हजारीबाग: बरही श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के अंतर्गत गौरियाकरमा क्लस्टर के हरला रविदास टोला में नवनिर्मित प्रशिक्षण भवन में 15 दिवसीय बांस शिल्प कला प्रशिक्षण शिविर सोमवार को संपन्न हुआ. आयोजन जन समाधान फाउंडेशन रांची और प्रायोजक जिला परिषद के बैनर तले किया गया, जिसमें 55 ग्रामीण महिलाओं और पुरषों को कच्चे और सूखे बांस से कलाकृति बनाने का प्रशिक्षण दिया गया.
हस्तकला ज्ञान के बताए महत्व
हस्तकला ज्ञान के महत्व बताए गए, जिसमें बांस कलाकृति से सोफा सेट, टेबल लेंप, गुलदस्ता, टोकरी, फुलदान, पेन बांस, कुर्सी, सीनरी पेन सहित विभिन्न प्रकार के घरेलू सज्जा के सामान तैयार करना सिखाए गए. ग्रामीणों ने उत्साह के साथ प्रशिक्षण में भाग लिया. इस बांस के शिल्प कला प्रशिक्षण शिविर में कल्पनाओं को साकार करते दिखे.
शिल्प कला का प्रशिक्षण शिविर का समापन
समापन समारोह के मुख्य अतिथि जिप सदस्य संतोष रविदास ने कहा कि पारंपरिक शिल्प कला का प्रशिक्षण एक अद्भुत कार्य है. इस क्षेत्र से जुड़कर ग्रामीण आत्मनिर्भर बन सकते हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता रांची से आये प्रशिक्षण प्रभारी जगरनाथ महतो ने की. जगरनाथ महतो ने सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि ग्रामीणों में काफी प्रतिभा है. वहीं, बांस शिल्प के महत्व पर प्रकाश डाला. प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों के बीच निशुल्क टूल्स दिया गया.
ये भी पढ़े- देर रात मोरहाबादी मैदान पहुंचकर सीएम ने लिया तैयारियों का जायजा, गरीबों के बीच बांटे कंबल
ग्रामीणों को प्रशिक्षण रांची के नरेश महतो, मास्टर ट्रेनर मदन मांझी और ईश्वर महली ने दिया. प्रशिक्षण को सफल बनाने में मुख्य संयोजक के रूप में नंद किशोर कुमार, राजेंद्र राम, रमेश राम, द्वारिका राम, नंदू राम, सुरेश राम ने मदद दिया. मौके पर रविदास टोला के बच्चों ने अतिथियों के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का मन मोहा.