हजारीबागः आम लोगों पर दोहरी मार इन दिनों पड़ रही है. एक तरफ कोरोना वायरस में कोहराम मचा रखा है, तो दूसरी ओर महंगाई तेजी से बढ़ रही है. कीमतों पर आधारित महंगाई दर मार्च में 8 साल की उच्चतमम स्तर तक पहुंच गई. कच्चे तेल और धातु की कीमतों के दाम बेतहाशा बढ़ती जा रही है.
इसे भी पढ़ें- खेतों में ही सड़ रही देश-विदेश में निर्यात होने वाली हजारीबाग की सब्जियां, नहीं पहुंच रहे व्यापारी
इन दिनों निम्न मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को कोरोना के साथ महंगाई से भी जूझना पड़ रहा है. खाद्य पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. चावल, दाल, आटा, चना, तेल सभी खाद्य पदार्थ जो हर दिन चाहिए उसके मूल्य में वृद्धि दर्ज की जा रही है. झारखंड में इन दिनों लॉकडाउन लगा हुआ है. जिस कारण बाजार निर्धारित समय के लिए ही खोले जा रहे हैं. दोपहर के 2:00 बजे के बाद दुकान बंद हो रही है. ऐसे में खरीदार भी समय पर पहुंच रहे हैं. लेकिन पहले वाली भीड़ इन दिनों राशन दुकानों पर नहीं दिख रही है. इसका कारण भी महंगाई हो सकता है.
रिकार्ड पर महंगाई दर
उपभोक्ता और व्यापारियों का कहना है कि कभी सोचा नहीं था कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के साथ-साथ खाद्य पदार्थों पर रिकॉर्ड महंगाई आ जाएगा. इन दिनों बाजार का हाल ये है कि किराना की दुकानों पर अनेक ग्राहक तो विभिन्न किस्म की दाल का दाम पूछने के बाद चुप्पी साध लेते हैं. महंगी दाल खरीदना उपभोक्ताओं के सामर्थ्य के बाहर होता जा रहा है. सबसे अधिक कीमत वृद्धि तेल में हुई है. जहां पहले ₹120 लीटर रिफाइन तेल मिलाता था, अब वह ₹160 प्रति लीटर मिल रहा है. वहीं सरसों के तेल में भी प्रति लीटर ₹50 मूल्य वृद्धि हुई है. ऐसे में व्यापारी और उपभोक्ता भी कहते हैं कि तेल ने कमर तोड़ दिया है.
आसमान छूती फलों की कीमत
यही नहीं फल की कीमतों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है. जो कभी सेव सौ रुपए किलो मिलता था, आज 250 रुपए किलो बिक रहा है .अंगूर ₹100 किलो था, आज 180 रुपए किलो बेचा जा रहा है. इसके अलावा अन्य फल कीमत में भी वृद्धि हुई है. अनार भी ₹100 किलो बिक रहा है. इस समय में आम की कीमत में गिरावट दर्ज होती थी, पर वह भी इस बार महंगी हो गई है. क्योंकि बाहर से फल नहीं आ रहा है.
