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सीबीआई के जब्त स्टॉक से गायब हो रहा कोयला, सुरक्षा गार्डों की आंखों में भी झोंका धूल

गिरिडीह में कोयला चोरों का आतंक बढ़ गया है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चोरों को अब सीबीआई का भी डर नहीं है. बता दें कि सीबीआई जिस मामले की जांच कर रही है और जहां जब्त कोयला स्टॉक रखा है उस पर ही चोर हाथ साफ कर रहे हैं.

Theft of coal from the seized stock of CBI
गिरिडीह में कोयला चोरी
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Published : Jun 26, 2020, 10:19 AM IST

गिरिडीह: जिले में कोयला चोरी का लंबा इतिहास है. कहा जाता है कि यहां जिस कोल डंप पर माफियाओं की नजर पड़ती है उसका बचना नामुमकिन रहता है. अबकी बार माफियाओं ने उस स्टॉक से कोयला की चोरी की है जिसे सीबीआई ने जब्त कर रखा है. यह चोरी दिन के उजाले में भारी मालवाहकों से की गयी और यहां पर कार्यरत निजी सुरक्षा गार्ड तमाशबीन बन रहे हैं.

देखें पूरी खबर

दरअसल, कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने पांच साल पहले ही मुफस्सिल थाना इलाके के ब्रह्मडीहा ओपनकास्ट माइंस (केस्ट्रोन माइिनंग) में रखे कोयले के स्टॉक की न सिर्फ जांच की बल्कि स्टॉक की जानकारी लेते हुए इसे सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था. पांच सालों से इस स्टॉक की हिफाजत 48 निजी सुरक्षा गार्ड करते रहे हैं.

ये भी पढ़ें-पत्थलगड़ी समर्थक का शव मिलने के बाद एसपी का बयान, कहा- मृतक का आंदोलन से कोई लेना देना नहीं

फर्जी कागजात के सहारे उड़ा लिया कोयला

इस बीच तीन महीने पहले कुछ लोग पहुंचे और जय मां गायत्री इंटरप्राइजेज नाम की एक कंपनी का एक पत्र यहां पर तैनात गार्डों को दिया. उन्होंने कहा कि इस स्टॉक के उठाव का आदेश मिल गया है और इसके बदले में प्रत्येक ट्रक 10 हजार रुपए का भुगतान गार्डों का किया जाएगा. पिछले चार वर्षों से बगैर मानदेय के काम कर रहे गार्ड समझ नहीं सके की उनके साथ ही धोखा हो रहा है. उन्हें लगा कि कोयला का उठाव के बदले कुछ पैसा मिलेगा तो उन्हें कुछ राहत मिलेगी.

गार्ड का काम कर रहे सादाब उर्फ छोटू मास्टर कहते हैं कि उन गार्डों के साथ धोखा हुआ है. यहां से डेढ़ दर्जन ट्रक कोयला उठाया गया और गार्डों को एक रुपया भी नहीं दिया गया. जब पुलिस यहां पहुंची तो पता चला कि कोयला के उठाव का आदेश नहीं मिला था बल्कि गलत कागजात दिखाकर कोयला के स्टॉक पर हाथ साफ किया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस के आने के बाद कोयला उठाने वाले लोग कभी भी इस माइंस पर नहीं आए.

पांच वर्षों से नहीं मिला 48 गार्डों को मानदेय

आवंटन घोटाले की जांच जब से शुरू हुई तभी से यहां पर काम कर रहे निजी सुरक्षा गार्ड परेशान हैं. यहां पर कार्यरत गार्डों को पिछले चार-पांच वर्ष से मानदेय नहीं मिला है. इस संदर्भ में यहां के गार्ड का कहना है कि जिस कंपनी के लिए वे लोग काम करते हैं. वे पहले ही सीबीआई का नाम लेकर हाथ खड़े कर चुकी है. इसे लेकर धनबाद श्रम विभाग में मुकदमा भी किया गया, लेकिन भुगतान नहीं हो सका. अब यह कोल स्टॉक गार्डों के लिए मुसीबत का सबब बन चुका है.

