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झारखंड में बालू की भारी किल्लत, मजदूर हुए बेरोजगार, विकास योजनाओं पर लगी ब्रेक - hazaribag news

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने झारखंड में बालू खनन पर 10 से 15 जून तक रोक लगा दी है. एनजीटी की इस रोक के बाद झारखंड में बालू का अवैध कारोबार शुरू हो गया है. वहीं दूसरी ओर बालू की कीमत पर आसमान को छूने लगी है.

Illegal business has started after NGT bans sand mining
Illegal business has started after NGT bans sand mining
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Published : Jun 25, 2022, 5:54 PM IST

Updated : Jun 25, 2022, 6:13 PM IST

हजारीबाग: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद पूरे राज्य में 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू का खनन बंद कर दिया गया है. ऐसे में पूरे झारखंड में बालू की भारी किल्लत हो रही है. आलम यह है कि बालू माफिया 5000 से 6000 रपुए प्रति ट्रैक्टर की दर से बालू ब्लैक में बेच रहे हैं. इस कारण विकास योजना के साथ निजी निर्माण काम भी प्रभावित हो रहा है. यही नहीं बालू और गिट्टी की कमी के कारण मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है और वे बेरोजगार हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: एनजीटी की रोक के बाद भी बालू का अवैध उठाव जारी, मामले की होगी जांच

झारखंड में इन दिनों बालू को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. जिस बालू की कीमत प्रति ट्रैक्टर 1800 से 2000 रुपए थी, वह अब 5000 से लेकर 6000 रुपए प्रति ट्रैक्टर बिक रहा है. ऐसे में बालू के व्यवसायी गोरख धंधा चला रहे हैं और जमकर बालू की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है. एनजीटी के आदेश के बाद 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू का खनन कार्य बंद कर दिया गया है. ऐसे में जिनके पास पहले से बालू स्टाक है वहीं व्यवसाय कर पाएंगे. हजारीबाग की बात की जाए तो यहां बालू की घोर किल्लत हो रही है. हजारीबाग के बड़कागांव विधानसभा की विधायक अंबा प्रसाद भी सरकार से अब गुहार लगा रहीं हैं कि जो व्यक्ति मजदूरी या फिर निर्माण कार्य पर ही आश्रित था उन पर बुरा असर पड़ रहा है. मजदूर भी बेरोजगार हो रहे हैं. ऐसे में सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए.

देखें वीडियो
हजारीबाग पहुंचे झारखंड सरकार के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता से जब पूछा गया कि बालू और गिट्टी की उपलब्धता नहीं होने के कारण मजदूर को काम नहीं मिल रहा है. विकास कार्य बाधित पड़ रहा है और निजी कार्य पर भी बुरा असर पड़ा है. ऐसे में मजदूर का जीवन कैसे चलेगा. उन्होंने जो बयान दिया वह सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. उनका कहना है कि रोजगार मेला लगा कर मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा, जैसी उनकी दक्षता होगी. ऐसे में समझा जा सकता है कि यह सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति के अलावा और कुछ नहीं है.

हजारीबाग में पिछले 2 महीने से बालू को लेकर परेशानी बढ़ी हुई है. विकास योजनाएं धरातल पर नहीं उतारी जा रही हैं. नाली सड़क निर्माण जैसी बुनियादी सुविधा भी पूरी नहीं हो पा रही हैं. हजारीबाग उपायुक्त भी कहती है कि इस बाबत हम लोगों ने सरकार से संपर्क में हैं और खनन विभाग से भी बात चल रही है. जल्द से जल्द कोई ठोस नतीजा अवश्य निकलेगा.

झारखंड में बालू की जबरदस्त किल्लत ने तकरीबन 5000 करोड़ की सरकारी और प्राइवेट कंस्ट्रक्शन योजना पर ब्रेक लगा दी है. आलम यह है कि राजधानी रांची से लेकर हजारीबाग तक कंस्ट्रक्शन वर्क रुक चुका है. सरकारी योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रहीं हैं.

हजारीबाग: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद पूरे राज्य में 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू का खनन बंद कर दिया गया है. ऐसे में पूरे झारखंड में बालू की भारी किल्लत हो रही है. आलम यह है कि बालू माफिया 5000 से 6000 रपुए प्रति ट्रैक्टर की दर से बालू ब्लैक में बेच रहे हैं. इस कारण विकास योजना के साथ निजी निर्माण काम भी प्रभावित हो रहा है. यही नहीं बालू और गिट्टी की कमी के कारण मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है और वे बेरोजगार हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: एनजीटी की रोक के बाद भी बालू का अवैध उठाव जारी, मामले की होगी जांच

झारखंड में इन दिनों बालू को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. जिस बालू की कीमत प्रति ट्रैक्टर 1800 से 2000 रुपए थी, वह अब 5000 से लेकर 6000 रुपए प्रति ट्रैक्टर बिक रहा है. ऐसे में बालू के व्यवसायी गोरख धंधा चला रहे हैं और जमकर बालू की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है. एनजीटी के आदेश के बाद 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू का खनन कार्य बंद कर दिया गया है. ऐसे में जिनके पास पहले से बालू स्टाक है वहीं व्यवसाय कर पाएंगे. हजारीबाग की बात की जाए तो यहां बालू की घोर किल्लत हो रही है. हजारीबाग के बड़कागांव विधानसभा की विधायक अंबा प्रसाद भी सरकार से अब गुहार लगा रहीं हैं कि जो व्यक्ति मजदूरी या फिर निर्माण कार्य पर ही आश्रित था उन पर बुरा असर पड़ रहा है. मजदूर भी बेरोजगार हो रहे हैं. ऐसे में सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए.

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हजारीबाग पहुंचे झारखंड सरकार के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता से जब पूछा गया कि बालू और गिट्टी की उपलब्धता नहीं होने के कारण मजदूर को काम नहीं मिल रहा है. विकास कार्य बाधित पड़ रहा है और निजी कार्य पर भी बुरा असर पड़ा है. ऐसे में मजदूर का जीवन कैसे चलेगा. उन्होंने जो बयान दिया वह सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. उनका कहना है कि रोजगार मेला लगा कर मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा, जैसी उनकी दक्षता होगी. ऐसे में समझा जा सकता है कि यह सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति के अलावा और कुछ नहीं है.

हजारीबाग में पिछले 2 महीने से बालू को लेकर परेशानी बढ़ी हुई है. विकास योजनाएं धरातल पर नहीं उतारी जा रही हैं. नाली सड़क निर्माण जैसी बुनियादी सुविधा भी पूरी नहीं हो पा रही हैं. हजारीबाग उपायुक्त भी कहती है कि इस बाबत हम लोगों ने सरकार से संपर्क में हैं और खनन विभाग से भी बात चल रही है. जल्द से जल्द कोई ठोस नतीजा अवश्य निकलेगा.

झारखंड में बालू की जबरदस्त किल्लत ने तकरीबन 5000 करोड़ की सरकारी और प्राइवेट कंस्ट्रक्शन योजना पर ब्रेक लगा दी है. आलम यह है कि राजधानी रांची से लेकर हजारीबाग तक कंस्ट्रक्शन वर्क रुक चुका है. सरकारी योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रहीं हैं.

Last Updated : Jun 25, 2022, 6:13 PM IST
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