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Fraud in Name of PM Care: हजारीबाग कोर्ट ने दोषियों को सुनाई सजा, फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से की थी लाखों की ठगी

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Published : Nov 30, 2021, 10:55 PM IST

पीएम केयर के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले को हजारीबाग कोर्ट ने सजा सुनाई है. जिसमें कोर्ट ने दोषियों को सश्रम कारावास और जुर्माना भी लगाया है. इन लोगों ने PM Care Fund का फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से लाखों की ठगी की थी.

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हजारीबाग कोर्ट ने सजा सुनाई

हजारीबागः पीएम केयर फंड का फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से लाखों रुपया की ठगी के मामले में मंगलवार को Hazaribag Civil Court ने अपना फैसला सुनाया है. सभी दोषियों पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सजा सुनायी है.

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पीएम केयर फंड का फर्जी वेबसाइट बनाकर कोरोना पीड़ितों के नाम पर पैसा मंगाकर और बाद में उन पैसों की ठगी करने से जुड़ा हुआ है. मामले में Union Bank of India और Bank of India के शाखा प्रबंधक के द्वारा क्रमशः सदर थाना कांड संख्या 124/20 और 125/20 सदर थाना में दर्ज कराया गया था. मामले में अनुसंधान प्रारंभ हुआ और दोषियों की धरपकड़ हुई थी. इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए सीजेएम रिचा श्रीवास्तव ने दोषियों रोशन, नूर हसन, इस्तेखार, बबलू, रोहित और विकास को सजा सुनाई. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक सुनील कुमार कर रहे थे.

हजारीबाग कोर्ट ने सजा के तौर पर रोशन को भारतीय दंड विधान की धारा 420 के तहत 6 वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार जुर्माना की सजा सुनाई गयी है. साथ ही आईटी एक्ट के तहत 3 वर्ष और 70 हजार का जुर्माना की सजा सुनाई गयी है. वहीं नूर हसन और इस्तेखार को भादवि की धारा 420 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 40 हजार रुपए का जुर्माना की सजा सुनाई गयी है. वहीं आईटी एक्ट के तहत ढाई वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गयी है.

दूसरी ओर बबलू, रोहित और विकास को भारतीय दंड विधान की धारा 420 के तहत 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 30-30 हजार रुपए जुर्माना एवं आईटी एक्ट के तहत 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 30-30 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गयी है. कोर्ट ने अपने निर्णय में यह भी कहा है कि सभी सजाएं अलग-अलग चलेंगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुनाया है.

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जब पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा था. उस वक्त सभी दोषियों की ओर से प्रधानमंत्री के केयर फंड के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से सहायता के तौर पर राशि मंगाई गई थी. जिसके बाद उस पैसे की निकासी कर लोगों के साथ ठगी की गयी थी. इस मामले में पुलिस ने दोषियों के पास से उस वक्त लैपटॉप, मोबाइल, क्रेडिट कार्ड, पासबुक, डेबिट कार्ड, चेक बुक और अन्य दस्तावेज जब्त किया था.

हजारीबागः पीएम केयर फंड का फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से लाखों रुपया की ठगी के मामले में मंगलवार को Hazaribag Civil Court ने अपना फैसला सुनाया है. सभी दोषियों पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सजा सुनायी है.

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पीएम केयर फंड का फर्जी वेबसाइट बनाकर कोरोना पीड़ितों के नाम पर पैसा मंगाकर और बाद में उन पैसों की ठगी करने से जुड़ा हुआ है. मामले में Union Bank of India और Bank of India के शाखा प्रबंधक के द्वारा क्रमशः सदर थाना कांड संख्या 124/20 और 125/20 सदर थाना में दर्ज कराया गया था. मामले में अनुसंधान प्रारंभ हुआ और दोषियों की धरपकड़ हुई थी. इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए सीजेएम रिचा श्रीवास्तव ने दोषियों रोशन, नूर हसन, इस्तेखार, बबलू, रोहित और विकास को सजा सुनाई. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक सुनील कुमार कर रहे थे.

हजारीबाग कोर्ट ने सजा के तौर पर रोशन को भारतीय दंड विधान की धारा 420 के तहत 6 वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार जुर्माना की सजा सुनाई गयी है. साथ ही आईटी एक्ट के तहत 3 वर्ष और 70 हजार का जुर्माना की सजा सुनाई गयी है. वहीं नूर हसन और इस्तेखार को भादवि की धारा 420 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 40 हजार रुपए का जुर्माना की सजा सुनाई गयी है. वहीं आईटी एक्ट के तहत ढाई वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गयी है.

दूसरी ओर बबलू, रोहित और विकास को भारतीय दंड विधान की धारा 420 के तहत 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 30-30 हजार रुपए जुर्माना एवं आईटी एक्ट के तहत 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 30-30 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गयी है. कोर्ट ने अपने निर्णय में यह भी कहा है कि सभी सजाएं अलग-अलग चलेंगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुनाया है.

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जब पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा था. उस वक्त सभी दोषियों की ओर से प्रधानमंत्री के केयर फंड के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से सहायता के तौर पर राशि मंगाई गई थी. जिसके बाद उस पैसे की निकासी कर लोगों के साथ ठगी की गयी थी. इस मामले में पुलिस ने दोषियों के पास से उस वक्त लैपटॉप, मोबाइल, क्रेडिट कार्ड, पासबुक, डेबिट कार्ड, चेक बुक और अन्य दस्तावेज जब्त किया था.

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