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सांसद जयंत सिन्हा पर महिला पार्षद ने लगाया आरोप, कहा- जबरन बात मानवाने की कर रहे कोशिश - विधायक मनीष जायसवाल

हजारीबाग में नगर निगम के बढ़ते विवाद को रोकने के लिए दिल्ली से स्थानीय सांसद जयंत सिन्हा को आना पड़ा. उन्होंने स्थानीय विधायक मनीष जयसवाल, पार्षदों, महापौर और उपमहापौर के साथ निजी होटल में बैठक की. इस बैठक के बाद महिला पार्षद सुनिता देवी ने सांसद पर जोर जबरदस्ती करने का आरोप लगाया है.

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Published : Oct 16, 2019, 7:35 PM IST

हजारीबाग: जिले में नगर निगम राजनीतिक अखाड़ा बनता जा रहा है. जहां पार्षद, महापौर और उपमहापौर के बीच नहीं बन रही है. आलम यह है कि जनप्रतिनिधियों के बीच वाक युद्ध शुरू हो गया है. इसे शांत करने के लिए हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा और विधायक मनीष जयसवाल को हस्तक्षेप करना पड़ा.

देखिए पूरी खबर


हजारीबाग में नगर निगम के बढ़ते विवाद को रोकने के लिए दिल्ली से स्थानीय सांसद जयंत सिन्हा को आना पड़ा. उन्होंने स्थानीय विधायक मनीष जयसवाल, पार्षदों, महापौर और उपमहापौर के साथ निजी होटल में बैठक की. इस बैठक को गोपनीय रखा गया और पत्रकारों को भी इससे दूर रखा गया.

पार्षद ने सांसद पर लगाया आरोप
बैठक के दौरान पार्षदों को यह समझाने की कोशिश की गई कि वे महापौर की मदद करें और महापौर को बताया गया कि वह पार्षदों को लेकर चले ताकि क्षेत्र और शहर का विकास हो सके. इस दौरान बंद कमरे में और क्या बातें हुई इसका खुलासा तो नहीं किया गया, लेकिन इसी दौरान वार्ड पार्षद सुनीता देवी रोते हुए बैठक कक्ष से बाहर आ गई. उन्होंने हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा पर आरोप लगाया कि वे पार्षदों के साथ जोर जबरदस्ती कर रहे हैं. जबरन उन्हें बात मानने को विवश कर रहे हैं. पार्षदों का कहना है कि सांसद के खराब रवैया से उन्हें दुख हुआ है.

मामले पर बोलने से बचते नजर आए बड़े नेता
इस पूरे प्रकरण पर जयंत सिन्हा ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, जिसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है. हजारीबाग की मेयर रोशनी तिर्की ने भी इस मामले को लेकर किसी भी तरह की बयान नहीं दिया. ऐसा बताया जा रहा है कि सांसद के द्वारा यह कहा गया है कि मीडिया में किसी भी तरह का बयान न दें. इस मामले को लेकर हजारीबाग के विधायक ने कहा कि पार्षद और महापौर, उपमहापौर के बीच तालमेल स्थापित करने की कोशिश की गई है. आने वाले समय में उम्मीद की जाती है कि नगर निगम अच्छे तरीके से काम करें.

ये भी पढे़ं: 17 अक्टूबर से शुरू होगी कांग्रेस की आक्रोश रैली, आरपीएन सिंह होंगे शामिल
सुनीता देवी के मामले में उन्होंने कहा कि 40 लोग जहां रहते हैं और कोई एक विरोध करता है तो वह तर्कसंगत नहीं है. वहीं पार्षद बबन गुप्ता जिन्होंने विरोध दर्ज कराया था उनका कहना है कि अब यह देखने वाली बात होगी कि कोआर्डिनेशन स्थापित होता है या नहीं. बता दें कि पिछले शुक्रवार को पार्षदों ने नगर निगम कार्यालय के सामने धरना देकर महापौर पर आरोप लगाया था कि वह मनमानी कर रही है. इसके बाद महापौर ने पार्षदों पर आरोप लगाया था कि वे ठेकेदारी करते हैं और गलत करने की विरोध जताने के लिए धरने पर बैठ जाते हैं. इसके जवाब में पार्षदों ने भी आरोप लगाया था कि महापौर हर काम पर कमीशन मांगती है और विवाद बढ़ता गया. यह पूरा मामला 23 करोड़ रुपए के टेंडर से जुड़ा हुआ है.

