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हजारीबाग: आरक्षण पर SC के आदेश के विरोध में भारत बंद, NH 33 हाइवे 3 घंटे तक रहा जाम - Bhim Army members

हजारीबाग में सुबह से ही भीम सेना के सदस्यों ने एनएच 33 हाइवे को जाम कर दिया और डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के पास भीम सेना जिंदाबाद के नारे के साथ पूरा यातायात प्रभावित कर दिया. जिला प्रशासन के समझाने के 3 घंटे के बाद जाम तोड़ा गया. जाम तोड़ने के बाद भीम सेना के सदस्यों ने पूरे हजारीबाग में पैदल मार्च कर आम जनता से बंद सफल कराने के लिए अपील की.

Bhim Army members jammed NH 33 highway in Hazaribagh
NH 33 हाईवे जाम
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Published : Feb 23, 2020, 2:23 PM IST

हजारीबाग: सरकारी नौकरी में प्रमोशन और आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ घमासान तेज होता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ है भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने 23 फरवरी को भारत बंद बुलाया. बंद का हजारीबाग में असर भी देखने को मिला .सुबह से ही भीम सेना के सदस्यों ने हजारीबाग एनएच 33 हाइवे जाम कर दिया. लगभग 3 घंटे तक यातायात पूर्ण रूप से प्रभावित रहा. जिसमें यात्रियों को हाइवे पर चलने से रोका गया. इस दौरान भीम सेना जिंदाबाद के नारे लगाते हुए लोगों ने बंद सफल होने की अपील भी की.

देखें पूरी खबर

भीम सेना के सदस्यों ने किया पैदल मार्च

हजारीबाग में जिला प्रशासन के मुस्तैदी के कारण जाम तो हटा दिया गया. लेकिन भीम सेना के सदस्यों ने पूरे हजारीबाग में पैदल मार्च किया. इस दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे. हर एक चौक चौराहे पर अतिरिक्त सुरक्षा बल भी लगाए गए थे ताकि उपद्रव न हो सके.

आरक्षण के आदेश के विरोध में बंदी

बंदी के दौरान भीम सेना का सदस्य ने बताया कि प्रमोशन में आरक्षण के आदेश के विरोध में बंद किए हैं. वहीं, प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को हटाया जाने की भी मांग कर रहे हैं.

ये भी देखें- पुलिसवाले बने नेता, आजमाएंगे चुनाव में किस्मत, नामांकन शुरू

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण मौलिक अधिकार के लिए नहीं बताया है. अनुसूचित जाति को प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए सरकार बाध्य नहीं है. यह पूरी तरह से सरकार की इच्छा पर निर्भर है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ किया है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति में आरक्षण भी मौलिक अधिकार नहीं है. लिहाजा सरकार को मौलिक अधिकार की तरह आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है.

हजारीबाग: सरकारी नौकरी में प्रमोशन और आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ घमासान तेज होता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ है भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने 23 फरवरी को भारत बंद बुलाया. बंद का हजारीबाग में असर भी देखने को मिला .सुबह से ही भीम सेना के सदस्यों ने हजारीबाग एनएच 33 हाइवे जाम कर दिया. लगभग 3 घंटे तक यातायात पूर्ण रूप से प्रभावित रहा. जिसमें यात्रियों को हाइवे पर चलने से रोका गया. इस दौरान भीम सेना जिंदाबाद के नारे लगाते हुए लोगों ने बंद सफल होने की अपील भी की.

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भीम सेना के सदस्यों ने किया पैदल मार्च

हजारीबाग में जिला प्रशासन के मुस्तैदी के कारण जाम तो हटा दिया गया. लेकिन भीम सेना के सदस्यों ने पूरे हजारीबाग में पैदल मार्च किया. इस दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे. हर एक चौक चौराहे पर अतिरिक्त सुरक्षा बल भी लगाए गए थे ताकि उपद्रव न हो सके.

आरक्षण के आदेश के विरोध में बंदी

बंदी के दौरान भीम सेना का सदस्य ने बताया कि प्रमोशन में आरक्षण के आदेश के विरोध में बंद किए हैं. वहीं, प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को हटाया जाने की भी मांग कर रहे हैं.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण मौलिक अधिकार के लिए नहीं बताया है. अनुसूचित जाति को प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए सरकार बाध्य नहीं है. यह पूरी तरह से सरकार की इच्छा पर निर्भर है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ किया है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति में आरक्षण भी मौलिक अधिकार नहीं है. लिहाजा सरकार को मौलिक अधिकार की तरह आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है.

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