हजारीबाग: एसडीओ मेघा भरद्वाज के कई चेहरे सामने आते रहे हैं. कभी वह सड़कों पर डंडा लेकर नजर आईं, तो कभी गैर कानूनी काम करने वालों के खिलाफ मुहिम चलाती. यही नहीं वह स्कूल में छात्रों को पढ़ाती हुई भी दिखीं, लेकिन इस बार जो तस्वीर सामने आई है वह मेघा को अलग पहचान दे रही है.
एसडीओ मेघा भरद्वाज हजारीबाग के सुदूरवर्ती गांव कटकमदाग प्रखंड के अडरा पंचायत पहुंची थी. जहां वो लोगों की शिकायत सुन रही थीं और उनके निपटारे के लिए आदेश भी दे रही थीं. इसी बीच एक बूढ़ी महिला जिसकी उम्र लगभग 75 साल थी वह उनके पास पहुंची और अपना दुख जाहिर किया. उसने कहा कि उसे वृद्धा पेंशन या विधवा पेंशन नहीं मिल रहा है. ऐसे में अधिकारी ने पूछा कि उनका बैंक अकाउंट है या नहीं. वृद्ध महिला ने कहा कि उसका कोई भी अकाउंट किसी भी बैंक में नहीं है.
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महिला के बैंक अकाउंट नहीं होने की बात सुनकर मेघा उसे अपने ही गाड़ी में बैठाकर बैंक ले गई और बैंक में इंट्रोड्यूसर बनकर उसका अकाउंट खुलवाया. इस बाबत उन्होंने बैंक मैनेजर से कहा कि जो भी नियम है उसे वह पूरा करें और जहां साइन कराने की आवश्यकता है वहां खुद ही साइन करने को तैयार हैं. क्योंकि वृद्ध महिला होने के कारण अंगूठे का निशान भी नहीं उभर रहा था, ऐसे में उसे कैसे सरकारी योजना का लाभ दिलाया जाए यह एक बड़ा सवाल था.
एसडीओ मेघा भरद्वाज ने वृद्ध महिला से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन वह सुन नहीं पा रही थी, जिसके बाद उन्होंने इशारे से ही बात की. इस दौरान बैंक के मैनेजर ने भी कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कई लोगों का अकाउंट खुलवाया है. लेकिन एक अधिकारी खुद ही एक अनजान महिला का इंट्रोड्यूसर बनकर अकाउंट खुलवाया यह पहली बार देखा. इनसे अधिकारियों और आम जनता को सीख लेने की भी जरूरत है.