हजारीबाग: जिले में नगर निगम राजनीतिक अखाड़ा बनता जा रहा है. जहां पार्षद, महापौर और उपमहापौर के बीच नहीं बन रही है. आलम यह है कि जनप्रतिनिधियों के बीच वाक युद्ध शुरू हो गया है. इसे शांत करने के लिए हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा और विधायक मनीष जयसवाल को हस्तक्षेप करना पड़ा.

देखिए पूरी खबर


हजारीबाग में नगर निगम के बढ़ते विवाद को रोकने के लिए दिल्ली से स्थानीय सांसद जयंत सिन्हा को आना पड़ा. उन्होंने स्थानीय विधायक मनीष जयसवाल, पार्षदों, महापौर और उपमहापौर के साथ निजी होटल में बैठक की. इस बैठक को गोपनीय रखा गया और पत्रकारों को भी इससे दूर रखा गया.

पार्षद ने सांसद पर लगाया आरोप
बैठक के दौरान पार्षदों को यह समझाने की कोशिश की गई कि वे महापौर की मदद करें और महापौर को बताया गया कि वह पार्षदों को लेकर चले ताकि क्षेत्र और शहर का विकास हो सके. इस दौरान बंद कमरे में और क्या बातें हुई इसका खुलासा तो नहीं किया गया, लेकिन इसी दौरान वार्ड पार्षद सुनीता देवी रोते हुए बैठक कक्ष से बाहर आ गई. उन्होंने हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा पर आरोप लगाया कि वे पार्षदों के साथ जोर जबरदस्ती कर रहे हैं. जबरन उन्हें बात मानने को विवश कर रहे हैं. पार्षदों का कहना है कि सांसद के खराब रवैया से उन्हें दुख हुआ है.

मामले पर बोलने से बचते नजर आए बड़े नेता
इस पूरे प्रकरण पर जयंत सिन्हा ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, जिसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है. हजारीबाग की मेयर रोशनी तिर्की ने भी इस मामले को लेकर किसी भी तरह की बयान नहीं दिया. ऐसा बताया जा रहा है कि सांसद के द्वारा यह कहा गया है कि मीडिया में किसी भी तरह का बयान न दें. इस मामले को लेकर हजारीबाग के विधायक ने कहा कि पार्षद और महापौर, उपमहापौर के बीच तालमेल स्थापित करने की कोशिश की गई है. आने वाले समय में उम्मीद की जाती है कि नगर निगम अच्छे तरीके से काम करें.

ये भी पढे़ं: 17 अक्टूबर से शुरू होगी कांग्रेस की आक्रोश रैली, आरपीएन सिंह होंगे शामिल
सुनीता देवी के मामले में उन्होंने कहा कि 40 लोग जहां रहते हैं और कोई एक विरोध करता है तो वह तर्कसंगत नहीं है. वहीं पार्षद बबन गुप्ता जिन्होंने विरोध दर्ज कराया था उनका कहना है कि अब यह देखने वाली बात होगी कि कोआर्डिनेशन स्थापित होता है या नहीं. बता दें कि पिछले शुक्रवार को पार्षदों ने नगर निगम कार्यालय के सामने धरना देकर महापौर पर आरोप लगाया था कि वह मनमानी कर रही है. इसके बाद महापौर ने पार्षदों पर आरोप लगाया था कि वे ठेकेदारी करते हैं और गलत करने की विरोध जताने के लिए धरने पर बैठ जाते हैं. इसके जवाब में पार्षदों ने भी आरोप लगाया था कि महापौर हर काम पर कमीशन मांगती है और विवाद बढ़ता गया. यह पूरा मामला 23 करोड़ रुपए के टेंडर से जुड़ा हुआ है.

