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'कूल' अवतार में नजर आई 'डेंजर' लेडी अफसर, दूर की बुजुर्ग महिला की परेशानी - झारखंड समाचार

हजारीबाग की एसडीओ मेघा भारद्वाज एक कड़क अफसर मानी जाती हैं. इसके कई उदाहरण हमें देखने को मिल चुका है लेकिन कटकमदाग प्रखंड में उन्होंने अपना अगल अंदाज दिखाते हुए बुजुर्ग महिला की परेशानी दूर कर दी.

वृद्ध महिला के साथ एसडीओ
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Published : Jul 27, 2019, 2:18 PM IST

हजारीबाग: एसडीओ मेघा भरद्वाज के कई चेहरे सामने आते रहे हैं. कभी वह सड़कों पर डंडा लेकर नजर आईं, तो कभी गैर कानूनी काम करने वालों के खिलाफ मुहिम चलाती. यही नहीं वह स्कूल में छात्रों को पढ़ाती हुई भी दिखीं, लेकिन इस बार जो तस्वीर सामने आई है वह मेघा को अलग पहचान दे रही है.

देखें पूरी खबर

एसडीओ मेघा भरद्वाज हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव कटकमदाग प्रखंड के अडरा पंचायत पहुंची थी. जहां वो लोगों की शिकायत सुन रही थीं और उनके निपटारे के लिए आदेश भी दे रही थीं. इसी बीच एक बूढ़ी महिला जिसकी उम्र लगभग 75 साल थी वह उनके पास पहुंची और अपना दुख जाहिर किया. उसने कहा कि उसे वृद्धा पेंशन या विधवा पेंशन नहीं मिल रहा है. ऐसे में अधिकारी ने पूछा कि उनका बैंक अकाउंट है या नहीं. वृद्ध महिला ने कहा कि उसका कोई भी अकाउंट किसी भी बैंक में नहीं है.

ये भी पढ़ें- रांची के बैंककर्मी की दो दिनों से नहीं हो रही थी मां-बहन से बात, घर पहुंचा तो मिली दोनों की लाश

महिला के बैंक अकाउंट नहीं होने की बात सुनकर मेघा उसे अपने ही गाड़ी में बैठाकर बैंक ले गई और बैंक में इंट्रोड्यूसर बनकर उसका अकाउंट खुलवाया. इस बाबत उन्होंने बैंक मैनेजर से कहा कि जो भी नियम है उसे वह पूरा करें और जहां साइन कराने की आवश्यकता है वहां खुद ही साइन करने को तैयार हैं. क्योंकि वृद्ध महिला होने के कारण अंगूठे का निशान भी नहीं उभर रहा था, ऐसे में उसे कैसे सरकारी योजना का लाभ दिलाया जाए यह एक बड़ा सवाल था.

एसडीओ मेघा भरद्वाज ने वृद्ध महिला से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन वह सुन नहीं पा रही थी, जिसके बाद उन्होंने इशारे से ही बात की. इस दौरान बैंक के मैनेजर ने भी कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कई लोगों का अकाउंट खुलवाया है. लेकिन एक अधिकारी खुद ही एक अनजान महिला का इंट्रोड्यूसर बनकर अकाउंट खुलवाया यह पहली बार देखा. इनसे अधिकारियों और आम जनता को सीख लेने की भी जरूरत है.

हजारीबाग: एसडीओ मेघा भरद्वाज के कई चेहरे सामने आते रहे हैं. कभी वह सड़कों पर डंडा लेकर नजर आईं, तो कभी गैर कानूनी काम करने वालों के खिलाफ मुहिम चलाती. यही नहीं वह स्कूल में छात्रों को पढ़ाती हुई भी दिखीं, लेकिन इस बार जो तस्वीर सामने आई है वह मेघा को अलग पहचान दे रही है.

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एसडीओ मेघा भरद्वाज हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव कटकमदाग प्रखंड के अडरा पंचायत पहुंची थी. जहां वो लोगों की शिकायत सुन रही थीं और उनके निपटारे के लिए आदेश भी दे रही थीं. इसी बीच एक बूढ़ी महिला जिसकी उम्र लगभग 75 साल थी वह उनके पास पहुंची और अपना दुख जाहिर किया. उसने कहा कि उसे वृद्धा पेंशन या विधवा पेंशन नहीं मिल रहा है. ऐसे में अधिकारी ने पूछा कि उनका बैंक अकाउंट है या नहीं. वृद्ध महिला ने कहा कि उसका कोई भी अकाउंट किसी भी बैंक में नहीं है.

