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कोयला उठाव पर तनाव, मजदूर और ट्रक ऑनर्स ने शुरू की पहरेदारी

गिरिडीह में कोयला उठाव को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसको लेकर इलाके में टकराव की संभावना बढ़ती जा रही है. यहां एमपीएल को कोयला आवंटन देने के खिलाफ ट्रक ऑनर्स लगातार आंदोलनरत हैं, अब असंगठित मजदूरों ने भी विरोध कर अपने तेवर तल्ख कर दिए हैं.

Tension over coal offtake in Giridih
Tension over coal offtake in Giridih
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Published : Sep 2, 2021, 5:29 PM IST

गिरिडीहः जिला में कोयला उठाव को लेकर टकराव की संभावना बढ़ती जा रही है. यहां एमपीएल को कोयला आवंटन देने के खिलाफ ट्रक ऑनर्स लगातार आंदोलनरत है. अब असंगठित मजदूरों ने भी विरोध का तेवर दिखला दिया है.

इसे भी पढ़ें- MPL को मिला 10 हजार टन कोयला का ऑफर, झाकोमयू ने दी आंदोलन की चेतावनी


सीसीएल गिरिडीह कोलियरी से जल्द ही एमपीएल (मैथन पावर लिमिटेड) कोयला का उठाव कर सकती है. इसे लेकर ट्रक ऑनर्स एशोसिएशन पिछले कई दिनों से आंदोलनरत है. अब जैसे-जैसे एमपीएल की ओर से कोयला उठाव करने का रास्ता साफ होने लगा है, वैसे-वैसे आंदोलन भी तेज होने लगा है. इस आंदोलन में लोकल सेल सरदार के साथ कोयला लोडिंग करनेवाले असंगठित मजदूर भी कूद गए हैं.

देखें पूरी खबर

गुरुवार को एमपीएल की ओर से कोयला उठाने की संभावना को देखते हुए ट्रक ऑनर्स और असंगठित मजदूर सीसीएल के ओपेनकास्ट डंप यार्ड के समीप अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. यहां इस आंदोलन का नेतृत्व जिला परिषद उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता कामेश्वर पासवान कर रहे हैं. कामेश्वर के साथ ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र यादव के अलावा कमलचंद साहू, सुरेश राम, उमेश दास, राजेंद्र राय, कम्पू यादव के अलावा काफी संख्या में महिला-पुरुष भी आंदोलनरत हैं.


'नहीं उठने देंगे कोयला'
कामेश्वर पासवान ने कहा कि कोयला निकालने के लिए अधिग्रहित जमीन में से कइ रैयतों को मुआवजा नहीं दिया गया है. इसे लेकर 70 के दशक में जब आंदोलन शुरू हुआ तो प्रबंधन स्थानीय लोगों और यूनियन लीडर की बैठक में यह समझौता हुआ कि उत्पादित कोयला में से 60 फीसदी रेल रैक से तो स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए 40 फीसदी कोयला दिया जाए, जिसे रोड डिस्पैच से भेजा जाएगा.

इसे भी पढ़ें- गिरिडीहः MPL को कोयला ऑफर देने के खिलाफ मजदूर यूनियन, असंगठित मजदूरों को काम देने की मांग

इससे हजारों लोगों को रोजगार मिला, पर अब एमपीएल को कोयला दिए जाने की तैयारी की गई है, इससे हजारों स्थानीय लोग बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने साफ किया कि वो किसी भी सूरत में यहां से कोयला का उठाव एमपीएल को करने नहीं दिया जाएगा. कामेश्वर के अलावा दूसरे नेताओं ने भी कोयला उठाव का विरोध किया है. सभी का कहना है कि एमपीएल को किसी भी हाल में कोयला उठाने नहीं दिया जाएगा.

Tension over coal offtake in Giridih
धरना देतीं महिला मजदूर


क्या है मामला
गिरिडीह कोलियरी से लगभग 2 हजार टन कोयला उठाव का आवंटन एमपीएल को मिला है. इस आवंटन के बाद से ही विरोध शुरू हो गया है. भाजपा, कांग्रेस, बीजेपी ने भी इस उठाव का विरोध किया है. इसके साथ-साथ अब स्थानीय मजदूर और ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के लोग भी इसके विरोध में आ गए हैं, इसको लेकर अब टकराव की स्थिति बनने लगी है.

गिरिडीहः जिला में कोयला उठाव को लेकर टकराव की संभावना बढ़ती जा रही है. यहां एमपीएल को कोयला आवंटन देने के खिलाफ ट्रक ऑनर्स लगातार आंदोलनरत है. अब असंगठित मजदूरों ने भी विरोध का तेवर दिखला दिया है.

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सीसीएल गिरिडीह कोलियरी से जल्द ही एमपीएल (मैथन पावर लिमिटेड) कोयला का उठाव कर सकती है. इसे लेकर ट्रक ऑनर्स एशोसिएशन पिछले कई दिनों से आंदोलनरत है. अब जैसे-जैसे एमपीएल की ओर से कोयला उठाव करने का रास्ता साफ होने लगा है, वैसे-वैसे आंदोलन भी तेज होने लगा है. इस आंदोलन में लोकल सेल सरदार के साथ कोयला लोडिंग करनेवाले असंगठित मजदूर भी कूद गए हैं.

देखें पूरी खबर

गुरुवार को एमपीएल की ओर से कोयला उठाने की संभावना को देखते हुए ट्रक ऑनर्स और असंगठित मजदूर सीसीएल के ओपेनकास्ट डंप यार्ड के समीप अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. यहां इस आंदोलन का नेतृत्व जिला परिषद उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता कामेश्वर पासवान कर रहे हैं. कामेश्वर के साथ ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र यादव के अलावा कमलचंद साहू, सुरेश राम, उमेश दास, राजेंद्र राय, कम्पू यादव के अलावा काफी संख्या में महिला-पुरुष भी आंदोलनरत हैं.


'नहीं उठने देंगे कोयला'
कामेश्वर पासवान ने कहा कि कोयला निकालने के लिए अधिग्रहित जमीन में से कइ रैयतों को मुआवजा नहीं दिया गया है. इसे लेकर 70 के दशक में जब आंदोलन शुरू हुआ तो प्रबंधन स्थानीय लोगों और यूनियन लीडर की बैठक में यह समझौता हुआ कि उत्पादित कोयला में से 60 फीसदी रेल रैक से तो स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए 40 फीसदी कोयला दिया जाए, जिसे रोड डिस्पैच से भेजा जाएगा.

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इससे हजारों लोगों को रोजगार मिला, पर अब एमपीएल को कोयला दिए जाने की तैयारी की गई है, इससे हजारों स्थानीय लोग बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने साफ किया कि वो किसी भी सूरत में यहां से कोयला का उठाव एमपीएल को करने नहीं दिया जाएगा. कामेश्वर के अलावा दूसरे नेताओं ने भी कोयला उठाव का विरोध किया है. सभी का कहना है कि एमपीएल को किसी भी हाल में कोयला उठाने नहीं दिया जाएगा.

Tension over coal offtake in Giridih
धरना देतीं महिला मजदूर


क्या है मामला
गिरिडीह कोलियरी से लगभग 2 हजार टन कोयला उठाव का आवंटन एमपीएल को मिला है. इस आवंटन के बाद से ही विरोध शुरू हो गया है. भाजपा, कांग्रेस, बीजेपी ने भी इस उठाव का विरोध किया है. इसके साथ-साथ अब स्थानीय मजदूर और ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के लोग भी इसके विरोध में आ गए हैं, इसको लेकर अब टकराव की स्थिति बनने लगी है.

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