हजारीबाग: मनरेगा योजना को दुरुस्त करने के लिए जिला प्रशासन हर पल सक्रिय है. इसके बावजूद कई ऐसे जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मी हैं, जो इस योजना में लूट मचाए हुए हैं. ऐसे ही एक मामले का उद्भेदन हजारीबाग के टाटीझरिया में हुआ है, जहां उपायुक्त ने केस करने का आदेश पदाधिकारियों को दिया है.
टाटीझरिया प्रखंड के मनरेगा स्कीम अंतर्गत खैरा पंचायत के विभिन्न गांवों में संचालित 35 तालाब और डोभा योजना में सरकारी राशि का 18 लाख 77 हजार 250 रुपए गबन का मामला प्रकाश में आया है. इस बाबत हजारीबाग के उपायुक्त ने मौखिक आदेश भी दिया है कि एफआईआर दर्ज किया जाए.
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वहीं, वर्तमान बीडीओ शाइनी तिग्गा के आवेदन पर इचाक थाना में केस दर्ज कर लिया गया है, जिसमें वर्तमान रोजगार सेवक कृष्ण कुमार, अमित कुमार, बीपीओ मनरेगा सुनील कुमार महतो, जेई धनेश्वर महतो, सहायक इंजीनियर मनीष चंद्र रंजन, पंचायत सेवक महावीर यादव और मुखिया सरिता देवी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. जानकारी के अनुसार, 2016 से लेकर 2018 तक में 35 तालाब का निर्माण किया गया है, जिसमें रोजगार सेवकों की पत्नी, शाली, ससुर समेत अन्य रिश्तेदारों को दिखाकर राशि की अवैध निकासी की गई थी.
केस करने के बाद मनरेगा में लगे पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों में भी दहशत है. जब कोरोना संक्रमण के दौर में करोड़ों रुपया मनरेगा स्कीम के तहत खर्च हो रहा है. ऐसे में गबन का मामला प्रकाश में आने के बाद लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है.