हजारीबाग: विनोबा भावे विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह बीच में ही रोकना पड़ा. देश की स्थिति और सुरक्षा के दृष्टिकोण से विनोबा भावे विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा यह कदम उठाया गया. विश्व विद्यालय प्रबंधन के इस कदम से छात्रों में नाराजगी दिखी और छात्रों ने जमकर हंगामा किया.
दरअसल वर्तमान समय में देश की स्थिति और धारा 370 को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर दीक्षांत समारोह बीच में ही रोकना पड़ा. हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय में छात्रों ने जमकर हंगामा किया. आलम यह हुआ कि छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर से बाहर खदेड़ना पड़ा.
घर भेजें जाएंगे प्रमाण पत्र
झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू अपना भाषण समाप्त कर रांची रवाना हो गईं. जिसके बाद छात्रों को यह आदेश दिया गया कि उनकी डिग्री उनके घर या कॉलेज तक पहुंचा दी जाएगी. छात्र छात्रा धीरे-धीरे विश्वविद्यालय परिसर खाली कर अपने घर जाएं. इसे सुनने के बाद छात्रों ने आपत्ति जताई और हंगामा करना शुरु कर दिया. छात्रों का कहना था कि दूरदराज क्षेत्र से डिग्री लेने आए हैं और हमें डिग्री यहां नहीं मिल रही है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर आरोप लगाया कि उसने छात्रों का चेहरा देखकर डिग्री दिए हैं.
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पुलिस ने कराया मामला शांत
आलम ऐसा हुआ कि कार्यक्रम स्थल में भी छात्रों ने हंगामा किया, तो मुख्य प्रशासनिक भवन के सामने भी छात्र घंटों डटे रहे. इस दौरान विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं रहे. अंत में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद छात्र-छात्रों को शांत कराया गया. जिसके बाद सभी विद्यार्थी अपने घर की ओर निकले.