1. | खाद्य सामग्री | वर्तमान कीमत | एक महीने पहले के दाम |
2. | चावल | ₹30 प्रति किलो | ₹26 प्रति किलो |
3. | राहर दाल | ₹100 प्रति किलो | ₹85 प्रति किलो |
4. | मुंग दाल | ₹100 प्रति किलो | ₹85 प्रति किलो |
5. | मसूर दाल | ₹75 प्रति किलो | ₹65 प्रति किलो |
6. | रिफाइंड तेल | ₹150 प्रति लीटर | ₹120 प्रति लीटर |
7. | सरसों तेल | ₹175 प्रति लीटर | ₹115 प्रति लीटर |
फलों के दाम
1. | फल | वर्तमान कीमत | एक महीने पहले के दाम |
2. | सेव | ₹250 प्रति किलो | ₹150 प्रति किलो |
3. | अंगूर | ₹80 प्रति किलो | ₹160 प्रति किलो |
4. | केला | ₹50 दर्जन | ₹20 दर्जन |
5. | आम | ₹80 प्रति किलो | NA |
6. | अनार | ₹100 प्रति किलो | NA |
इसे भी पढ़ें- कोरोना को लेकर गांव में हो रही तैयारी, जागरुकता में कमी से जनप्रतिनिधि और चिकित्सक परेशान
जमाखोरी की लगातार निगरानी हो रही- चैंबर
हजारीबाग के चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी बताते हैं कि महंगाई तो इस साल बढ़ी है. सबसे अधिक तेल की कीमतों में वृद्धि दर्ज किया गया है. हम लोग की पहली प्राथमिकता यह है कि जमाखोरी और मुनाफाखोरी दोनों पर अंकुश लगाया जाए. चैंबर ने संक्रमण के दौरान हर एक दुकान पर विशेष नजर रखी है. अगर कहीं से पता चलता है कि अधिक दाम पर सामन बेचा जा रहा है तो हम लोग उस पर कार्रवाई भी करते हैं. अगर कोई छोटा दुकानदार अधिक समान लेता है, पहले पूछा जाता है कि अधिक सामान लेने का कारण क्या है. उनका यह भी कहना है कि वर्तमान समय में हजारीबाग में खाद्य पदार्थ की कमी नहीं है. इसलिए जमाखोरी और मुनाफाखोरी नहीं हो सकता है.
दुकानदार एक रुपया दाम बढ़ाकर बेच रहे
दुकानदार भी बताती हैं कि हम लोग संक्रमण के दौरान यह विशेष रुप से ध्यान रखते हैं कि लोगों को राहत दिया जाए. ₹1 प्रति किलो के हिसाब से हम लोग मूल्य बढ़ाकर सामान देते हैं. क्योंकि हम लोगों को भी स्टाफ और घर चलाना होता है. बाजार में किसी भी तरह के सामान की कमी नहीं है, राशन स्टॉक पूरा है. हम लोग सोशल डिस्टेंसिंग के साथ निर्धारित समय में ही दुकान खोलते हैं और बंद करते हैं. लेकिन उनका भी कहना है कि वर्तमान समय में वह भीड़ नहीं दिख रही है जो हमारे यहां देखा जाता था.
बढ़ी है महंगाई
छोटू कुमार एवं एक अन्य व्यवसायी का कहना है कि हर एक सामान के कीमतों में वृद्धि हुई है. भले ही मुनाफाखोरी या फिर जमाखोरी नहीं हो रही है. लेकिन मूल्य वृद्धि हुई है. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि 20 से 30% असर हम लोगों के बचत पर पड़ रहा है. बाहर से सामान आ नहीं रही है और डीजल पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी के कारण की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है. वर्तमान में सिर्फ संक्रमण ही कारण नहीं है, महंगाई का बल्कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि भी एक कारण है.
इसे भी पढ़ें- कोरोना काल में मिसाल बनीं महिलाएं, संकट में दिखा रहीं रोजगार की राह
मध्यम वर्गीय सबसे ज्यादा प्रभावित
आम जनता भी इस महंगाई को लेकर परेशान है. उनका भी कहना है कि हम लोग मिडिल क्लास फैमिली के हैं. लॉकडाउन के कारण हमारा व्यवसाय चौपट हो गया है. लेकिन खाना जरूरी है. खाना नहीं खाएंगे तो जिंदा कैसे रहेंगे. पहले जैसा खाना भी अब हमारे यहां नहीं बनता है. उनका यह भी कहना है कि कोरोना के कारण इम्यून दुरुस्त करने के लिए कई तरह के खाद्य पदार्थ बाजार में है. जीवन बचाने के लिए हम लोग सेवन भी हैं. लेकिन उसके जगह में दूसरे जगह कमी भी कर रहे हैं.
ये कहना गलत नहीं होगा कि संक्रमण के साथ-साथ पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी दूसरे राज्यों से समान नहीं आना और बाजार से पैसा का गायब होना महंगाई का कारण है. आने वाले दिनों में भी महंगाई का असर बाजार में दिखेगा. देखने वाली बात होगी की स्थिति सामान्य कब होती है और कब महंगाई का ग्राफ गिरता है.