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महिला के बैंक अकाउंट नहीं होने की बात सुनकर मेघा उसे अपने ही गाड़ी में बैठाकर बैंक ले गई और बैंक में इंट्रोड्यूसर बनकर उसका अकाउंट खुलवाया. इस बाबत उन्होंने बैंक मैनेजर से कहा कि जो भी नियम है उसे वह पूरा करें और जहां साइन कराने की आवश्यकता है वहां खुद ही साइन करने को तैयार हैं. क्योंकि वृद्ध महिला होने के कारण अंगूठे का निशान भी नहीं उभर रहा था, ऐसे में उसे कैसे सरकारी योजना का लाभ दिलाया जाए यह एक बड़ा सवाल था.

एसडीओ मेघा भरद्वाज ने वृद्ध महिला से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन वह सुन नहीं पा रही थी, जिसके बाद उन्होंने इशारे से ही बात की. इस दौरान बैंक के मैनेजर ने भी कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कई लोगों का अकाउंट खुलवाया है. लेकिन एक अधिकारी खुद ही एक अनजान महिला का इंट्रोड्यूसर बनकर अकाउंट खुलवाया यह पहली बार देखा. इनसे अधिकारियों और आम जनता को सीख लेने की भी जरूरत है.

Intro:हम सभी लालफीताशाही को हमने कई खबरें देखी हैं लेकिन आज जो आपको हम तस्वीर दिखाने जा रहे हैं इस तस्वीर को देखकर आप यह सोचने को विवश हो जाएंगी की हमारे बीच कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जो प्रेरणा के स्रोत हैं और जरूरतमंदों के साथ हमेशा खड़ा भी रहते हैं ।देखते ईटीवी भारत के इक्स्क्लूसिव खबर के जरिए..


Body:हजारीबाग एसडीओ मेघा भरद्वाज के कई चेहरे सामने आए हैं। कभी सड़कों पर डंडे लेकर भी वह नजर आई है, तो कभी गैर कानूनी काम करने वालों के खिलाफ मुहिम चलाती नजर भी आई है । तो कभी स्कूलों में छात्रों को पढ़ाती भी दिखी है ।लेकिन आज जो तस्वीर सामने आई है वह मेघा भरद्वाज को अलग पहचान दे रही है।

दरअसल मेघा भरद्वाज हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव कटकमदाग प्रखंड के के अडरा पंचायत पहुंची थी। जहां वो लोगों की शिकायत सुन रही थी और उनके निपटारा के लिए आदेश भी दे रही थी। इसी बीच एक बूढ़ी महिला जिसकी उम्र 75 वर्ष से अधिक आंकी जा सकती है। वह एसडीओ मेगा भरद्वाज के पास पहुंची और अपना दुख जाहिर किया कि उन्हें वृद्धा पेंशन या विधवा पेंशन नहीं मिल रहा है। ऐसे में अधिकारी ने पूछा कि आपका बैंक अकाउंट है या नहीं। वृद्ध महिला ने कहा कि हमारा कोई भी अकाउंट किसी भी बैंक में नहीं है ।ऐसे में सरकारी योजना का लाभ कैसे मिले यह एक बड़ा सवाल था।

ऐसे मे एसडीओ मेघा भरद्वाज ने उसे अपने ही गाड़ी में बैठाकर बैंक ले गई और बैंक में खुद ही इंट्रोड्यूसर बनकर उसका अकाउंट खुलवाया। इस बाबत उन्होंने बैंक मैनेजर से कहा कि वह जो भी नियम है वह पूरा करें और जहां साइन कराने की आवश्यकता है वहां खुद ही साईन करने को तैयार है ।

क्योंकि वृद्ध महिला होने के कारण अंगूठे का निशान भी नहीं उभर रहा है। ऐसे में उसे कैसे सरकारी योजना का लाभ दिलाया जाए यह एक बड़ा सवाल रहा था। अधिकारी ने खुद ही एक वृद्ध महिला का इंट्रोड्यूसर बनकर अकाउंट खुलाया और फिर से उसे उनके घर तक जाकर पहुंचाया। क्योंकि महिला वृद्ध भी थी और उस महिला का कान भी खराब था। ऐसे में एसडीओ मेघा भरद्वाज ने कई बार कोशिश की कि उससे कुछ बात कि जा सके । लेकिन वह सुन नहीं पा रही थी। कुछ बातें उसने इशारे से भी बताया। उसके पास एकमात्र वोटर आईडी था।

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Conclusion:ऐसे में बैंक के मैनेजर ने भी कहा कि उन्होंने अपने जीवन में अब तक ना जाने कितने लोगों का अकाउंट खुलाया है ।लेकिन एक अधिकारी खुद ही एक अनजान महिला का इंट्रोड्यूसर बनकर अकाउंट खुलवाया यह पहली बार देखा। इनसे अधिकारियों और आम जनता को सीख लेने की भी जरूरत है।

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