Intro:हजारीबाग में नगर निगम राजनीतिक अखाड़ा बनता जा रहा है। जहां पार्षद महापौर और उपमहापौर के बीच नहीं बन रही है। आलम यह है कि जनप्रतिनिधियों के बीच वाक युद्ध शुरू हो गया है ।इसे शांत करने के लिए हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा और विधायक मनीष जयसवाल को हस्तक्षेप करना पड़ा।





Body:हजारीबाग में नगर निगम के बढ़ते विवाद को रोकने के लिए दिल्ली से स्थानीय सांसद जयंत सिन्हा को आना पड़ा। उन्होंने स्थानीय विधायक मनीष जयसवाल पार्षदों महापौर और उपमहापौर के साथ निजी होटल में बैठक किया। इस बैठक को गोपनीय रखा गया और पत्रकारों को भी इससे दूर रखा गया।

बैठक के दौरान पार्षदों को यह समझाने की कोशिश की गई कि वे महापौर को मदद करें और महापौर को बताया गया कि वह पार्षदों को लेकर चले ताकि क्षेत्र और शहर का विकास हो सके। इस दौरान बंद कमरे में और क्या बातें हुई इसका खुलासा तो नहीं किया गया। लेकिन इसी दौरान वार्ड पार्षद सुनीता देवी रोते हुए बैठक कक्ष से बाहर आ गई। उन्होंने हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा पर आरोप लगाया कि वे जोर जबरदस्ती पार्षदों के साथ कर रहे हैं। जबरन उन्हें बात मानने को विवश कर रहे हैं ।पार्षदों का कहना है कि सांसद के खराब रवैया से उन्हें दुख हुआ है। किसी को भी ऐसा करने का अधिकार नहीं है ।

इस पूरे प्रकरण पर जयंत सिन्हा ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया ।जिसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहा था हजारीबाग की मेयर रोशनी तिर्की उन्होंने भी इस मामले को लेकर किसी भी तरह की बयान नहीं दिया। ऐसा बताया जा रहा है कि सांसद के द्वारा यह कहा गया है कि मीडिया में किसी भी तरह का बयान ना दे। इस मामले को लेकर हजारीबाग के विधायक ने कहा कि पार्षद और महापौर उपमहापौर के बीच तालमेल स्थापित करने की कोशिश की गई है। आने वाले समय में उम्मीद की जाती है कि नगर निगम अच्छे तरीके से काम करें। सुनीता देवी के मामले में उन्होंने कहा कि 40 लोग जहां रहते हैं और कोई एक विरोध करता है तो वह तर्कसंगत नहीं है ।वही पार्षद बब्बन गुप्ता जिन्होंने विरोध दर्ज कराया था उनका कहना है कि अब यह देखने वाली बात होगी कि कोआर्डिनेशन स्थापित होता है या नहीं।

byte.... मनीष जायसवाल विधायक हजारीबाग
byte.... रोशनी तिर्की मेयर हजारीबाग
byte.... सुनीता देवी विरोध करने वाली पार्षद
byte.... बबन गुप्ता पार्षद नगर निगम हजारीबाग


Conclusion:बताते चलें कि पिछले शुक्रवार को पार्षदों ने नगर निगम कार्यालय के सामने धरना देकर महापौर पर आरोप लगाया था कि वह मनमानी कर रही है। इसके बाद महापौर ने पार्षदों पर आरोप लगाया था कि वे ठेकेदारी करते हैं और गलत करने की विरोध जताने के लिए धरने पर बैठ जाते हैं। इसके जवाब में पार्षदों ने भी आरोप लगाया था कि महापौर हर काम पर कमीशन मांगती है और विवाद बढ़ता गया। यह पूरा मामला 23 करोड़ रुपए के टेंडर से जुड़ा हुआ है।
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