हजारीबाग: जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई नर्सिंग होम और डायग्नोसिस सेंटर में छापेमारी की. प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 3 नर्सिंग होम को सील कर दिया. वहीं, दो डायग्नोसिस सेंटर को भी सील किया गया है.
हजारीबाग उपविकास आयुक्त विजय जाधव की अध्यक्षता में प्रशासनिक अधिकारी और सदर अस्पताल के डॉक्टरों की टीम द्वारा देर रात तक स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कार्रवाई की गई. नवाबगंज स्थित पूनम नर्सिंग होम, सदर अस्पताल के सामने ओकनी रोड में सहाय नर्सिंग होम और जीवन ज्योति नर्सिंग होम को सील कर दिया गया.
ये भी पढ़ें-अर्जुन मुंडा ने ली मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बांटे लड्डू
वहीं, नवाबगंज स्थित सहारा और हेल्थ केयर डायग्नोसिस सेंटर को भी सील किया गया है. 4 घंटे से अधिक चली इस कार्रवाई में प्रशासन के द्वारा नर्सिंग होम से संबंधित दस्तावेज और अल्ट्रासाउंड की मशीन भी जब्त किए गए हैं. छापेमारी के दौरान भ्रूण जांच करने वाले दो डलहौसी सेंटर को भी सील किया गया.
दरअसल, उपविकास आयुक्त विजय जाधव को यह सूचना मिली थी कि जिले में कई डायग्नोसिस सेंटर में भ्रूण जांच कराया जा रहा है और इसी पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने यह सफलता हासिल की है. उन्होंने कहा कि इसके लिए बकायदा योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की गई है. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि कानूनन भ्रूण जांच करना अपराध है. कोई भी डायग्नोसिस सेंटर अगर जांच करवाने जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
कार्रवाई करने के बाद उन्होंने जानकारी दी कि हजारीबाग में कई नर्सिंग होम बिना ही किसी लाइसेंस के चलाए जा रहे हैं. नियम कानून को ताक पर रखकर व्यवसाय कर रहे हैं. जांच के दौरान पाया गया कि स्वास्थ्य सुविधा देने के बजाय वह अवैध रूप से बिना किसी सुविधा के नर्सिंग होम चला रहे हैं. जिससे मरीजों के जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है. वहीं, जांच के दौरान नर्सिंग होम के संचालक सामने नहीं आए.
उपविकास आयुक्त विजया जाधव ने छापेमारी के दौरान कई मरीजों को एंबुलेंस से सदर अस्पताल में भेजा. वहां उनकी चिकित्सा सेवा शुरू कराई गई है. उन्होंने मरीजों से अपील भी किया है कि अब सरकारी अस्पताल में सेवा नि:शुल्क दी जा रही है. ऐसे में गैर कानूनी ढंग से जो नर्सिंग होम चल रहे हैं वहां ना जाकर सदर अस्पताल में जाकर सेवा लें.