गिरिडीहः अफ्रीकन देश माली में झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग के 33 मजदूर फंसे हैं. इन मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से वतन वापसी की गुहार लगाई थी. बगोदर के सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने इस वीडियो को ईटीवी भारत के संवाददाता को मुहैया कराया था जिसे प्रमुखता से प्रसारित किया गया. अब इन मजदूरों के वतन वापसी को लेकर जनप्रतिनिधि रेस हो गए हैं. इस क्षेत्र की सांसद ( कोडरमा लोकसभा) सह केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी पहल की है.
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केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इसे लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से बात की और पत्र भी लिखा. अन्नपूर्णा देवी के गिरिडीह सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने विदेश मंत्री से माली स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से वहां फंसे झारखंड के श्रमिकों को तत्काल राहत दिलाने का आग्रह किया. विदेश मंत्री के निर्देश पर माली में फंसे श्रमिकों की मुलाकात भारत के राजदूत से हुई. उनका हाल जाना और प्रभावी हस्तक्षेप करते हुए श्रमिकों को तात्कालिक राहत के तौर पर तीन महीने का बकाया वेतन दिलाया. उन्होंने कहा कि अन्नपूर्णा देवी भारत के विदेश मंत्रालय और माली स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से लगातार श्रमिकों के संपर्क में हैं और उन्हें कोई दिक्कत न हो, इसका ध्यान रख रही हैं.
गिरिडीह सांसद ने भी लिखा पत्रः दूसरी तरफ गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने भी इसे लेकर विदेश मंत्री को पत्र लिखा है. इसकी जानकारी सांसद ने ट्विटर के माध्यम से दी है. पत्र में कहा है कि जो मजदूर फंसे हैं उनमें से 6 मजदूर उनके संसदीय क्षेत्र के हैं. मजदूरों के परिजनों ने घर वापसी के लिए आग्रह किया है.
कई नेताओं ने किया ट्वीटः इनके अलावा राज्य श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने सोमवार को ही राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को निर्देश देकर मजदूरों की घर वापसी की दिशा में आवश्यक पहल करने को कहा था. उन्होंने कहा था कि राज्य के मजदूर कहीं भी रहें उनकी सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार पूरी तरह तत्पर है. इनके अलावा राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, मंत्री चंपई सोरेन, जेएमएम विधायक सीता सोरेन, बीजेपी विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने भी ट्वीट कर मजदूरों की घर वापसी के लिए आवश्यक पहल करने की मांग विदेश मंत्री से की थी. इधर सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने बताया कि मंगलवार को उनकी बात मजदूरों से हुई थी. मजदूर एम्बेसी गए थे.