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हजारीबाग के मददगारः धर्म से ऊपर उठकर बाबू खान और ओमप्रकाश कर रहे कोरोना मरीजों की मदद

कोरोना का वक्त ऐसा गुजर रहा है, जहां अपने ही अपनों का साथ छोड़ कर जा रहे हैं. पर कुछ तस्वीरें ऐसी हैं, जो यो बयां करती हैं कि आज भी इंसानियत जिंदा है. लोगों में जमीर कायम है. हजारीबाग के बाबू खान और ओमप्रकाश धर्म और जात-पात के बंधन से ऊपर उठकर शहर में कोरोना मरीजों की मदद कर रहे हैं.

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हजारीबाग के मददगार
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Published : May 8, 2021, 5:13 PM IST

Updated : May 8, 2021, 9:30 PM IST

हजारीबागः गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल इन दिनों हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दिख रहा है. जहां रमजान के पाक महीने में रोजा रखकर बाबू खान कोरोना मरीजों की मदद कर रहा है. जिसने 20 दिन से अपने 3 बच्चों और पत्नी का मुंह तक नहीं देखा, वो लगातार अस्पताल में डटा है, ताकि मरीजों की मदद की जा सके. दूसरी ओर ओमप्रकाश गोप घर-घर घूमकर लोगों को कोरोना टेस्ट के लिए जागरूक कर रहे हैं. ना जात, ना धर्म, ना ही ऊंच-नीच का भाव, मानव कल्याण और उनकी सेवा का एकमात्र उद्देश्य समाज के उन लोगों की मदद कर रहे हैं, जो इस संक्रमण के दौर में परेशान हैं.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- हजारीबागः टायर और साउंड सिस्टम गोदाम में लगी आग, लाखों का नुकसान


रमजान के वक्त 20 से अस्पताल में डटे हैं बाबू खान

वर्तमान समय में अगर कोई व्यक्ति मदद के लिए आगे आता है तो उसे फरिश्ता ही माना जाता है. हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों तलत शब्बीर उर्फ बाबू खान संक्रमित मरीजों की मदद कर उन्हें सहायता प्रदान कर रहे हैं. बाबू खान ने रोजा रखा है, इस समय भी लोगों की सहायता करना अपना प्रथम कर्तव्य मानते हैं. उनका कहना है कि पिछले 20 दिनों से मैं अपने घर नहीं गया हूं. शाम को सिर्फ रोजा खोलने के लिए 1 घंटे घर के दुआरी पर जाता हूं और फिर रोजा खोल कर वापस अस्पताल आता हूं.

अस्पताल में ही रहना, खाना और सेवा चल रहा है. उनका कहना है कि आज के समय में अगर इंसान इंसान की मदद नहीं करेगा तो ऐसा जिंदगी बेकार है. ऐसे में मैं पिछले 20 दिनों से मरीजों को उनके वार्ड तक ऑक्सीजन पहुंचा रहा हूं. कोई अगर ग्रामीण क्षेत्र के मरीज आते हैं तो उन्हें अस्पताल के बारे में जानकारी देता हूं. फिर वरीय पदाधिकारी को सूचना देता हूं, ताकि मरीज का अच्छा इलाज हो सके.

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग: सांसद जयंत सिन्हा ने कोविड केयर सेंटर का किया शुभारंभ, फ्री में होगा इलाज

घर-घर जाकर लोगों को कोरोना टेस्ट के लिए जागरूक करते हैं ओमप्रकाश

दूसरी ओर हजारीबाग के ही ओमप्रकाश गोप शहर के लोगों को जागरूक कर रहे हैं. संक्रमण के लक्षण दिखने पर उन्हें जांच के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उनका कहना है कि आज के समय में सबसे महत्वपूर्ण है कि लोग लक्षण दिखने पर सरकार की ओर से लगाए गए जांच शिविर में पहुंचे और जांच कराएं, ताकि उन्हें सही जानकारी मिल सके. उनका कहना है कि लोगों में जांच के प्रति थोड़ा भय है. ऐसे में मैं लोगों को प्रेरित करता हूं, उनके घर में जाता हूं और फिर उन्हें टेस्ट करवाता हूं. अगर वो पॉजिटिव निकलते हैं तो सरकार ने मेडिसिन किट मुहैया किया है उसे दिलाता हूं, ताकि संक्रमण प्रभावित ना करें.

