हजारीबाग: छठ पर्व आस्था का महापर्व के रूप में जाना जाता है. ऐसे में समाज के हर तबके के लोग पूरी श्रद्धा के साथ इस पर्व में हाथ बटाते हैं. जिसके यहां पर्व होता है वह तो तैयारी करते ही हैं लेकिन जिनके यहां छठ नहीं होता है वह भी पूरी भक्ति के साथ छठ पर्व ठीक से संपन्न कराने के लिए सेवा करते हैं. लेकिन हजारीबाग में जिला प्रशासन का सहयोग न मिलने के कारण लोग झील की सफाई खुद से ही करने में जुट गए है.
हजारीबाग झील में जहां हजारों की संख्या में छठ व्रती अर्घ्य देने के लिए आते है. झील की स्थिति बेहद खराब है और ऐसे में जिला प्रशासन समय पर झील साफ नहीं करा पा रहा है तो समाज के कई लोग अब सेवा भाव से झील की सफाई में लग गए हैं. उनका कहना है कि अगर जिला प्रशासन अपना दायित्व पूरा नहीं कर रहा है तो आम लोगों को आगे आकर काम करना होगा इसलिए लगभग 20 मजदूर समाजसेवी ने छठ घाटों का सफाई कर रहे हैं.
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वहीं, दूसरी ओर छठ घाटों को 1 सप्ताह पहले से ही छठ व्रती के परिवार वाले घाट की सफाई कर रहे हैं ताकि जब अर्घ्य देने आए तो इधर-उधर न भटकना पड़े. ऐसे में छोटे-छोटे बच्चे और उनके परिवार के लोग घाटों पर अपना नाम अंकित कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह छठ घाट की लूट नहीं है बल्कि अपने घाट को चिंहित करने का तरीका है. छठ घाट चिंहित करने वालों का कहना भी है कि यह काम जिला प्रशासन का है लेकिन जिला प्रशासन के सहयोग न मिलने के कारण हम लोग अपने घाट को चिंहित करते हैं ताकि पूजा के समय सहूलियत हो.