई थी
दरअसल, विगत दिनों ब्रांबे हाउस मैं गैर कानूनी काम होने की बात सामने आई थी. प्रतिबंधित मांस भी जब्त किया गया था. वहीं एक घर में देसी शराब बेचने का मामला भी प्रकाश में आया था. अवैध रूप से दुकान और पार्लर चलाने की बात भी सामने आई थी. इसके बाद नगर निगम सक्रिय हुआ है.

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