सीबीआई और ईडी कर चुकी है जांच

बता दें कि कोलगेट घोटाला के उजागर होने के बाद से इस केस्ट्रोन माइिनंग में जांच के लिए तीन बार सीबीआई की टीम आ चुकी है, जबकि दो बार रांची से प्रवर्तन निदेशालय के पदाधिकारी भी आ चुके हैं. हर बार कोयला स्टॉक के साथ कागजातों को खंगाला गया. इस बार स्टॉक से कोयला के उठाव की जानकारी भी खुफिया विभाग ने संबंधित विभाग को दे चुकी है. ऐसे में यह संभावना है कि जल्द इस मामले की भी जांच हो सकती है.

गिरिडीह: जिले में कोयला चोरी का लंबा इतिहास है. कहा जाता है कि यहां जिस कोल डंप पर माफियाओं की नजर पड़ती है उसका बचना नामुमकिन रहता है. अबकी बार माफियाओं ने उस स्टॉक से कोयला की चोरी की है जिसे सीबीआई ने जब्त कर रखा है. यह चोरी दिन के उजाले में भारी मालवाहकों से की गयी और यहां पर कार्यरत निजी सुरक्षा गार्ड तमाशबीन बन रहे हैं.

देखें पूरी खबर

दरअसल, कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने पांच साल पहले ही मुफस्सिल थाना इलाके के ब्रह्मडीहा ओपनकास्ट माइंस (केस्ट्रोन माइिनंग) में रखे कोयले के स्टॉक की न सिर्फ जांच की बल्कि स्टॉक की जानकारी लेते हुए इसे सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था. पांच सालों से इस स्टॉक की हिफाजत 48 निजी सुरक्षा गार्ड करते रहे हैं.

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फर्जी कागजात के सहारे उड़ा लिया कोयला

इस बीच तीन महीने पहले कुछ लोग पहुंचे और जय मां गायत्री इंटरप्राइजेज नाम की एक कंपनी का एक पत्र यहां पर तैनात गार्डों को दिया. उन्होंने कहा कि इस स्टॉक के उठाव का आदेश मिल गया है और इसके बदले में प्रत्येक ट्रक 10 हजार रुपए का भुगतान गार्डों का किया जाएगा. पिछले चार वर्षों से बगैर मानदेय के काम कर रहे गार्ड समझ नहीं सके की उनके साथ ही धोखा हो रहा है. उन्हें लगा कि कोयला का उठाव के बदले कुछ पैसा मिलेगा तो उन्हें कुछ राहत मिलेगी.

गार्ड का काम कर रहे सादाब उर्फ छोटू मास्टर कहते हैं कि उन गार्डों के साथ धोखा हुआ है. यहां से डेढ़ दर्जन ट्रक कोयला उठाया गया और गार्डों को एक रुपया भी नहीं दिया गया. जब पुलिस यहां पहुंची तो पता चला कि कोयला के उठाव का आदेश नहीं मिला था बल्कि गलत कागजात दिखाकर कोयला के स्टॉक पर हाथ साफ किया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस के आने के बाद कोयला उठाने वाले लोग कभी भी इस माइंस पर नहीं आए.

पांच वर्षों से नहीं मिला 48 गार्डों को मानदेय

आवंटन घोटाले की जांच जब से शुरू हुई तभी से यहां पर काम कर रहे निजी सुरक्षा गार्ड परेशान हैं. यहां पर कार्यरत गार्डों को पिछले चार-पांच वर्ष से मानदेय नहीं मिला है. इस संदर्भ में यहां के गार्ड का कहना है कि जिस कंपनी के लिए वे लोग काम करते हैं. वे पहले ही सीबीआई का नाम लेकर हाथ खड़े कर चुकी है. इसे लेकर धनबाद श्रम विभाग में मुकदमा भी किया गया, लेकिन भुगतान नहीं हो सका. अब यह कोल स्टॉक गार्डों के लिए मुसीबत का सबब बन चुका है.

सीबीआई और ईडी कर चुकी है जांच

बता दें कि कोलगेट घोटाला के उजागर होने के बाद से इस केस्ट्रोन माइिनंग में जांच के लिए तीन बार सीबीआई की टीम आ चुकी है, जबकि दो बार रांची से प्रवर्तन निदेशालय के पदाधिकारी भी आ चुके हैं. हर बार कोयला स्टॉक के साथ कागजातों को खंगाला गया. इस बार स्टॉक से कोयला के उठाव की जानकारी भी खुफिया विभाग ने संबंधित विभाग को दे चुकी है. ऐसे में यह संभावना है कि जल्द इस मामले की भी जांच हो सकती है.

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