हजारीबाग: देश में कोयले का संकट है या नहीं इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है. जहां एक ओर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने साफ किया है कि कोयला का संकट ना था, ना है और ना रहेगा. इसके बावजूद कई राज्यों ने सवाल उठाए हैं. पावर हाउस में कोयले की कमी बताई जा रही है. ऐसे में देश के पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को स्थिति साफ करनी चाहिए.
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देश में कोयला का संकट बताया जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि महज 3 दिन का ही कोयले का स्टॉक विभिन्न पावर प्लांट में बचा है. ऐसे में ब्लैक आउट की समस्या भी हो सकती है. लेकिन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को दावा किया कि देश में कोयले का संकट न था, न है और न रहेगा. लेकिन उसके बावजूद राज्यों ने सवाल उठाया है.
यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर किया कटाक्ष
हजारीबाग के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि सरकार ने तो दावा किया है कि बिजली की कमी नहीं है. लेकिन हजारीबाग में तो स्पष्ट दिख रहा है कि बिजली की कमी है. घंटों ब्लैक आउट रह रहा है. ऐसे में सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि देश में कोयला है या नहीं. भारत देश में कोयले की कमी होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि भारत जैसे देश में कोयला की कमी का रोना समझ से परे है. मॉनसून तो हर साल आता है. लेकिन कभी कोयले की कमी की बात मानसून के कारण नहीं कही गई है.
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कोयले का इस्तेमाल में भारत दूसरे नंबर पर
भारत में 135 बिजली घर ऐसे हैं, जहां कोयले से बिजली उत्पन्न होती है. लेकिन इनमें से आधे के पास तीन दिन से भी कम का कोयला बचा है. भारत में लगभग 70% बिजली सप्लाई कोयले से ही होती है. चीन के बाद भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है. जहां कोयले का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है.