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पारा शिक्षक ने बनाया भाप लेने का देसी जुगाड़, लोगों को मिल रहा लाभ - हजारीबाग के पारा टीचर ने बनाया भाप लेने का देसी जुगाड़

कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है हजारीबाग के पारा शिक्षक मनोज कुमार ने. जिन्होंने भाप लेने का एक देसी जुगाड़ बनाया है.

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पारा शिक्षक
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Published : May 9, 2021, 7:23 PM IST

Updated : May 9, 2021, 7:37 PM IST

हजारीबागः कोरोना काल में भाप लेना सेहत के लिए बेहतर बताया जा रहा है. कई डॉक्टर भी भाप लेना खुद को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण बता रहे हैं. ऐसे में चौपारण के ग्राम बारा निवासी पारा शिक्षक मनोज कुमार ना सिर्फ देसी जुगाड़ से भाप लेकर अपने-आप को सुरक्षित रखा है, बल्कि अपने मोहल्ले वासियों को भी इस जुगाड़ के जरिए सुरक्षित कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

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उनकी इस जुगाड़ विधि से मोहल्ले के कई लोगों को गले की परेशानी से निजात भी मिली है. हालांकि भाप लेने का तरीका थोड़ा अलग है, ये कूकर और जीआई पाइप के माध्यम से बनाकर भाप ले रहे हैं. साथ में लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करते हुए इसका इस्तेमाल भी करवा रहे हैं. सबसे अहम बात यह है कि पारा शिक्षक को इसमें बहुत कम खर्च भी लग रहा है. इस जुगाड़ के जरिए ग्रामीण भाप भी ले रहे हैं और उन्हें विश्वास भी है कि खुद को तंदुरुस्त रख सकेंगे.

ग्रामीणों का कहना है कि यह वाष्प लेने का यंत्र बेहद सस्ता और कारगर है. पारा शिक्षक का कहना है कि जब लॉकडाउन हुआ तो सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए, ऐसे में उन्होंने खुद को सुरक्षित रखने के लिए यह तरकीब निकाला.

हजारीबागः कोरोना काल में भाप लेना सेहत के लिए बेहतर बताया जा रहा है. कई डॉक्टर भी भाप लेना खुद को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण बता रहे हैं. ऐसे में चौपारण के ग्राम बारा निवासी पारा शिक्षक मनोज कुमार ना सिर्फ देसी जुगाड़ से भाप लेकर अपने-आप को सुरक्षित रखा है, बल्कि अपने मोहल्ले वासियों को भी इस जुगाड़ के जरिए सुरक्षित कर रहे हैं.

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ग्रामीणों का कहना है कि यह वाष्प लेने का यंत्र बेहद सस्ता और कारगर है. पारा शिक्षक का कहना है कि जब लॉकडाउन हुआ तो सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए, ऐसे में उन्होंने खुद को सुरक्षित रखने के लिए यह तरकीब निकाला.

Last Updated : May 9, 2021, 7:37 PM IST
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