जिस तरह से रोजा रखकर बाबू खान समाज सेवा कर रहे हैं तो दूसरी ओर ओमप्रकाश गोप लोगों को जागरूक कर रहे हैं. यह बताता है कि हजारीबाग के लोग संजीदा है. जरूरत है समाज के अन्य लोगों को भी आगे आकर मदद करने की.

हजारीबागः गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल इन दिनों हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दिख रहा है. जहां रमजान के पाक महीने में रोजा रखकर बाबू खान कोरोना मरीजों की मदद कर रहा है. जिसने 20 दिन से अपने 3 बच्चों और पत्नी का मुंह तक नहीं देखा, वो लगातार अस्पताल में डटा है, ताकि मरीजों की मदद की जा सके. दूसरी ओर ओमप्रकाश गोप घर-घर घूमकर लोगों को कोरोना टेस्ट के लिए जागरूक कर रहे हैं. ना जात, ना धर्म, ना ही ऊंच-नीच का भाव, मानव कल्याण और उनकी सेवा का एकमात्र उद्देश्य समाज के उन लोगों की मदद कर रहे हैं, जो इस संक्रमण के दौर में परेशान हैं.

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रमजान के वक्त 20 से अस्पताल में डटे हैं बाबू खान

वर्तमान समय में अगर कोई व्यक्ति मदद के लिए आगे आता है तो उसे फरिश्ता ही माना जाता है. हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों तलत शब्बीर उर्फ बाबू खान संक्रमित मरीजों की मदद कर उन्हें सहायता प्रदान कर रहे हैं. बाबू खान ने रोजा रखा है, इस समय भी लोगों की सहायता करना अपना प्रथम कर्तव्य मानते हैं. उनका कहना है कि पिछले 20 दिनों से मैं अपने घर नहीं गया हूं. शाम को सिर्फ रोजा खोलने के लिए 1 घंटे घर के दुआरी पर जाता हूं और फिर रोजा खोल कर वापस अस्पताल आता हूं.

अस्पताल में ही रहना, खाना और सेवा चल रहा है. उनका कहना है कि आज के समय में अगर इंसान इंसान की मदद नहीं करेगा तो ऐसा जिंदगी बेकार है. ऐसे में मैं पिछले 20 दिनों से मरीजों को उनके वार्ड तक ऑक्सीजन पहुंचा रहा हूं. कोई अगर ग्रामीण क्षेत्र के मरीज आते हैं तो उन्हें अस्पताल के बारे में जानकारी देता हूं. फिर वरीय पदाधिकारी को सूचना देता हूं, ताकि मरीज का अच्छा इलाज हो सके.

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घर-घर जाकर लोगों को कोरोना टेस्ट के लिए जागरूक करते हैं ओमप्रकाश

दूसरी ओर हजारीबाग के ही ओमप्रकाश गोप शहर के लोगों को जागरूक कर रहे हैं. संक्रमण के लक्षण दिखने पर उन्हें जांच के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उनका कहना है कि आज के समय में सबसे महत्वपूर्ण है कि लोग लक्षण दिखने पर सरकार की ओर से लगाए गए जांच शिविर में पहुंचे और जांच कराएं, ताकि उन्हें सही जानकारी मिल सके. उनका कहना है कि लोगों में जांच के प्रति थोड़ा भय है. ऐसे में मैं लोगों को प्रेरित करता हूं, उनके घर में जाता हूं और फिर उन्हें टेस्ट करवाता हूं. अगर वो पॉजिटिव निकलते हैं तो सरकार ने मेडिसिन किट मुहैया किया है उसे दिलाता हूं, ताकि संक्रमण प्रभावित ना करें.

जिस तरह से रोजा रखकर बाबू खान समाज सेवा कर रहे हैं तो दूसरी ओर ओमप्रकाश गोप लोगों को जागरूक कर रहे हैं. यह बताता है कि हजारीबाग के लोग संजीदा है. जरूरत है समाज के अन्य लोगों को भी आगे आकर मदद करने की.

Last Updated : May 8, 2021, 9:30 PM IST
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