हजारीबाग: पूरे देश में गणपति महोत्सव (Ganesh Festival) की धूम है. गणपति बप्पा मोरिया मंगल मूर्ति मोरिया की गूंज अब मुंबई से बाहर झारखंड में भी सुनने को मिलने लगा है. हजारीबाग में भी लोग अब गणपति महोत्सव मनाने लगे हैं. लगभग 1 दर्जन से अधिक पंडाल और मूर्ति हजारीबाग के विभिन्न मोहल्लों में देखने को मिल रहा है.
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आला रे आला गणपति आला की गूंज हजारीबाग में भी सुनने को मिल रहा है. गणेश चतुर्थी के अवसर पर उनकी मूर्ति विभिन्न पंडालों में देखने को मिल रहा है. मूर्ति और पंडाल को आकर्षक तरीके से सजाया गया है. पंडालों में बेहतरीन लाइटिंग लगाई गई है, जो बेहद आकर्षक लग रहा है. पंडाल को देखने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. पिछले साल से इस बार हजारीबाग में और भी धूमधाम से गणपति महोत्सव मनाया जा रहा है.
गणपति महोत्सव को लेकर बच्चों में खास उत्साह
पहले महाराष्ट्र में यह पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता था, लेकिन अब हजारीबाग में भी गणपति महोत्सव मनाया जा रहा है. इसे लेकर छोटे-छोटे बच्चों में सबसे अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है. हजारीबाग के एक ही मोहल्ले में चार जगह अलग-अलग मूर्ति स्थापित की गई है. वहीं दूसरी ओर बस स्टैंड के पास मराठा कॉलोनी में भी मूर्ति स्थापित कर पूजा की जा रही है.
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रांची में भी गणेश महोत्सव
राजधानी रांची में भी गणेश महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए और गाइडलाइन का पालन करते हुए छोटे पैमाने पर पंडाल सजाए गए हैं.
10 दिनों तक मनाया जाता है गणेश महोत्सव
शुक्रवार से प्रारंभ गणेश उत्सव अगले 10 दिनों तक मनाया जाएगा. किसी भी पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की आराधना के साथ ही शुरू होती है. हिंदू धर्म में गणपति का महत्व बहुत खास होता है. ऐसी मान्यता है कि आज के ही दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इन दस दिनों में भक्त विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उन्हें मोदक का भोग लगाते हैं.