गिरिडीह: बगोदर विधानसभा क्षेत्र के बरांय गांव के ग्रामीणों ने मिसाल पेश किया है. ग्रामीणों को जब पानी में डूबकर आवागमन करना पड़ा तब ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर बांस से पुल बना दिया. अब बांस से बने पुल होकर ग्रामीण आवागमन कर रहे हैं. अब तक यहां पुल नहीं बनाए जाने के कारण ग्रामीणों ने सरकारी व्यवस्था को कोसा भी जा रहा है. इसके साथ ही अलग राज्य झारखंड निर्माण के उद्देश्यों पर भी सवाल खड़ा किया जा रहा है.
दरअसल, बरांय गांव के बड़का बांध से एक नाला निकला है. इसी नाले होकर कई गांवों के ग्रामीणों को आवागमन करना पड़ता है. बारिश के कारण बांध में पानी भर गया है और नाला तक काफी पानी भर गया है. ऐसे में पानी में डूबकर ग्रामीणों को आवागमन करना पड़ रहा था. इससे महिलाएं और बच्चों को काफी परेशानी हो रही थी. इसे देखते हुए ग्रामीणों ने सहयोग राशि इकठ्ठा कर नाले पर बांस से चचरी पुल बना दिया. बांस के इस चचरी पुल बन जाने से ग्रामीणों को आवागमन करने में अब सहूलियत होने लगी है.
15 हजार रुपये में बना पुल
बता दें कि बरांय पंचायत बगोदर विधानसभा क्षेत्र, बिष्णुगढ़ प्रखंड में पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि बांस के चचरी पुल बनाने में लगभग 15 हजार रुपए खर्च हुए हैं और तीन दिन समय लगा है. बताया कि इस पुल के बनाने में 50 से अधिक बांस, सखुआ का लकड़ी और कांटी लगा है.
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वहीं, फलजीत यादव और राजू यादव ने बताया कि इस नाले पर पुल बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है लेकिन इस ओर ना तो सरकार और ना ही प्रशासन ने कभी गंभीरता दिखाई. लिहाजा ग्रामीणों ने आवागमन की सहुलियत को देखते हुए बांस से पुल बनाने का बीड़ा उठाया और दो दिन पहले निर्माण कार्य को भी पूरा कर लिया गया. ग्रामीणों ने एक बार फिर से इस नाले पर पुल बनाए जाने की मांग की जा रही है.